दास्तान-ए-वेलेंटाइन डे

बड़ी मां

बड़ी मां

छोटी उम्र में वैधव्य का दंश झेलने वाली बड़ी मां ने जीवन को रुकने नहीं दिया। अपनी निजी खुशी को दरकिनार करते हुए उन्होंने सबके सुख के लिए जीवन...

पहली बार

पहली बार

अंतरंग सखी से मिले धोखे से हतप्रभ दिव्या को अकस्मात ही उसका खोया प्यार हासिल हो गया। उसकी मौकापरस्त सखी ने आखिर किस तरह उसका दिल छलनी किया था?

नामकरण

नामकरण

भाविनी को अपने प्यार और कैरिअर के बीच चुनाव करना था। प्यार उसके सपनों का बलिदान मांग रहा था। आखिर उसने क्या फैसला लिया?

कुछ अधूरा सा

कुछ अधूरा सा

कॉलेज के मस्त माहौल में मैं आजाद पंछी की तरह उड़ा-उड़ा फिरता था, तभी मेरी मुलाकात स्वाति से हुई। क्या मेरा प्यार परवान चढ़ पाया? क्या मैं उसे...

परिवर्तन की बयार

परिवर्तन की बयार

अनुजा यों तो पारंपरिकता में विश्वास करती थी, पर उसके पहनावे में बदलाव देख कर उसकी भाभी हैरान थी। आखिर यह परिवर्तन की बयार कैसे चली?

मनोरम कुटीर

मनोरम कुटीर

नेहा शादी के बाद ससुराल में घरेलू कामों में सासू मां का हाथ बंटाना चाहती थी, लेकिन उसकी सास खुशी-खुशी सारा काम खुद कर देतीं। ऐसा क्या हुअा कि...

खिड़की वाली लड़की

खिड़की वाली लड़की

हवेली की खिड़की पर नजर आने वाली वह लड़की लॉज के लड़कों में मोहब्बत का सुरूर जगा रही थी, लेकिन वह कितने दुखों से भरी थी, यह जानते ही उन लड़कों ने...

बिखरी हुई कड़ियां - अंतिम भाग

बिखरी हुई कड़ियां - अंतिम भाग

श्रुति के सपने उसे परेशान करते थे, लेकिन क्या ये उसके भावी जीवन के संकेत थे। सपनों की बिखरी कड़ियों को उसने कैसे जोड़ा? कौन था वह, जिससे श्रुति...

बिखरी हुई कड़ियां - भाग 1

बिखरी हुई कड़ियां - भाग 1

श्रुति के सपने उसे परेशान करते थे, लेकिन क्या ये उसके भावी जीवन के संकेत थे। सपनों की बिखरी कड़ियों को उसने कैसे जोड़ा?

बंद दीवारें

बंद दीवारें

कमलनयन जी हैरान थे कि उनके छोटे भाई की बेटी मोना इतने बड़े घर को छोड़ कर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने हॉस्टल में रहेगी। स्वयं को घर का...

काहे की चिंता

काहे की चिंता

पत्नी की मृत्यु के बाद विनोद जी को उनके बेटे-बेटी ने अपने साथ ले जाना चाहा, लेकिन उन्हें अपने घर में ही रहना था। आखिर उन्होंने किस तरह खुद को...

लौट के डिब्बा घर को आया

लौट के डिब्बा घर को आया

सोनपापड़ी तो यों ही बदनाम है, लोगबाग तो ओवरसाइज्ड टी-शर्ट और बच्चों के डबल आए खिलौने भी गिफ्ट में चिपका देते हैं। लेकिन सन्मति के साथ जो हुआ, वह...

आप भी जियो अपनी जिंदगी

आप भी जियो अपनी जिंदगी

सुप्रिया ने अपनी पूरी जिंदगी परिवार और बेटे की देखभाल में लगा दी। उम्र के इस पड़ाव पर उनसे किसने कहा कि आप भी जियो अपनी जिंदगी? यह सरप्राइज...

उनकी प्रेम यात्रा

उनकी प्रेम यात्रा

सुंदर कन्याओं को देख कर एनर्जी पाने वाला प्रखर अपनी प्रेमिका के रूठ जाने से टूट कर मुंबई छोड़ कर रुद्रपुर अा गया। वहां उसे सुदर्शना कामना दिखी,...

प्यार और धोखा

प्यार और धोखा

रंजीत को अपनी नवब्याहता बीवी पर शक हो गया था कि वह उसके दोस्त सैम संग उसे धोखा दे रही है। बदले की आग में जल रहे रंजीत से कौन सी गलती होते-होते...

वीरमाता

वीरमाता

आखिर क्यों अपने उस नटखट-बुद्धिमान छात्र से मिस रोजी को एक गहरा भावनात्मक लगाव हो गया था। क्या खास था उसके चेहरे में!

