अधूरे हम अधूरे तुम भाग-2

अधूरे हम अधूरे तुम भाग-1

अधूरे हम अधूरे तुम भाग-1

ध्रुवी और निनाद के बीच का प्यार किशोरावस्था में अंकुरित हुआ, पर उनका साथ कुछ ही दिनों का रहा। वे मिले तो ऐसा क्या हुआ कि ध्रुवी के चाहने के...

जुस्तजू भाग-2

जुस्तजू भाग-2

अहाना अपनी सासू मां की अंतिम इच्छा पूरी करने जयपुर की तरफ चल दी थी। मन में एक कसक भी थी कि सुधीर अपनी मां के साथ साथ उसके प्रति भी शंकालु होने...

जुस्तजू भाग-1

जुस्तजू भाग-1

अहाना अपनी सासू मां की हमदम थी, पर जिस राज को मां अपने सीने में दबाए चल बसीं, वह उसे भी मालूम कहां था। एक पतिव्रता स्त्री की प्रेम में यह कैसी...

वसंत लौट रहा है भाग-2

वसंत लौट रहा है भाग-2

18 सालों तक रोहित से प्रेम व सम्मान पाने की कवायद की, लेकिन उसे ना बदलना था, ना वह बदला, लेकिन सबद ने मुझे बताया कि प्रेम कैसे किया व कैसे...

वसंत लौट रहा है भाग-1

वसंत लौट रहा है भाग-1

दांपत्य में प्रेम की कमी हो, तो किसी अजनबी की प्रशंसा के दो बोल भी फूल खिला जाते हैं। ऐसा क्या हुआ कि 18 सालों से नीरस वैवाहिक संबंध जीने के बाद...

बंटी की दादी भाग-2

बंटी की दादी भाग-2

डॉक्टर की बात मान कर मीनू जब अचानक क्रेश में जा पहुंची तो वहां का मंजर देख कर बुरी तरह से कांप गयी, बंटी किस हाल में उसे मिला, फिर कैसे खुलीं...

बंटी की दादी भाग-1

बंटी की दादी भाग-1

गोलमटोल बंटी क्रेश में कमजोर सा हो गया, तो मीनू परेशान हो उठी। क्रेश की मैडम के आश्वासन के बावजूद वह डॉक्टर से मिली, तो क्या राज खुला?

प्यार और धोखा भाग-2

प्यार और धोखा भाग-2

रूप ने अंग्रेजी कैसे सीखी ? क्यों सीखी? रंजीत क्या इससे प्रभावित हुआ या शक की आग में झुलग गया? सैम की उनकी जिंदगी में क्या भूमिका रही ? जानिए...

प्यार और धोखा भाग-1

प्यार और धोखा  भाग-1

रंजीत को अपनी नवब्याहता बीवी पर शक हो गया था कि वह उसके दोस्त सैम संग उसे धोखा दे रही है। बदले की आग में जल रहे रंजीत से कौन सी गलती होते-होते...

वो जब याद आए/ भाग-3

वो जब याद आए/ भाग-3

आयुष की नजर वीमेंस हॉस्टल की उस खिड़की पर गयी। आज भी उस कमरे में रोशनी थी, पर शायद उस कमरे में रहनेवाले के दिल में कहीं ज्यादा अंधेरा था। अंधेरा...

वो जब याद आए/ भाग-2

वो जब याद आए/ भाग-2

कुछ ख्वाहिशें बारिश की बूंदों की तरह होती हैं, जिन्हें पाने की जीन भर चाहत होती है। उस चाहत को पाने में हथेलियां भीग जाती हैं, पर हाथ खाली रहते...

वो जब याद आए / भाग-1

वो जब याद आए / भाग-1

आर जे आयुष रेडियो पर लाेगों के टूटे दिलों को जोड़ने की कोशिश करता रहता था। उसका दिल भी टूटा था, लेकिन कौन थी वह, जो उसके दिल पर मरहम लगाने में...

दिल का क्या कसूर भाग-3

दिल का क्या कसूर भाग-3

पिताओं के बीच जानी दुश्मनी और बच्चों के दिलों में पनपता प्रेम ! कहानी पूरी फिल्मी थी, पिता जहां एक-दूसरे के जानी दुश्मन, वहीं बच्चों में दोस्ती...

दिल का क्या कसूर भाग-2

दिल का क्या कसूर भाग-2

मैंने पापा से सीधे-सीधे, टेढ़े-मेढ़े, उल्टे-सीधे, आड़े-तिरछे, घुमा-फिरा कर... हर तरीके से जानने की कोशिश की थी कि उन्हें निरंजन अंकल से परेशानी...

दिल का क्या कसूर भाग-1

दिल का क्या कसूर भाग-1

जबसे निरंजन अंकल सपरिवार हमारे ऊपर यानी दसवें फ्लोर पर रहने आए, तब से सब कुछ बदल गया था। ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा...’ वाली शांतिपूर्ण स्थिति अब...

