2024
वनिता के अगस्त, 2025 के होम कैरिअर विशेष में पढ़ें पारुल गुलाटी का खास इंटरव्यू
August-2025
एक दौर था जब संतानहीन दंपति आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन को आखिरी विकल्प के तौर पर देखते थे। लेकिन अब यह तकनीक न सिर्फ मातृत्व का रास्ता आसान बना रही है, बल्कि बच्चों को जन्म से पहले बीमारियों से बचाने का भी दावा कर रही है। और इसी में तकनीक का रोल शामिल हो गया है। वही तकनीक जो पूरी दुनिया
जब आपके मासिक धर्म कम हो जाएं, यानी मेनोपॉज शुरू हो जाए, तो यह सिर्फ एक सामान्य बदलाव नहीं होता। इस दौरान आपके दिल में भी कुछ बदलाव हो रहे होते हैं जो मेनोपॉज यानी रजोनिवृति से सीधे सीधे जुड़े होते हैं। इस दौर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर तेजी से घटता है। वह हार्मोन जो लंबे समय तक आपकी ब्लड वेसल्स
गर्भनिरोधक उपाय यानी कॉन्ट्रासेप्टिव से आज कोई अनजान नहीं है। चाहे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स हों, कॉपर टी हो या फिर कंडोम, हर गर्भनिरोध उपाय के अपने फायदे-दिक्कतें हैं। हालांकि आज मार्केट में ऐसे गर्भनिरोध मिल रहे हैं, जो पहले से कई गुना सुरक्षित और प्रभावी हैं। 26 सितंबर को वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्टिव डे
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाएं कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना कर रही हैं, उनमें से एक है पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम। यह कोई नयी बीमारी नहीं है, लेकिन पहले बहुत कम महिलाओं में पाई जाती थी। अब हालत यह है कि खासकर शहरों में रहने वाली युवतियों में यह बीमारी बहुत तेजी से फैल
अकसर महिलाओं के मन में सेक्स से जुड़े कई ऐसे सवाल होते हैं, जिनके जवाब स्वाभाविक हिचक के चलते उन्हें नहीं मिल पाते और उनकी समस्या उनके मन में ही दबी रह जाती है। महिलाओं से जुड़ी कॉमन सेक्स समस्याओं के समाधान सुझा रही है एक्सपर्ट टीम-
मासिक धर्म यानी पीरियड्स यानी माहवारी का सबसे बड़ा पहलू है उससे जुड़ी मुश्किलें। पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द सबसे बड़ी मुश्किल है जिससे लगभग हर महिला को दो चार होना पड़ता है। किसी को कम तो किसी को ज्यादा दर्द होता ही है।
महिलाओं में मेनोपॉज यानी माहवारी के रुकने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी होती है। मेनोपॉज पूरी तरह से हो जाने पर महिलाओं में इस्ट्रोजन हॉरमोन बनना बंद हो जाता है। इन महिलाओं में पहले से हार्ट अटैक का कोई लक्षण मौजूद ना हो तो भी दिल को अचानक नुकसान हो सकता है। दिल की मांसपेशियां अचानक से कमजोर पड़ जाती हैं और हार्ट अटैक आ जाता है।
वर्ल्ड कंट्रासेप्टिव डे पर जानें कि परिवार नियोजन में कंट्रासेप्टिव मेथड्स का क्या योगदान है और महिलाओं को इनके बारे में क्यों जानना चाहिए।
महिलाओं के लिए पीरियड्स अब पहेली नहीं रहे, इस पर खुल कर बात होती है। आइए जानें, क्यों परेशान करता है पीएमएस और कैसे पता चलता है कि कब है ओव्यूलेशन का समय।
महिलाएं विशेष योग करें, तो हारमोन्स ठीक रहेंगे। पीरियड्स समय पर होंगे। मूड में उतार-चढ़ाव नहीं होंगे और नींद भी अच्छी आएगी। बॉडी स्लिम रहेगी और आप एनर्जी से भरपूर रहेंगी
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