स्नेह बंधन

स्नेह बंधन

हंसते-खेलते कुलकर्णी परिवार को मानो किसी की नजर लग गयी। एक हादसे के बाद सब बिखर से गए। लेकिन घर की युवा बहू ने एक कड़ा फैसला लिया। कैसा रहा तीन...

चौथा हिस्सा

चौथा हिस्सा

बेटे-बहू को सबक सिखाने के लिए मां मकान का बंटवारा करना चाहती थीं, पर सबकी नजर मेरे चौथे हिस्से पर थी। क्या किया मैंने अपने हिस्से का?

बंदिनी भाग-2

बंदिनी भाग-2

जाने किस जुर्म की सजा भुगत रही थी अमिता, घर से भाग कर वापस लौट तो आयी, लेकिन शादी को निभा पायी क्या? फिर क्या हुआ अमिता के साथ

बंदिनी भाग-1

बंदिनी भाग-1

अपनी परम सहेली अमिता को यों बंदीगृह में देख कर मैं हतप्रभ रह गयी। आखिर क्यों एक पढ़ी-लिखी स्त्री हत्या के जुर्म की सजा भुगत रही थी?

मृगतृष्णा

मृगतृष्णा

कैरिअर बनाने की धुन में मुग्धा ने मनन से शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया, पर उससे प्रेम करती रही। क्या अपना प्रेम पाने की खातिर उसने अपनी छोटी बहन...

सजा

सजा

श्यामिली जैसी सीधी सरल स्त्री पर 2-2 हत्याओं का जुर्म साबित हुआ था, पर मैं मामले की तह तक जाना चाहती थी। वह ऐसा जघन्य अपराध करने के लिए क्यों...

नए रिवाज

नए रिवाज

नए जमाने की अन्नु को लड़की देखने-दिखाने का रिवाज जरा नहीं भाता था, लेकिन उसकी मां उसके ना चाहते हुए भी ऐसे फंक्शन में ले गयी, जहां उसे लड़के...

क्या तेरा क्या मेरा

क्या तेरा क्या मेरा

अपनी संतान से कोई मां जुदा नहीं होना चाहती है, पर जेठानी को मां के रूप में देखने की मेरी खुशी बच्चे से बिछोह के दुख से कहीं अधिक थी।

कांसे का कटोरा

कांसे का कटोरा

अपने मित्र हरीश की बहन सीमा की शादी की तैयारियों में विमल पूरे मनोयोग से लगा था, लेकिन मन वैसा ही सूखा था, जैसे कांसे के कटोरे में पड़ी लेई।...

अम्मा सूरज हैं

अम्मा सूरज हैं

ताकत और रुतबे को भी एक उम्र की दरकार होती है। अम्मा भी कब अपने ही घर में बेटों के बीच बंट गयीं, पता नहीं चला। बिस्तर में पड़ गयीं तो सबकी आंखों...

शगुन

शगुन

लॉकडाउन में बेटे-बहू का साथ पा कर जया निहाल थी, लेकिन बड़ी ननद के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा। ऐसा क्या हुआ कि मुनीश अपनी बहू साक्षी को शगुन...

वो नौ माह

वो नौ माह

मुझसे एक लाख रुपए उधार मांग कर मेरी सहेली के पति ने मुझे अपराधबोध में डाल दिया था। पति की बेरूखी मुझे अच्छी नहीं लगी। क्या वाकई उन्हें पैसों की...

ऐसा भी होता है

ऐसा भी होता है

सामान्य शक्लोसूरत की आर्यकी और नाइजीरियन जैक्सन की दोस्ती किसी को रास नहीं आ रही थी। क्या उनका मिलन हो सका?

यात्रा

यात्रा

जीवन की यात्रा में अनेक पड़ावों से गुजरते दो प्रेमी बरसों बाद मिले, तो क्या उनमें पहले वाला प्यार अंकुरित हो पाया?

सौगात भाग-2

सौगात भाग-2

शहाना को गरीब कलाम से मोहब्बत हो गयी थी, लेकिन वक्त ने उन्हें एक नहीं होने दिया। इत्तफाक देखिए, इन दोनों का निकाह भी हुआ, तो किन हालात में?

सौगात भाग-1

सौगात भाग-1

शहाना को गरीब कलाम से मोहब्बत हो गयी थी, लेकिन वक्त ने उन्हें एक नहीं होने दिया। उधर रफीक मियां की आशिक मिजाज तबियत को शहाना भा गयी, उसके पिता...

लेडीज फर्स्ट

लेडीज फर्स्ट

मीता सुहास के व्यवहार की कायल थी, पर उसे किसी मुगालते में नहीं रखना चाहती थी। सुहास की बातों ने उसके मन के भरम को किस तरह दूर कर दिया।

हक

हक

कौन थी दिव्या, विधवा होते हुए भी वह क्यों पहनती थी पाश्चात्य लिबास? उसके तकिए के नीचे पति विक्रम के खत नहीं थे तो फिर वे किसके खत थे? क्या उसके...

