Friday 17 December 2021 04:37 PM IST : By Nishtha Gandhi

बढ़ रहा है रिजॉर्ट में स्टेकेशन का क्रेज

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जब से कोरोना ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया है, तब से टूरिज्म इंडस्ट्री का तो लगभग भट्ठा ही बैठ गया है। पिछले साल तो बहुत मजबूरी में ही लोगों ने घर से बाहर कदम रखा। लंबे समय तक वर्क फ्रॉम होम होने के कारण लोग अब बुरी तरह से ऊबने लगे हैं। हालांकि किसी टूरिस्ट स्पॉट या पब्लिक प्लेस में जाने का डर अभी भी मन में बरकरार है। इस डर का हल है कुछ दिनों के लिए घर से दूर किसी ऐसी जगह जा कर रहना, जहां पर पूरी सुरक्षा के साथ एंजॉयमेंट के लिए भी साधन मौजूद हों। दिल्ली में रहने वाले योगेंद्र कश्यप और उनकी पत्नी दोनों ही नौकरीपेशा हैं। आमतौर पर वे साल में एक या दो बार फैमिली हॉलिडे पर जरूर जाते थे। लेकिन कोरोना काल में लगी पाबंदियों के कारण पूरा परिवार घर में ही रहने को मजबूर था। योगेंद्र का कहना है, ‘‘पिछला साल तो हमने डर के कारण घर में रह कर निकाल दिया, लेकिन धीरे-धीरे ऊब होने लगी। बच्चों के साथ किसी टूरिस्ट स्पॉट पर जाना खतरे से खाली नहीं था। फिर हमें किसी दोस्त ने बताया कि वह पूरे परिवार के साथ मानेसर के एक रिजॉर्ट में एक सप्ताह छुटि्टयां मना कर आया है, तो हमें भी यह आइडिया क्लिक कर गया। हम भी अपने दोस्त के बताए रिजॉर्ट में पहुंच गए। वहां पर हालांकि बहुत एक्टिविटीज तो नहीं हुईं, पर फिर भी नेचुरल ब्यूटी एंजॉय करने के साथ-साथ हमने साइकिलिंग, पॉटरी, सेल्फ कुकिंग जैसी एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट किया। इस दौरान वर्क फ्रॉम होम वर्क फ्रॉम रिजॉर्ट में बदल गया। यानी ऑफिस से छुट्टी भी नहीं लेनी पड़ी और मूड भी फ्रेश हो गया।’’

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कश्यप फैमिली की ही तरह ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अब छुटि्टयां मनाने का तरीका बदल लिया है। किसी टूरिस्ट स्पॉट पर रहने के बजाय वे ऐसी जगह जाना पसंद करते हैं, जहां वे कोविड के खतरे से महफूज रह सकें और रिजॉर्ट इसके लिए बेस्ट ऑप्शन है। 

रिजॉर्ट्स में हैं खास इंतजाम

पिछले एक साल में ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को जबर्दस्त घाटा झेलना पड़ा है। यूएन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के कारण पिछले साल 2.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान टूरिज्म और उससे जुड़े सेक्टर्स को झेलना पड़ा था। इस साल हालात बेहतर होते, उससे पहले ही कोविड की अगली लहर का कहर शुरू हो गया। इस साल भी लगभग इतना ही नुकसान पूरे विश्व में होने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा लाखों लोगों काे नौकरियां भी खोनी पड़ी हैं। टूरिज्म सेक्टर के इस बढ़ते घाटे का हल निकला स्टेकेशन के रूप में। बिशनगढ़ के आलीला रिजॉर्ट एंड स्पा की प्रज्ञा राठौर के मुतााबिक, ‘‘हमारे रिजॉर्ट में गेस्ट के लिए स्टेकेशन पैकेजेस खासतौर से प्लान किए गए हैं। इसमें कई तरह की एक्टिविटीज, खाना सब चीजें शामिल हैं। आमतौर पर रिजॉर्ट में लोग नेचर को एंजॉय करने, रिलैक्स करने के लिए आते हैं। जो गेस्ट आसपास के इलाके में घूमना चाहते हैं, उनके लिए कोविड प्रोटोकॉल्स का ध्यान रखते हुए अरेंजमेंट किए जाते हैं। आमतौर पर हम एक बार में एक ही फैमिली को साइटसीइंग के लिए ले जाते हैं। डाइनिंग हॉल में भी बैठने का अरेंजमेंट सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया गया है। फिलहाल इन दिनों हमारे यहां जो गेस्ट आ रहे हैं, वे घूमने-फिरने के बजाय चेंज के लिए हमारे रिजॉर्ट में रहने के लिए आते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए न्यू इयर के लिए भी ऐसे ही कुछ पैकेज प्लान किए जा रहे हैं। इसमें भी कोविड नियमों और गाइडलाइंस का पूरा ध्यान रखा जाएगा।’’ 

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रिजॉर्ट्स में रहने के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स में भी लोग रुचि दिखा रहे हैं। पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हिल स्टेशंस में पर्यटकों का उमड़ता हुआ हुजूम इस बात का जीताजागता सबूत था कि लोग चारदीवारी में बंद रह कर किस कदर बोर हो चुके हैं। फॉर ए चेंज कुछ दिनों के लिए किसी ऐसी जगह में रहना मन को सुकून भी देनेवाला है। इसी को देखते हुए कई होटल्स और रिजॉर्ट वर्क फ्रॉम होम पैकेजेस उपलब्ध करा रहे हैं, जिनमें खाना-पीना, रहना, इंटरनेट की सुविधा, डॉग्स और वीकेंड पर बॉनफायर, ट्रेकिंग के अलावा घूमने-फिरने का अरेंजमेंट शामिल है। स्टेकेशन पैकेज आम पैकेज के मुकाबले थोड़े सस्ते भी हैं। जाहिर है, ऐसे समय में जब कमाई बिलकुल नगण्य ही है, तो पर्यटकों को लुभाने के लिए होटलों को अपने पैकेज में कटौती करनी ही पड़ेगी। हिमाचल प्रदेश में मछियाल, बीर बिलिंग, बरोट जैसी जगहों में बने रिजॉर्ट स्टेकेशन का हॉट स्पॉट बने हुए हैं। 

हिमाचल के चंबा के रिजॉर्ट ऑर्चर्ड हट के विनायक का कहना है, ‘‘कोरोना से पहले हमारे यहां जो टूरिस्ट आते थे, अब उसके आधे भी नहीं आ रहे हैं, लेकिन फिर भी हमारे यहां वर्क फ्रॉम होम पैकेज उपलबध है। फिलहाल हमारे यहां बंगलुरु से आया एक कपल भी मौजूद है, जो पिछले डेढ़ महीने से यहां रुका हुआ है। इसके अलावा थोड़े समय के लिए आ कर ठहरने वाले टूरिस्ट भी यहां आ रहे हैं। हालांकि ये लोग अब उतने पैसे खर्च नहीं करना चाहते, जितने का आमतौर पर हमारा पैकेज होता है। इसलिए हमने भी इसमें कटौती करके अपने यहां आनेवाले गेस्ट के लिए बेसिक सुविधाएं मुहैया करायी हैं। इस तरह के पैकेज की कीमत 7 दिनों के लिए 11 हजार से शुरू हो कर 20 हजार तक जाती है। पिछले दिनों मुंबई से एक परिवार दीवाली मनाने हमारी प्रॉपर्टी में आया था। हालांकि टूरिज्म सेक्टर का इतना बुरा हाल हो चुका है कि सरकार को इस तरफ ध्यान जरूर देना चाहिए।’’

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