2024
हाॅलीडे विशेषांक : फैमिली के साथ फन और फूड पर खास अंक
June-2025
आपकी जानपहचान में जरूर कोई ऐसी महिला जरूर होगी, जो आपके मैसेज बॉक्स को कपड़ों] ज्वेलरी] जूतों] हाउसहोल्ड आइटम्स की तसवीरों से भर देती होगी। इन्हें देख कर यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस तरह के बिजनेस में कुछ कमाई होती भी है
पश्चिम दिल्ली की वर्षा राठौड़ ने नेल अार्ट से अपनी अलग पहचान बना ली है। सात साल पहले स्कूटी पर सवार हो कर कस्टमर्स के िलए भटकनेवाली वर्षा को अब घर बैठे-बैठे खूब काम िमल रहा है। इंस्टाग्राम पर वर्षा का अपना पेज है, िजसमें उनके अपने 700-800 नेल अार्ट के िडजाइन हैं। कस्टमर्स में नामीगिरामी स्कूल की
मोमोज अाज उतने ही पॉपुलर हैं, जितने गोलगप्पे। बड़े-बड़े रेस्तराअों में डंपलिंग के नाम से अौर गलियों-नुक्कड़ों में मोमोज के नाम से बिकनेवाले इस गरमागरम स्टीम्ड स्नैक्स का मजा तो अापने भी खूब लिया होगा। दार्जिलिंग की लीला मनी गुरंग पिछले 25 सालों से दिल्ली के द्वारका-महावीर एन्कलेव एरिया में रह रही
हैदराबाद की रहनेवाली मोनालिसा डेका शादी के बाद दिल्ली अायीं, तो जिस चीज को सबसे ज्यादा मिस करती थीं, वह थी हैदराबादी बिरयानी। यहां अा कर मोनालिसा ने बेशक फुल टाइम कंटेंट राइटिंग जॉब शुरू कर दी, लेकिन वीकेंड पर अपने कुकिंग के शौक को पूरा करती थीं। वे जो भी पकाती थीं, उसमें से मेहमान सबसे ज्यादा
एक बड़ी ट्रेवल कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करनेवाली पूजा महाजन ने जॉब के साथ जैसे-तैसे एक बेटी की परवरिश तो कर ली, लेकिन जब दूसरे बच्चे की बारी अायी, तो नौकरी छोड़ कर घर बैठना पड़ा। कुछ समय तो छोटे बेटे की परवरिश में पंख लगा कर उड़ गया, लेकिन फिर एक बेचैनी सी सालने लगी। सालों से एक एक्टिव, कैरिअर
पेशे से क्वॉलिफाइड टीचर मधु मित्तल का मन फुलटाइम जॉब में नहीं रमा। हर महिला की तरह खाना अौर तरह-तरह की मिठाइयां बनाने की शौकीन मधु के हाथ<br> के बने बेसन के लड्डू सबको बहुत पसंद अाते थे। फिर किसी फ्रेंड ने खासतौर से अॉर्डर दे कर अपने लिए बेसन के लड्डू बनवाए, जो सबने बहुत पसंद किए। स्वभाव से थोड़ी
कॉन्टिनेंटल फूड का शौक रखनेवालों को उसका स्वाद तभी अच्छा लगता है, जब साथ में हमस, सालसा अौर डिप्स भी उतने ही टेस्टी हों। स्वाद की इस बारीकी को दिल्ली की समृिद्ध कपूर ने महसूस किया अौर अपने इस शौक को वे शादी के बाद अंजाम दे रही हैं। इतनी देर से कैरिअर शुरू क्यों किया? पूछने पर वे कहती हैं, ‘‘मेरी 22
गरमियों की छुटि्टयाें में मालती वतवार अपने चाचा जी के यहां जाया करती थीं। घर के सारे बच्चे मिल कर खूब इंडोर गेम्स खेलते थे। शतरंज का चस्का उन्हें वहीं से लगा। बड़ी हो कर मालती ने कॉलेज में शतरंज के कई टूर्नामेंट खेले अौर सभी में जीत ही हासिल की। वर्तमान में वे माउंट लिटेरा इंटरनेशनल स्कूल, मुंबई
कभी गोटा ज्वेलरी में अपनी पहचान बनाने के िलए एक के बाद एक एग्जीिबशन लगानेवाली रिद्धिमा चंडोक अब मायरा द िक्रएटिव वे के नाम से अॉनलाइन काम कर रही हैं। अब घर बैठे-बैठे उन्हें देश के कोने-कोने से अौर अमेिरका व िसंगापुर तक से अॉर्डर िमल रहे हैं। ये ज्वेलरी सोने-चांदी के गहनों से कम सुंदर नहीं हैं। इस
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