श्यामिली जैसी सीधी सरल स्त्री पर 2-2 हत्याओं का जुर्म साबित हुआ था, पर मैं मामले की तह तक जाना चाहती थी। वह ऐसा जघन्य अपराध करने के लिए क्यों...
नए जमाने की अन्नु को लड़की देखने-दिखाने का रिवाज जरा नहीं भाता था, लेकिन उसकी मां उसके ना चाहते हुए भी ऐसे फंक्शन में ले गयी, जहां उसे लड़के...
अपनी संतान से कोई मां जुदा नहीं होना चाहती है, पर जेठानी को मां के रूप में देखने की मेरी खुशी बच्चे से बिछोह के दुख से कहीं अधिक थी।
अपने मित्र हरीश की बहन सीमा की शादी की तैयारियों में विमल पूरे मनोयोग से लगा था, लेकिन मन वैसा ही सूखा था, जैसे कांसे के कटोरे में पड़ी लेई।...
ताकत और रुतबे को भी एक उम्र की दरकार होती है। अम्मा भी कब अपने ही घर में बेटों के बीच बंट गयीं, पता नहीं चला। बिस्तर में पड़ गयीं तो सबकी आंखों...
लॉकडाउन में बेटे-बहू का साथ पा कर जया निहाल थी, लेकिन बड़ी ननद के कारण उन्हें वापस जाना पड़ा। ऐसा क्या हुआ कि मुनीश अपनी बहू साक्षी को शगुन...
मुझसे एक लाख रुपए उधार मांग कर मेरी सहेली के पति ने मुझे अपराधबोध में डाल दिया था। पति की बेरूखी मुझे अच्छी नहीं लगी। क्या वाकई उन्हें पैसों की...
सामान्य शक्लोसूरत की आर्यकी और नाइजीरियन जैक्सन की दोस्ती किसी को रास नहीं आ रही थी। क्या उनका मिलन हो सका?
जीवन की यात्रा में अनेक पड़ावों से गुजरते दो प्रेमी बरसों बाद मिले, तो क्या उनमें पहले वाला प्यार अंकुरित हो पाया?
शहाना को गरीब कलाम से मोहब्बत हो गयी थी, लेकिन वक्त ने उन्हें एक नहीं होने दिया। इत्तफाक देखिए, इन दोनों का निकाह भी हुआ, तो किन हालात में?
शहाना को गरीब कलाम से मोहब्बत हो गयी थी, लेकिन वक्त ने उन्हें एक नहीं होने दिया। उधर रफीक मियां की आशिक मिजाज तबियत को शहाना भा गयी, उसके पिता...
मीता सुहास के व्यवहार की कायल थी, पर उसे किसी मुगालते में नहीं रखना चाहती थी। सुहास की बातों ने उसके मन के भरम को किस तरह दूर कर दिया।
कौन थी दिव्या, विधवा होते हुए भी वह क्यों पहनती थी पाश्चात्य लिबास? उसके तकिए के नीचे पति विक्रम के खत नहीं थे तो फिर वे किसके खत थे? क्या उसके...
बांसुरी व किताब का मेरे पास लौट आना, दिसंबर की वही तारीख यह सब संजोग था या कोई पारलौकिक घटना, यश्वी के घर ऐसा क्या पता लगा जिसने मेरे होश ही...
यश्वी से मिल कर लगा कि मुझे एक बेहद अच्छी सखी मिल गयी है। उसने अपना सब कुछ मुझसे साझा किया, लेकिन कुछ तो ऐसा था, जिसे वह छुपा गयी। जब मैं उसका...
घर छोड़ देना किसी समस्या का हल नहीं, यह बात जब तक लड़की समझती, देर हो चुकी थी। आखिर उसे घर छोड़ने से किसी ने क्यों नहीं रोका था। क्या हश्र हुअा...
घर छोड़ देना किसी समस्या का हल नहीं, यह बात जब तक लड़की समझती, देर हो चुकी थी। आखिर उसे घर छोड़ने से किसी ने क्यों नहीं रोका था। क्या हश्र हुअा...
प्रेम में असीम शक्ति होती है, पर इसे सही दिशा मिलनी चाहिए। विवाहिता मृदुला डॉ. हरेंद्र के व्यक्तित्व से आकर्षित हुईं और अपने अहसास की मुखर...
ये अस्मित की महत्वाकांक्षा का दबाव था या नैना का प्रखर के प्रति आकर्षण, लेकिन उस रात वह प्रखर के दरवाजे तक पहुंच गयी। क्या मंशा थी उसकी?
मौकापरस्त पति और अधूरा प्यार, इस दोराहे पर खड़ी नैना ने कैसे अपने प्यार को मुकम्मल करने की कोशिश की। वह कौन सी रात थी, जिसकी सुबह नहीं हुई?
नाटक में तो वे रोमियो जूलियट के किरदार अदा न कर सके लेकिन गेंदे के फूलों ने जिंदगी को वसंत से भर ही दिया।
बड़े भैया ने वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने से इनकार कर दिया, तो वंदना बेहद आहत हुई। आखिरकार उसने ऐसा क्या निर्णय लिया, जिसकी उम्मीद किसी ने...
पिता का नाम-पता ले कर प्रवीर प्रयागराज जा पहुंचा, क्या यही सच था, जो उसकी मां ने बताया था या उसके सामने से किसी फरेब से परदा उठने वाला था?
प्रवीर यही जानता था कि उसकी मां ने पिता द्वारा तलाक दिए जाने के बाद कितनी मुश्किलों से उसकी परवरिश की थी। क्या यही सच था या उसके सामने से किसी...
