2024
वनिता के जुलाई, 2025 अंक में पढ़ें स्किन और हेअर हेल्थ पर विशेष जानकारी
July-2025
गर्भनिरोधक उपाय यानी कॉन्ट्रासेप्टिव से आज कोई अनजान नहीं है। चाहे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स हों, कॉपर टी हो या फिर कंडोम, हर गर्भनिरोध उपाय के अपने फायदे-दिक्कतें हैं। हालांकि आज मार्केट में ऐसे गर्भनिरोध मिल रहे हैं, जो पहले से कई गुना सुरक्षित और प्रभावी हैं। 26 सितंबर को वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्टिव डे
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाएं कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना कर रही हैं, उनमें से एक है पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम। यह कोई नयी बीमारी नहीं है, लेकिन पहले बहुत कम महिलाओं में पाई जाती थी। अब हालत यह है कि खासकर शहरों में रहने वाली युवतियों में यह बीमारी बहुत तेजी से फैल
अकसर महिलाओं के मन में सेक्स से जुड़े कई ऐसे सवाल होते हैं, जिनके जवाब स्वाभाविक हिचक के चलते उन्हें नहीं मिल पाते और उनकी समस्या उनके मन में ही दबी रह जाती है। महिलाओं से जुड़ी कॉमन सेक्स समस्याओं के समाधान सुझा रही है एक्सपर्ट टीम-
मासिक धर्म यानी पीरियड्स यानी माहवारी का सबसे बड़ा पहलू है उससे जुड़ी मुश्किलें। पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द सबसे बड़ी मुश्किल है जिससे लगभग हर महिला को दो चार होना पड़ता है। किसी को कम तो किसी को ज्यादा दर्द होता ही है।
महिलाओं में मेनोपॉज यानी माहवारी के रुकने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी होती है। मेनोपॉज पूरी तरह से हो जाने पर महिलाओं में इस्ट्रोजन हॉरमोन बनना बंद हो जाता है। इन महिलाओं में पहले से हार्ट अटैक का कोई लक्षण मौजूद ना हो तो भी दिल को अचानक नुकसान हो सकता है। दिल की मांसपेशियां अचानक से कमजोर पड़ जाती हैं और हार्ट अटैक आ जाता है।
वर्ल्ड कंट्रासेप्टिव डे पर जानें कि परिवार नियोजन में कंट्रासेप्टिव मेथड्स का क्या योगदान है और महिलाओं को इनके बारे में क्यों जानना चाहिए।
महिलाओं के लिए पीरियड्स अब पहेली नहीं रहे, इस पर खुल कर बात होती है। आइए जानें, क्यों परेशान करता है पीएमएस और कैसे पता चलता है कि कब है ओव्यूलेशन का समय।
महिलाएं विशेष योग करें, तो हारमोन्स ठीक रहेंगे। पीरियड्स समय पर होंगे। मूड में उतार-चढ़ाव नहीं होंगे और नींद भी अच्छी आएगी। बॉडी स्लिम रहेगी और आप एनर्जी से भरपूर रहेंगी
अस्पतालों की इमरजेंसी में हार्ट अटैक के लक्षणोंवाले मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिसमें महिलाअों की अच्छी-खासी संख्या है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे इस स्थिति से बच सकते हैं-
अब मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि कुछ खास जांचों व चेकअप के द्वारा इनका पता अर्ली स्टेज में लगाया जा सकता है। इस दिशा में महिलाओं में जागरूकता होनी बहुत जरूरी है।
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