अनाघ्रात पुष्प भाग-2

अनाघ्रात पुष्प भाग-2

अनाघ्रात पुष्प यानी वह फूल जिसे कभी सूंघा ना गया हो ! बानी दी भी कुछ-कुछ वैसी ही थीं। अतृप्त मन भटका तो जरूर, पर क्या परिवार के सहयोग से वे अपने...

अनाघ्रात पुष्प भाग-1

अनाघ्रात पुष्प भाग-1

अनाघ्रात पुष्प यानी वह फूल जिसे कभी सूंघा ना गया हो ! बानी दी भी कुछ-कुछ वैसी ही थीं। अतृप्त मन भटका तो जरूर, पर क्या परिवार के सहयोग से वे अपने...

बदलते रिश्ते भाग 3

बदलते रिश्ते भाग 3

विवेक को सिर्फ कहने के लिए मामी ने अपने बच्चों में शामिल नहीं किया था, उसे अपने बेटियों के साथ वारिसों में भी शामिल कर उसे बराबर का हक दिया था।...

बदलते रिश्ते भाग-2

बदलते रिश्ते भाग-2

विवेक की मरणासन्न मां सिर्फ विवेक के लिए जीना चाहती थी। पर अब यह नहीं हो सकता। उनकी अंतिम इच्छा है कि मामी विवेक को अपने बच्चों में शामिल कर...

बदलते रिश्ते

बदलते रिश्ते

मां की मृत्यु के बाद मामा-मामी ने विवेक को अपने बेटे की तरह पाला। लेकिन जब उसकी नीयत पर मामी की बेटियों ने शक किया, तो वह टूट गया। क्या विवेक...

वो खुली खिड़की भाग-2

वो खुली खिड़की भाग-2

बचपन से परियों, जादूगरनियों के किस्से सुन-सुन कर अंकुश के मन में डर बैठ गया था कि हर गोरी, सुंदर लड़की चुड़ैल होती है, जो कभी भी अपने असली रूप...

वो खुली खिड़की भाग-1

वो खुली खिड़की भाग-1

बचपन से परियों, जादूगरनियों के किस्से सुन-सुन कर अंकुश के मन में डर बैठ गया था कि हर गोरी, सुंदर लड़की चुड़ैल होती है, जो कभी भी अपने असली रूप...

साथी भाग- 2

साथी भाग- 2

सास की मृत्यु के बाद बाबूजी की जिम्मेदारी अकेले संभालना भारी लग रहा था अवनि को। फिर शीला मौसी ने उनके घर आ कर सारी जिम्मेदारियां संभाल ली। लेकिन...

साथी भाग-1

साथी भाग-1

बाबू जी मां के जाने के बाद बीमार रहने लगे, तो सबसे ज्यादा व्यस्तता अवनि की बढ़ी। लेकिन मौसी के आने पर बाबू जी को खुश व स्वस्थ देख कर अवनि क्यों...

लव यू पारोमिता (अंतिम भाग)

लव यू पारोमिता (अंतिम भाग)

सारी सचाई आइने की तरफ साफ हो चुकी थी। शलभ का लाइफ सपोर्ट सिस्टम किसने बंद किया, यह भी पता चल चुका था। क्या अब पारोमिता को शलभ के प्यार पर यकीन...

लव यू पारोमिता (भाग-4)

लव यू पारोमिता (भाग-4)

शलभ होश में तो आ गया था, लेकिन सचाई से पूरी तरह से परदा उठना अभी बाकी था। डॉक्टर अनिमेष के कैमरे की रेकार्डिंग और वॉइस रेकॉर्डिंग से किस-किस के...

लव यू पारोमिता (भाग-3)

लव यू पारोमिता (भाग-3)

आखिर ऐसा क्या लालच था शलभ के भाई विशाल को कि वह सचाई जानने के बाद भी चुप था और कंपनी पर केस करने की प्लानिंग कर रहा था? शलभ के डॉक्टर से सारी...

लव यू पारोमिता (भाग-2)

लव यू पारोमिता  (भाग-2)

रितेश का यह रहस्योद्घाटन पारोमिता पर बिजली बनके गिरा था। शलभ लिव इन रिलेशनशिप में था, और यह बात छिपाते हुए उससे सच्चे प्यार के दावे कर रहा...

लव यू पारोमिता (भाग- 1)

लव यू पारोमिता (भाग- 1)

जब दिल पर दिमाग का कब्जा हो जाए, जब स्वार्थ की आंधी जज्बातों को खाक बना कर उड़ाने लगे, तो फिर किस पर यकीन हो और किसे दुश्मन मानें।

मनवा रे (भाग-2)

मनवा रे (भाग-2)

हमेशा चहकती रहने वाली देविका के अंदर इतनी उथलपुथल थी, वह जीवन के इतने उतार- चढ़ावों से गुजर रही थी, यह कोई नहीं जानता था। जिस देविका को रेणुका...

