गणेश चतुर्थी सिर्फ पंचांग में लिखी विनायक चतुर्दशी तिथि नहीं है। इस शहर के लोगों के लिए भावनाओं से भरे कुछ हफ्ते हैं। सौभाग्य से अगर आप मुंबई इस दौरान जाएं तो आपको देखने को बहुत कुछ मिलेगा।
नमक से लेकर जहाज और सॉफ्टवेअर तक फैली टाटा इंडस्ट्रीज को लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सीधे-सादे और सरल उद्योगपति रतन टाटा का हाथ था। आखिर ऐसा क्या था इस उद्योगपति में कि वह भारतीयों के इतने चहेते रहे हैं!
सेक्स लाइफ का सीधा संबंध हारमोन्स से है। आप एक्टिव और खुश रहेंगे, तो शरीर में हैप्पी हारमोन्स रिलीज होंगे और प्यार में डूब जाने का मन करेगा। तो हारमोन्स कैसे ठीक रहेंगे, क्या उपाय करने होंगे, इसके लिए जानिए एक्सपर्ट सलाह-
आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर आप भी घर पर खीर बनाने के बारे में सोच रही होंगी। अगर इसे बनाने की रेसिपी नहीं पता, तो जानें कैसे बड़ी आसानी से आप फ्लेवर्ड खीर बना सकती हैं
ध्रुवी और निनाद के बीच का प्यार किशोरावस्था में अंकुरित हुआ, पर उनका साथ कुछ ही दिनों का रहा। वे मिले तो ऐसा क्या हुआ कि ध्रुवी के चाहने के बावजूद निनाद ने उसे खो दिया? पढ़ें प्राची भारद्वाज की कहानी अधूरे हम अधूरे तुम भाग-2
किताबें, कलाकृतियां, प्लांट्स, कैंडल होल्डर, फैमिली फोटो फ्रेम्स जैसी कितनी ही चीजें हम वॉल शेल्फ में सजा सकते हैं। लेकिन इन्हें सजाएं कैसे कि इन पर नजर ठहर जाए, जानें एक्सपर्ट से।
आपकी जानपहचान में जरूर कोई ऐसी महिला जरूर होगी, जो आपके मैसेज बॉक्स को कपड़ों] ज्वेलरी] जूतों] हाउसहोल्ड आइटम्स की तसवीरों से भर देती होगी। इन्हें देख कर यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस तरह के बिजनेस में कुछ कमाई होती भी है
नवजात शिशु अपने पेरेंट्स के लिए ढेर सी खुशियां और जिम्मेदारियां लेकर आता है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वैसे-वैसे आपके नन्हे-मुन्नों की ज़रूरतें भी बदलती हैं। बदलते मौसम में नयी मांओं के लिए जरूरी है कि वे अपने बेबी की हेल्थ के लिए पहले से तैयारी करके रखें।
गुवाहाटी का कामाख्या देवी मंदिर कई मायनों में अनूठा है। यह वह जगह है जहां देवी के योनि रूप की पूजा की जाती है। कई रहस्यों, किंवदंतियों और मिथकों का केंद्र है यह शक्तिपीठ। जानिए ऐसे मंदिर के बारे में जहां देवी रजस्वला होती हैं।
लापता लेडीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। सुरजमुखी गांव के किरदारों की इस कहानी ने दर्शकों का दिल छू लिया है और बहुत सी बड़ी बातें बड़ी आसानी से कह दी हैं।
महिलाओं के हक में कानून बरसों से बने हुए हैं, लेकिन उन पर कितना अमल होता है, यह विचारणीय प्रश्न है। इन कानूनों में वक्त के साथ कुछ बदलाव भी हुए हैं। आइए, नजर डालते हैं-