श्रुति से सोमेश का विवाह होने ही वाला था कि एक कटु प्रसंग ने सब कुछ उलट-पलट कर दिया। वह कौन सा सच था, जिसे रितेश भाई की मृत्यु के बाद साेमेश ने...
ट्रेन में जिस लड़की से मुलाकात हुई थी, लाख चाहने पर भी अमित उसे ढूंढ़ नहीं पाया, लेकिन उस पर धुन सवार हो गयी थी कि वह शादी तो उसी से करेगा। क्या...
गलत ट्रेन में चढ़ी एक लड़की ने अमित पर ऐसा जादू किया कि 5 मिनट में ही वह उसका दीवाना हो गया। अमित पर धुन सवार हो गयी थी कि वह शादी तो उसी से...
अपनी भाभी के बुरे बर्ताव के कारण राजीव गांव की सीधीसादी लड़की से विवाह करना चाहता था, मौसी ने उसके लिए कैसी लड़की देख रखी थी, क्या सरिता वैसी...
सरिता को जो सुख जीवन में मिला, वह शायद उसकी बहन की किस्मत में नहीं लिखा था। ऐसी क्या विशेषता थी सरिता में, जो उसे राजीव जैसा सर्वगुण संपन्न पति...
संझा दीदी का दूसरा ब्याह कराने की नीलाभ की कोशिश नाकामयाब हो गयी। अपने वैधव्य का बोझ ढोती संझा दीदी ने आखिर जीवन से हार मान ली। फिर नीलाभ ने...
खरीदारी की खुमारी से भला कौन बच पाया है ! अाप चाहें ऑनलाइन शॉपिंग करें या ऑफलाइन, इस सुरूर को कम ना होने दें...
पति प्रेम में आकंठ डूबी संझा दीदी के असमय वैधव्य ने नीलाभ को हतप्रभ कर दिया था। क्या संझा का दूसरा ब्याह कराने की नीलाभ की मासूम कोशिश कामयाब...
नेहा की सासू मां चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी लोकल में ही हो। क्या कहा उसने अपनी ननद से कि सासू मां की धारणा ही बदल गयी?
कौमी नफरतों के बीच पारोमिता और परवेज के बीच प्यार के फूल भी खिले थे, जो समय से पहले ही मुरझा गए। आज बरसों बाद पारोमिता को सुख की नींद सोने देने...
मांगो उसी से, जो दे दे खुशी से और कहे ना किसी से! अजी छोडि़ए इस पुराने नुसखे को, दिल खोल कर हर किसी से मांगिए, हर मांग के पूरी होने के बाद यह...
उम्रदराज दंपती विवेक जी और आशा जी ने अपना मकान बेचने के लिए प्रॉपर्टी एजेंट प्रशांत और अदिति को घर बुलाया, लेकिन किस तरह प्रोफेशनल रिश्ता अपनेपन...
किसी को मूर्ख समझने से पहले जरा सोच लें, क्या वह वाकई मूर्ख है या मूर्ख बन कर आपको मूर्ख बना रहा है। मूर्खता से जुड़ी कुछ रोचक दास्तां
बचपन से हर ट्रिप पर मम्मी-पापा के साथ जाने वाली वृंदा के दोस्त यूरोप घूमने का प्लान बना रहे थे, लेकिन उसका मन अन्यमनस्क था। आखिर वह किन विचारों...
मशहूर मॉडल मेहनाज का चेहरा एक एक्सीडेंट में बुरी तरह जख्मी हो गया, तो वह गहरे अवसाद में चली गयी और एकांतवास करने लगी। कौन थी वह रूया, जिसने उसे...
दूसरों को प्रेम का पाठ पढ़ाने वाले छगनलाल खुद प्रेम के मामले में कंगाल थे। आखिरकार ऐसा क्या गुल खिला कि उनकी प्रेम की गाड़ी सरपट दाैड़ पड़ी?
बेटे की चाह में थे पिता और जन्म हुआ मेरा ! बेटी होने की सजा मुझे कई रूपों में मिली, मुझसे दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता, मेरी शादी एक तलाकशुदा...
धृति की अखिल से मुलाकात कॉलेज में हुई। दिलों में कुछ कोमल से जज़बात पनपे, पर दोनों बिछड़ गए। इस बार जो इत्तफाकन मिले, तो पता चला कि वह तो छोटी...
इंसान को भूलने का वरदान मिला है, लेकिन जब यह रोजमर्रा की बात हो जाए, तो दूसरों के लिए मुसीबत का सबब भी बन जाता है। ऐसे ही भूलने की बीमारी से...
अम्मा के जाने के बाद प्रिया ने बाबू जी की पसंद-नापसंद का खयाल रखना छोड़ दिया था। ऐसा क्या हुआ कि बाबू जी की उपस्थिति मात्र ही उसे घनी छांव की...
पति नाराज ना हो जाएं, इस वजह से मैं अपनी पसंद की साड़ी पूरे 10 साल तक नहीं पहन पायी। क्या पति के व्यवहार में कोई बदलाव अाया?
अतिथि देवता होते हैं, तो देवता तो मंदिरों में वास करते हैं, यहां हमारे घर में कैसे पधारे ! मेहमाननवाजी और मेजबानी के बीच फंसी मधुमति के दर्द ने...
दीपा के अतीत ने 32 साल बाद भी उसका पीछा नहीं छोड़ा। मेरी समझ में यह नहीं आ रहा था कि अपने बेटे की शादी दीपा की बेटी से करूं या नहीं। उसकी कहानी...
जब इंसान की नजर कमजोर हो जाती है, तो उसे लगता है काश, पहले जैसा दिखायी दे। लेकिन जब नजर दोबारा ठीक हो जाए, तो लगता है काश, नजर कमजोर ही बेहतर...