मनवा रे (भाग-1)

मनवा रे (भाग-1)

मैं मुंबई में हूं... आसमान ने अपनी बूंदों से भरी झोली खोल दी है। मानसून अपने पूरे शबाब पर है। भीगता-डूबता शहर दौड़ रहा है और मैं सुस्त कदमों से...

मेरी आरुणि (अंतिम भाग)

मेरी आरुणि (अंतिम भाग)

एक-एक करके सच की परतें खुल रही थीं। किसका था वह साया, जो शांतनु को डराने आया था? क्या अभी भी कोई ऐसा राज बचा था, जिसका परदाफाश होना बाकी था?...

मेरी आरुणि (भाग-8)

मेरी आरुणि (भाग-8)

रानी मां की लाश देख कर सब सकते में अा गए थे। क्या यह कहानी यहीं खत्म हो जाएगी या फिर कोई नया खुलासा होगा? मृणाल के दिमाग में आखिर चल क्या रहा...

मेरी आरुणि (भाग-7)

मेरी आरुणि (भाग-7)

अरुंधती ही मृणाल की आरुणि है। यह जान कर उसे खुशी तो बहुत हुई, पर शांतनु के अाने से मानो वह सोते से जागी। क्या होगा इस लव ट्राएंगल का अंजाम?...

मेरी आरुणि (भाग-6)

मेरी आरुणि (भाग-6)

रानी मां के एक्सीडेंट की खबर सुन कर सभी हादसे वाली जगह पर पहुंच गए। अरुंधती मृणाल को वहां पहुंचा देख कर हैरान तो थी, पर उसे तसल्ली भी बहुत मिली।...

मेरी आरुणि (भाग-5)

मेरी आरुणि (भाग-5)

अपने कमरे में लटके पुतले को देख कर अरुंधती के होश उड़ गए थे। बड़ी मुश्किल से मृणाल उसे संभालने की कोशिश कर रहा था। चांदनी रात में अरुंधती मृणाल...

मेरी आरुणि (भाग-4)

मेरी आरुणि (भाग-4)

इधर हवेली में होने वाले हादसे बढ़ते ही जा रहे थे और उधर मृणाल और अरुंधती के बीच भी नयी कहानी बन रही थी। क्या वाकई यह मोहब्बत थी या कोई जाल ?

मेरी आरुणि (भाग-3)

मेरी आरुणि (भाग-3)

मृणाल अरुंधती की ओर खिंचता ही जा रहा था। लेकिन एक अनजाना डर दोनों के मन में समाया था। फिर स्वर्णा और रवि की बातों ने भी दोनों को झकझोर दिया।...

मेरी आरुणि (भाग-2)

मेरी आरुणि (भाग-2)

मृणाल ने पोट्रेट बनाना शुरू तो कर दिया था, लेकिन अरुंधती के आकर्षण से बच पाना उसके लिए मुश्किल था। अरुंधती और अरुणिमा के बीच के फर्क को मृणाल...

मेरी अारुणि (पहली किस्त)

मेरी अारुणि (पहली किस्त)

रानी मां के बुलाने पर पर मृणाल पंत शिमला पहुंच गया। लेकिन उसे क्या पता था कि वहां उसकी जिंदगी एक अलग ही मोड़ ले लेगी। आखिर उस घर के लोग इतने अलग...

पिघलता दर्पण (भाग- 1)

पिघलता दर्पण (भाग- 1)

शोभित का ट्रांसफर चेन्नई हुअा, तो उसने घर चुनने में निशा का ख्याल रखा। एक दिन उनकी ढाई साल की बिटिया अनन्या अचानक गायब हो कर थोड़ी देर में खुद...

मोही : भाग-1

मोही : भाग-1

हुस्न की मल्लिका मोही अौर दिलफेंक देव के बीच मोहब्बत के खेल का मुकाबला क्या रंग लाएगा, यह जानना वाकई दिलचस्प रहेगा। पार्टी अपने पूरे शबाब पर...

मोही : भाग-2

मोही : भाग-2

देव अौर मोही मोहब्बत के खेल में अपने-अपने पासे फेंक चुके थे, बाजी भी खूब जम रही थी, अब देखना यह है कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा। मोही सुबह...

मोही ः भाग-3

मोही ः भाग-3

मोही अौर देव के बीच चल रहा खेल अब अपने चरम पर पहुंच चुका था। दोनों के सारे पासे फेंके जा चुके थे, पर देखना यह है कि किसका पासा उलटा पड़ेगा।...

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श्रुति के सपने उसे परेशान करते थे, लेकिन क्या ये उसके भावी जीवन के संकेत थे।...