बरसात शुरू होने पर सभी पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड और बाढ़ के हालात बन जाते हैं, ऐसे में अगर घूमने का मन हो, तो उन इलाकों में जाना चाहिए, जहां पर लैंडस्लाइड का खतरा कम हो, क्योंकि इस वजह से हिमाचल और उत्तराखंड के बहुत से पर्यटन स्थलों में कई बार पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दी जाती है। यों भी इस तरह की स्थितियों में घूमने-फिरने का मजा किरकिरा ही हो जाता है। इसलिए क्यों ना समय की लहर के साथ बह कर छुटि्टयां मनाने किसी ऐसी जगह पर चला जाए, जो आपको मौसम की फुल वाइब दे। बारिश हो और चाय का कप ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। यह हम भारतीयों का पहला प्यार है। पर क्या आप जानते हैं कि टी टूरिज्म का क्रेज भी इन दिनों चाय के दीवानों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। दार्जिजिग, सिक्किम, असम जैसी जगहों पर जहां चाय की खूब खेती होती है, वहां की टी एस्टेट्स में पर्यटकों के लिए लग्जरी रिजॉर्ट्स बनाए जा रहे हैं, जहां पर एक खुशनुमा छुट्टी बितायी जा सकती है। जरा सोचिए, खूबसूरत वादियों में सुहाने मौसम का साथ हो, सुकूनभरे पलों में वहीं के बागानों में उगी चाय का एक कप हाथ में हो, तो कैसा लगेगा। दिल तो यही चाहेगा कि काश, हम भी एक घर यहां पर खरीद पाते। वैसे दिल का क्या है, ख्वाहिश करना तो इसकी आदत है। पर जहां तक हो सके, दिल की ख्वाहिशें पूरी कर ही लेनी चाहिए। क्या पता, आगे मौका मिले या ना मिले। जानिए भारत में कौन-कौन से टी गार्डंस या टी एस्टेट्स सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं-
टी सिटी ऑफ इंडिया - असमः असम की चाय देश-विदेश में जबर्दस्त लोकप्रिय है। असली असम टी का मजा लेना है, तो डिब्रूगढ़ पहुंचें। यहां पर आपको कम से कम 165 टी गार्डंस देखने को मिलेंगे। दिखने में बेशक एक जैसे, पर ऐसा नयनाभिराम सौंदर्य कि आपका देख-देख कर मन ही नहीं भरेगा। चाय की ताजगी जैसे फिजाओं में घुली-मिली हुई हो। यहां रहने का असली मजा लेना हो और बुकिंग मिल जाए, तो अंग्रेजों द्वारा बनवाए गए टी गार्डन बंगले में ठहरें। मैनकोटा टी एस्टेट की टी फैक्टरी में आप चाय की हरी पत्तियों को सुखा कर पैकिंग होने तक का सफर देख पाएंगे। रंगबिरंगे कपड़े पहने पूरी नफासत से टोकरी में चाय की पत्तियों को तोड़ कर इकट्ठा करती हुई टी वर्कर्स को आपने अभी तक फिल्मों में ही देखा होगा, पर असम आने पर आप इन्हें हकीकत में देख पाएंगे।
डिब्रूगढ़ के अलावा जोरहट में भी आपको चाय के खूब जलवे देखने को मिलेंगे। यहां पर विश्व प्रसिद्ध टोक्लाई टी रिसर्च सेंटर है। यह विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है। यहां पर चाय के उत्पादन से जुड़ी कई रिसर्च की जाती हैं। इस सेंटर में चाय की कम से कम 213 किस्मों की खोज की गयी है और चाय के बीजों की 14 किस्में भी खोजी गयी हैं।
ऐसा नहीं है कि असम में पर्यटकों के देखने के लिए और कुछ नहीं है। काजीरंगा नेशनल पार्क, कामाख्या मंदिर, सिवासागर जैसी कई जगहों पर जा कर आप घूमने का आनंद ले सकते हैं। गुवाहाटी में आपको केले के पेड़ खूब देखने को मिलेंगे। गुवाहाटी से शिलॉन्ग जाते समय आपको बैंगनी, हरे, पीले, गुलाबी, नीले रंगाें के फूलाें से लदे पेड़ देखने को मिलेंगे। इन पेड़ों पर कोई पत्ता आपको दिखायी दे जाए, तो बस आपकी जीत ! इसी रास्ते में आपको पाइनएपल के पहाड़ भी देखने को मिलेंगे। यहां जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से नवंबर तक का होता है।
टी गार्डन की नेचर वॉक दार्जिलिंग मेंः दार्जिलिंग का नाम सुनते ही आपको टॉय ट्रेन की याद आती है। लेकिन आपको बता दें कि पूरे विश्व में टी टूरिज्म को मशहूर करनेवाला शहर दार्जिलिंग ही है। हजारों एकड़ में यहां अनगिनत टी एस्टेट्स फैली हुई हैं, जो ना सिर्फ स्थानीय लोगों को रोजगार देती हैं, बल्कि हर साल कई पर्यटकों को भी बुलावा देती हैं। टी गार्डंस की सैर करते हुए खुशनुमा मौसम का आनंद लीजिए, ताजी चाय का स्वाद लीजिए और ब्रिटिश काल में बने बंगलों में रहने का मजा लीजिए। वैसे अगर बंगलों में ना रह पाएं, तो यहां कई रिजॉर्ट भी आपको रहने के लिए मिल जाएंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां के स्थानीय लोग भी अपने घरों में होमस्टे का विकल्प उपलब्ध करवाते हैं। मकाईबाड़ी टी एस्टेट में आपको ऐसे कई होमस्टे मिल जाएंगे। यहां पर आपको घर का बना खाना भी खाने को मिल जाएगा। वैसे अब कई छोटी-बड़ी टूर ऑपरेटिंग कंपनियां खासतौर से टी गार्डन टूर्स भी आयोजित करने लगी हैं। इनमें लोकल साइटसीइंग, मशहूर टी गार्डंस की सैर, ठहरना आदि सब शामिल रहते हैं।
केरल के मुन्नार की अलग ही बातः कहने वाले तो श्रीनगर के लिए हमीअस्तो हमीअस्तो हमीअस्तो कह गए, लेकिन जो लोग केरल के मुन्नार की सैर करके आए हैं, वे वाकई में स्वर्ग देख कर आए हैं। अपनी बेनजीर खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध केरल के हिल स्टेशन मुन्नार के टी गार्डंस किसी सपने से कम नहीं हैं। यहां के मशहूर टी गार्डंस में शामिल हैं टाटा टी या केडीएचपी म्यूजियम, विश्व की सबसे ऊंची टी प्लांटेशन कोलूक्कूमलाई, सेवनमलई टी एस्टेट, पल्लिवसल टी गार्डन आदि यहां देखने लायक हैं। यहां भी आपको टी प्लांटेशन के वॉकिंग टूर्स अलग-अलग रेट पर मिल जाएंगे, जिनमें आपको टी एस्टेट की सैर के साथ अलग-अलग तरह की चाय भी पीने को मिलेगी। इसके अलावा खूबसूरत लोकेशंस पर लंच का इंतजाम भी किया जाता है।