2024
वनिता के अगस्त, 2025 के होम कैरिअर विशेष में पढ़ें पारुल गुलाटी का खास इंटरव्यू
August-2025
जिस तरह हम खिलखिलाते-मुस्कराते हैं, उसी तरह कभी-कभी रोना, उदास होना भी लाजिमी है। हमारे मन में सकारात्मक व नकारात्मक, दोनों तरह की भावनाएं जन्म लेती रहती हैं। दरअसल हम पॉजिटिविटी पर बहुत जोर देते हैं, लिहाजा दुखी होने, रोने या उदास होने को बुरा समझते हैं। लेकिन यह भी एक स्वाभाविक भावना है और इसे
शिकायत करना मानवीय स्वभाव है। एक सीमा के भीतर शिकायतें करना अच्छा भी है क्योंकि इसी से हम स्थितियों, लोगों या वस्तुओं में सुधार की कोशिशें करते हैं लेकिन जब यह एक्सट्रीम तक पहुंच जाए तो इससे खुद को और आसपास के लोगों को भी दिक्कतें होने लगती हैं। शिकायत के फायदे मनोवैज्ञानिकों की राय में शिकायत करने
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