दिसंबर संजोग भाग-2

दिसंबर संजोग भाग-2

बांसुरी व किताब का मेरे पास लौट आना, दिसंबर की वही तारीख यह सब संजोग था या कोई पारलौकिक घटना, यश्वी के घर ऐसा क्या पता लगा जिसने मेरे होश ही...

दिसंबर संजोग भाग-1

दिसंबर संजोग भाग-1

यश्वी से मिल कर लगा कि मुझे एक बेहद अच्छी सखी मिल गयी है। उसने अपना सब कुछ मुझसे साझा किया, लेकिन कुछ तो ऐसा था, जिसे वह छुपा गयी। जब मैं उसका...

पार्क में लड़की भाग-2

पार्क में लड़की भाग-2

घर छोड़ देना किसी समस्या का हल नहीं, यह बात जब तक लड़की समझती, देर हो चुकी थी। आखिर उसे घर छोड़ने से किसी ने क्यों नहीं रोका था। क्या हश्र हुअा...

पार्क में लड़की भाग-1

पार्क में लड़की भाग-1

घर छोड़ देना किसी समस्या का हल नहीं, यह बात जब तक लड़की समझती, देर हो चुकी थी। आखिर उसे घर छोड़ने से किसी ने क्यों नहीं रोका था। क्या हश्र हुअा...

कायापलट

कायापलट

प्रेम में असीम शक्ति होती है, पर इसे सही दिशा मिलनी चाहिए। विवाहिता मृदुला डॉ. हरेंद्र के व्यक्तित्व से आकर्षित हुईं और अपने अहसास की मुखर...

कुछ रातों की सुबह नहीं होती भाग-2

कुछ रातों की सुबह नहीं होती भाग-2

ये अस्मित की महत्वाकांक्षा का दबाव था या नैना का प्रखर के प्रति आकर्षण, लेकिन उस रात वह प्रखर के दरवाजे तक पहुंच गयी। क्या मंशा थी उसकी?

कुछ रातों की सुबह नहीं होती भाग-1

कुछ रातों की सुबह नहीं होती भाग-1

मौकापरस्त पति और अधूरा प्यार, इस दोराहे पर खड़ी नैना ने कैसे अपने प्यार को मुकम्मल करने की कोशिश की। वह कौन सी रात थी, जिसकी सुबह नहीं हुई?

गेंदे के फूल

गेंदे के फूल

नाटक में तो वे रोमियो जूलियट के किरदार अदा न कर सके लेकिन गेंदे के फूलों ने जिंदगी को वसंत से भर ही दिया।

सही निर्णय

सही निर्णय

बड़े भैया ने वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने से इनकार कर दिया, तो वंदना बेहद आहत हुई। आखिरकार उसने ऐसा क्या निर्णय लिया, जिसकी उम्मीद किसी ने...

फरेब भाग-2

फरेब भाग-2

पिता का नाम-पता ले कर प्रवीर प्रयागराज जा पहुंचा, क्या यही सच था, जो उसकी मां ने बताया था या उसके सामने से किसी फरेब से परदा उठने वाला था?

फरेब भाग-1

फरेब भाग-1

प्रवीर यही जानता था कि उसकी मां ने पिता द्वारा तलाक दिए जाने के बाद कितनी मुश्किलों से उसकी परवरिश की थी। क्या यही सच था या उसके सामने से किसी...

एक ढका छुपा सच

एक ढका छुपा सच

श्रुति से सोमेश का विवाह होने ही वाला था कि एक कटु प्रसंग ने सब कुछ उलट-पलट कर दिया। वह कौन सा सच था, जिसे रितेश भाई की मृत्यु के बाद साेमेश ने...

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी भाग-2

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी भाग-2

ट्रेन में जिस लड़की से मुलाकात हुई थी, लाख चाहने पर भी अमित उसे ढूंढ़ नहीं पाया, लेकिन उस पर धुन सवार हो गयी थी कि वह शादी तो उसी से करेगा। क्या...

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी भाग-1

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी भाग-1

गलत ट्रेन में चढ़ी एक लड़की ने अमित पर ऐसा जादू किया कि 5 मिनट में ही वह उसका दीवाना हो गया। अमित पर धुन सवार हो गयी थी कि वह शादी तो उसी से...

तैरती कश्ती का प्रतिबिंब भाग- 2

तैरती कश्ती का प्रतिबिंब भाग- 2

अपनी भाभी के बुरे बर्ताव के कारण राजीव गांव की सीधीसादी लड़की से विवाह करना चाहता था, मौसी ने उसके लिए कैसी लड़की देख रखी थी, क्या सरिता वैसी...

Show more

Long Story
कुकी की बीमारी की खबर मिलने पर जब मम्मी और मामा-मामी को मिस माया के बारे में...