Saturday 10 October 2020 04:48 PM IST : By Meena Pandey

क्यों जरूरी है पड़ोसियों से फ्रेंडली रिश्ता रखना

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आजकल लोग घर से बाहर निकलते, दरवाजे का लॉक लगाते हुए ही पड़ोसियों को देखते और उनसे मिलते हैं। कई बार तो एक-दूसरे की ओर बिना देखे ही बगल से निकल जाते हैं। ऐसे महानुभाव भी मिल जाएंगे, जो अपने पड़ोसियों को जानते ही नहीं हैं। उनको दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले हुए भी सालों गुजर जाते हैं। दिल्ली में लाइफ कोच एंड बॉडी लैंग्वेज एक्सपर्ट चिराग सिंगला के अनुसार हर किसी को कुछ ऐसे लोगों की जरूरत होती है, जिनसे वह रोजमर्रा की बातें करे और अपनी परेशानियां या खुशियां बांट सके, लेकिन एेसा हो नहीं पा रहा है। सब यही कहते नजर अाते हैं कि हम बहुत बिजी है। लेकिन वे एेसा कर क्या रहे हैं? जब वक्त मिलता है, मोबाइल, इंटरनेट, नेटफिलिक्स में बिजी हो जाते हैं, जबकि अच्छे दोस्त, पड़ोसी और रिश्तेदार की कमी कोई कंप्यूटर या मोबाइल पूरी नहीं कर सकता।

सेफ महसूस होता हैः पड़ोसियों और दोस्तों के साथ होने पर तो खुद को सेफ महसूस करना बहुत स्वाभाविक है। जरूरत में पड़ोसी ही काम आते हैं, किसी मुश्किल में हमारे साथ पड़ोसी और दोस्त ही होते हैं। मेडिकल इमरजेंसी हो या शादी-ब्याह वे ही हर मौके पर मदद के लिए आगे होते हैं।

मुस्करा कर मिलेंः पड़ोसी से लेना-देना नहीं रखेंगे, तो वे भी वक्त पड़ने पर आपके काम नहीं अाएंगे। चिराग कहते हैं कि अड़ोसियों-पड़ोसियों से तो रिश्ता बनाना पड़ता है। इसके लिए उनका खुली मुस्कराहट से स्वागत करें, हाथ मिलाएं, पर ईगो की वजह से आपस में नमस्ते, दुआ-सलाम तक नहीं होती जब भी पड़ोसी से मिलें, पूरी गर्मजोशी के साथ।

नए घर में शिफ्ट किया है तोः अगर आप किसी नयी कॉलोनी या अपार्टमेंट में शिफ्ट हुए हैं, तो जब पड़ोसियों से मिलें, तो कम से कम ‘हेलो’ तो करें ही। अपने रिश्तेदारों को बताएं कि आप शिफ्ट कर चुके हैं। उनको अपना एड्रेस जरूर दें। पड़ोसी को घर में चाय-कॉफी पर बुलाएं। जानपहचान हो जाने पर डिनर पर भी इन्वाइट कर सकते हैं, ताकि रिश्ता अच्छा बने। जब लोगों को जानेंगे, पहचानेंगे, तभी उस नयी जगह के लिए अपनापन पैदा होगा। सामने वाला जैसा है, उसे वैसा ही स्वीकार करें। माफ कर दें और गलती होने पर माफी मांग लें।

त्योहारों मे मिलेंजुलेंः कोई त्योहार आए, तो पड़ोसी के घर मिठाई, कुकीज ले कर मिलने जाएं। यह सब ना भी दें, तो त्योहार की शुभकामना जरूर दें। त्योहार पड़ोसियों के साथ मिल कर मनाएं। चाहे आप उनके घर जाएं या वे आ आपके घर अाएं यह बात रिश्तेदारों के लिए भी याद रखें।

रिश्ता मेंटेन करेंः लाइफ कोच और ब्रेनशेफ्स के फाउंडर चिराग आगाह करते हैं कि रिश्ता तो बन जाता है, पर उसे लोग मेन्टेन नहीं कर पाते हैं। कई बार ज्यादा ही घुलमिल जाते हैं। जिससे संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है। तब एक-दूसरे में सिर्फ बुराई नजर आती है, अच्छी बातें वे भूल ही जाते हैं। ब्लेम करने लगते हैं। कमियां सबमें होती हैं, इन्हें नजरअंदाज करना सीखें। बहसबाजी के दौरान इंटेलीजेंट ब्लेमिंग होनी चाहिए यानी कमी बता रहे हों या बहस कर रहे हों, तो सामने वाले की पॉजिटिव बातों को जरूर सराहें। अगर मिल ना पाएं, तो फोन करें

पड़ोसियों से घुलने-मिलने के लिए इन टिप्स को याद रखें-

- सेटरडे, संडे मोबाइल बंद रखें, दोस्तों अौर पड़ोसियों से मिलने का समय निकालें।

- उनकी निजी जिंदगी में दखल ना दें।

- पड़ोसियों से दोस्ती करें, मगर इस बात का भी ध्यान रखें कि वे अापसे कितना घुलना-मिलना चाहते हैं।

- पड़ोसी के व्यवहार से महसूस हो कि वे आपको टाल रहे हैं, मिलने से बच रहे हैं, तो उनसे दूरी कायम करें।

- बार-बार सामान मांगने ना पहुंच जाएं।

- पड़ोसी से गर्मजोशी के साथ मिलें। कोई गलती होने पर उसे माफ कर दें।

- सामनेवाले की पॉजिटिव बातों को जरूर सराहें। मिलने पर हाथ मिलाएं, हाथ नीचे झुलाते हुए बात ना करें।