पश्चिम दिल्ली की वर्षा राठौड़ ने नेल अार्ट से अपनी अलग पहचान बना ली है। सात साल पहले स्कूटी पर सवार हो कर कस्टमर्स के िलए भटकनेवाली वर्षा को अब घर बैठे-बैठे खूब काम िमल रहा है। इंस्टाग्राम पर वर्षा का अपना पेज है, िजसमें उनके अपने 700-800 नेल अार्ट के िडजाइन हैं। कस्टमर्स में नामीगिरामी स्कूल की प्रिंसिपल, टीचर्स से ले कर टॉप कंपनी की डाइरेक्टर तक शािमल हैं। वर्षा ने नेल अार्ट िडजाइनिंग का कोर्स किया है। वे कहती हैं िक कोर्स करने पर नेल अार्ट के बेिसक समझ में अाते हैं, पर इसकी बारीिकयां काम की लगातार प्रैक्टिस से ही अाती हैं।
शादी से पहले एक ब्यूटी सैलून के कॉस्मेटिक काउंटर में सेल्स गर्ल के रूप में काम करनेवाली वर्षा ने शौक-शौक में सैलून से 2 बार नेल अार्ट कराए। फिर वर्षा ने इसी सैलून से नेल अार्ट का कोर्स किया। कोर्स करने के बाद इसी सैलून में नेल अार्ट का काम शुरू कर िदया। तब उन्हें इस काम के िलए 8000-9000 रुपए िमलने लगे। तब वे 3-4 महिलाअों के नेल अार्ट कर लेतीं। फिर शादी हो जाने पर उन्होंने यह काम छोड़ दिया। बेटी के जन्म के बाद उसके एक साल का हो जाने पर उन्होंने फ्रीलांसर के तौर पर नेल अार्ट का काम शुरू करने का फैसला िकया। शुरुअात में 2-3 कस्टमर ही थे। काम अागे बढ़ नहीं रहा था। उन्होंने दूसरी जगह से नेल अार्ट का कोर्स िकया, पर कोई खास फायदा नहीं हुअा। इस बीच इनके हसबैंड के दोस्त लंदन से अाए, उन्होंने इसका कोर्स लंदन में सीखा था। उनसे भी इस अार्ट की बारीकियों को समझा।
फ्रीलांसिंग के साथ-साथ नेल स्टूडियो में नेल अार्ट की ट्रेिनंग भी देने लगीं। तब उन्हें महीने के लगभग 15,000 रुपए िमल जाते। वर्षा ने एक्रिलिक अौर जैल, दोनों तरह का नेल एक्सटेंशन सीखा है। लेिकन उन्होंने अपने काम की शुरुअात जैल एक्सटेंशन से की। वे बताती हैं िक एक्रिलिक एक्सटेंशन थोड़ा सख्त होता है अौर इससे नाखून खराब हो जाते हैं। नेल स्टूडियो में ज्यादातर एक्रिलिक एक्सटेंशन होता है, इससे बाद में कस्टमर्स को िदक्कत होती है। उन्होंने शुरुअात ही जैल एक्सटेंशन से की। इसका सामान महंगा है।
उनकी काम को सीखने की लगन, मेहनत अौर िक्रएटिविटी सब रंग लायीं अौर धीरे-धीरे उनके कस्टमर्स बढ़ने लगे। इस समय उनके लगभग 250 कस्टमर्स हैं। िदनभर में उन्हें 8-10 अॉर्डर मिल जाते हैं, पर वे अब भी 4-5 से ज्यादा कस्टमर नहीं लेतीं। वे घंटेभर में दोनों हाथों के नेल्स पर एक्सटेंशन लगाने, उन पर नेल अार्ट करने का काम िनबटा लेती हैं। नेल अार्ट के िलए प्रति कस्टमर 2000 रुपए अौर पुराने नेल अार्ट को िरमूव कराने के 500 रुपए लेती हैं।
सफलता का मंत्र ः वर्षा का मानना है कि एक बार बने कस्टमर को रेगुलर कस्टमर बनाना है, तो अपने काम व सामान, दोनों की क्वॉलिटी के साथ िकसी तरह का समझौता नहीं करना होता है।
शादी से पहले एक ब्यूटी सैलून के कॉस्मेटिक काउंटर में सेल्स गर्ल के रूप में काम करनेवाली वर्षा ने शौक-शौक में सैलून से 2 बार नेल अार्ट कराए। फिर वर्षा ने इसी सैलून से नेल अार्ट का कोर्स किया। कोर्स करने के बाद इसी सैलून में नेल अार्ट का काम शुरू कर िदया। तब उन्हें इस काम के िलए 8000-9000 रुपए िमलने लगे। तब वे 3-4 महिलाअों के नेल अार्ट कर लेतीं। फिर शादी हो जाने पर उन्होंने यह काम छोड़ दिया। बेटी के जन्म के बाद उसके एक साल का हो जाने पर उन्होंने फ्रीलांसर के तौर पर नेल अार्ट का काम शुरू करने का फैसला िकया। शुरुअात में 2-3 कस्टमर ही थे। काम अागे बढ़ नहीं रहा था। उन्होंने दूसरी जगह से नेल अार्ट का कोर्स िकया, पर कोई खास फायदा नहीं हुअा। इस बीच इनके हसबैंड के दोस्त लंदन से अाए, उन्होंने इसका कोर्स लंदन में सीखा था। उनसे भी इस अार्ट की बारीकियों को समझा।
फ्रीलांसिंग के साथ-साथ नेल स्टूडियो में नेल अार्ट की ट्रेिनंग भी देने लगीं। तब उन्हें महीने के लगभग 15,000 रुपए िमल जाते। वर्षा ने एक्रिलिक अौर जैल, दोनों तरह का नेल एक्सटेंशन सीखा है। लेिकन उन्होंने अपने काम की शुरुअात जैल एक्सटेंशन से की। वे बताती हैं िक एक्रिलिक एक्सटेंशन थोड़ा सख्त होता है अौर इससे नाखून खराब हो जाते हैं। नेल स्टूडियो में ज्यादातर एक्रिलिक एक्सटेंशन होता है, इससे बाद में कस्टमर्स को िदक्कत होती है। उन्होंने शुरुअात ही जैल एक्सटेंशन से की। इसका सामान महंगा है।
उनकी काम को सीखने की लगन, मेहनत अौर िक्रएटिविटी सब रंग लायीं अौर धीरे-धीरे उनके कस्टमर्स बढ़ने लगे। इस समय उनके लगभग 250 कस्टमर्स हैं। िदनभर में उन्हें 8-10 अॉर्डर मिल जाते हैं, पर वे अब भी 4-5 से ज्यादा कस्टमर नहीं लेतीं। वे घंटेभर में दोनों हाथों के नेल्स पर एक्सटेंशन लगाने, उन पर नेल अार्ट करने का काम िनबटा लेती हैं। नेल अार्ट के िलए प्रति कस्टमर 2000 रुपए अौर पुराने नेल अार्ट को िरमूव कराने के 500 रुपए लेती हैं।
सफलता का मंत्र ः वर्षा का मानना है कि एक बार बने कस्टमर को रेगुलर कस्टमर बनाना है, तो अपने काम व सामान, दोनों की क्वॉलिटी के साथ िकसी तरह का समझौता नहीं करना होता है।