जब आपके मासिक धर्म कम हो जाएं, यानी मेनोपॉज शुरू हो जाए, तो यह सिर्फ एक सामान्य बदलाव नहीं होता। इस दौरान आपके दिल में भी कुछ बदलाव हो रहे होते हैं जो मेनोपॉज यानी रजोनिवृति से सीधे सीधे जुड़े होते हैं। इस दौर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर तेजी से घटता है। वह हार्मोन जो लंबे समय तक आपकी ब्लड वेसल्स को लचीला और दिल को मजबूत बनाता रहा, उसका बनना धीरे धीरे कम और फिर अचानक बंद हो जाता है।
मेनोपॉज़ जितना धीरे धीरे हो – उतना अच्छा
फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के निदेशक डॉ शिव कुमार चौधरी के मुताबिक “अगर किसी महिला में 40 वर्ष से पहले ही मेनोपॉज़ हो जाए और ये मेनोपॉज़ एक दो महीने के बदलाव में ही हो जाए तो इसका मतलब ये होता है कि एस्ट्रोजन हार्मोन का बनना अचानक बंद हो गया। इस बदलाव से दिल की धड़कन कमजोर महसूस हो सकती है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, कोलेस्ट्रॉल बिगड़ सकता है, और यहां तक कि दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर अगर पहले से कोई दिल की समस्या थी, तो अब समय रहते उसे पहचानना और संभालना बहुत जरूरी हो जाता है।”
एम्स अस्पताल में 30 वर्षो तक कार्डियो थोरेसिक विभाग के निदेशक रहे डॉ. शिव कुमार चौधरी के मुताबिक एस्ट्रोजन दिल को बचाता है
एस्ट्रोजन ब्लड वेसल्स को फैलाने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है्
यह एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाता है और एलडीएल ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है
धमनियों में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है
लेकिन जैसे ही मेनोपॉज़ शुरू होती है, ये सपोर्ट सिस्टम धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है, जिससे दिल की सुरक्षा कम हो जाती है।
मेनोपॉज से पहले दिल मजबूत है या नहीं – ये जान लें
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक 40-50 साल की उम्र के आसपास महिलाओं को ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, ईसीजी और थायरॉयड टेस्ट करवा कर अपनी हेल्थ जान लेनी चाहिए। अगर किसी महिला को गर्भावस्था में डाइबिटीज हुई थी तो खतरा ज्यादा माना जाता है।
मेनोपॉज़ में मदद करेगा ये डाइट प्लान
दिल की सेहत और मेनोपॉज़ लक्षणों के लिए मेडिटेरेनियन या डैश डाइट को फायदेमंद माना गया है। मेडिटेरेनियन डाइट में रंग-बिरंगे फल और सब्जियां ज्यादा होनी चाहिए। मोटा अनाज यानी मिलेट्स 1 चौथाई होने चाहिए। अगर आप शाकाहारी हैं प्रोटीन के लिए सोयाबीन, साबुत दालें या पनीर में से कोई एक चीज रोजाना लें। डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध दही भी फायदा करते हैं। अगर नॉनवेज खा सकती हैं तो अंडा मटन और चिकन से फायदा होगा। डैश डाइट भी लगभग इसी तरह की होती है – उसमें चीनी नमक और फैट कम करने पर जोर दिया जाता है और एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रोल कम करने का टारगेट रखा जाता है। दोनों ही डाइट में रेड मीट से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
मेनोपॉज के दौरान दिल और हड्डियों की सेहत के लिए प्रोटीन की पूर्ति जरुर करें। 1 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से, प्रोटीन को हड्डी और मांसपेशियों के लिए जरूरी माना गया है। फाइबर वाले उल सब्जियां कब्ज दूर करने और ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने में काम आती हैं। इसी के साथ इस उम्र में कम इस्ट्रोजन हड्डियों और मांसपेशियों के लचीलेपन पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए कैल्शियम व विटामिन डी जिसे डेयरी, हरी पत्तेदार सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स, मछली से पूरा किया जा सकता है।
एक्सरसाइज बचाएगी दिल की बीमारी से
35 साल की उम्र के बाद महिलाएं अगर हर हफ्ते 150 मिनट की एक्सरसाइज़ का लक्ष्य रखें तो फायदा हो सकता है। जिसमें तेज़ चलना, योग, प्राणायाम, स्विमिंग या साइकलिंग शामिल की जानी चाहिए।
7 से 8 घंटे की नींद जरुर लें। नींद में बार बार ना उठना पड़े उसके लिए स्क्रीन टाइम कम करें और सोने का एक तय समय बनाएं।
मोटापे से हर हाल में बचें। मोटापा ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी साथ में लाता है और ये दोनों दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं।
क्या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरैपी करेगी फायदा ?
जिन महिलाओं में जल्दी यानी 40 की उम्र से पहले ही मेनोपॉज हो जाए उन्हें एचआटी दी जा सकती है जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो। लेकिन ये फैसला आपकी डॉक्टर आपके बाकी हालात को देखते हुए ही लेती हैं। कुछ महिलाओं में दवाएं और कुछ में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरैपी के पैच लगाए जा सकते हैं।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरैपी मेनोपॉज के दौरान हार्मोन की कमी को दूर कर सकती है। लेकिन, रिसर्च में इसके फायदे और नुकसान दोनों ही मिले हैँ।
2002 में की गई एक रिसर्च में 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरैपी से थ्रोम्बोसिस, स्ट्रोक और हार्ट अटैक में इजाफा देखा गया हालाँकि 2015 में अमेरिकल मेडिकल असोसिएशन में छपे एलीट ट्रायल के दौरान ये पाया गया कि अगर एचआटी मेनोपॉज के पहले 10 सालों के अंदर दी जाए, तो यह दिल के लिए फायदेमंद हो सकती है — इसे “टाइमिंग हाइपोथेसिस” कहते हैं।
स्किन में लगाए जाने वाले एस्ट्रोजेन पैच खून का थक्का जमने के खतरे से बचा सकते हैं। जबकि दवाएं कुछ मामलों में खतरे को बढ़ा सकती है ।
मोटे तौर पर ये माना गया कि इस्ट्रोजन एचआरटी अच्छे कोलेस्ट्रोल यानी एचडीएल को बढ़ाता है, एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है और दिल की आर्टरी में खून का फ्लो सुधारता है।
मेनापॉज जीवन का एक स्वाभाविक अध्याय है, लेकिन इसे सिर्फ बुढ़ापा समझना गलत होगा। समय रहते की गई तैयारी मेनोपॉज के मुश्किल दौर को आसान बना सकती है।