Friday 20 May 2022 03:47 PM IST : By Gopal Sinha

आखिर कैसे नाम बदलने से बदलता है भाग्य

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क्या आप मुहम्मद यूसुफ खान, राजीव हरिओम भाटिया या करणजीत कौर वोहरा को जानते हैं? नहीं जानते, कोई बात नहीं। अक्षय कुमार, दिलीप कुमार और सनी लियोनी को तो पक्का जानते होंगे। आखिर क्यों राजीव हरिओम भाटिया अक्षय कुमार बन गए, यूसुफ खान दिलीप कुमार के नाम से फेमस हुए और करणजीत कौर वोहरा ने नाम बदल कर सनी लियोनी रख लिया? बॉलीवुड तो ऐसी शख्सियतों से भरा पड़ा है, जिन्होंने ज्योतिष, न्यूमेरोलॉजी के आधार पर या किसी और वजह से अपने नाम बदल लिए और सफलता के परचम लहराए। 

क्या वाकई नाम बदलने से किस्मत बदल जाती है? ज्योतिषाचार्य पंडित संजय शर्मा कहते हैं कि नाम बदलने से आपके ग्रहों का प्रभाव बदल जाता है और इसका असर आपके व्यक्तित्व, कैरिअर, प्रसिद्धि, धन-दौलत सब पर पड़ता है। होता क्या है कि व्यक्ति की राशि जन्म की अलग है और ग्रह के अनुसार अलग है। न्यूमेरोलॉजी में भी देखा जाता है कि यदि किसी की लाइफ में एक नंबर है, जैसे किसी का जन्म 1.01.1919 को हुआ है, तो उसकी लाइफ में 1 नंबर की प्रधानता है। ऐसे में सूर्य प्रबल हो जाएगा और उसका राजयोग बन जाएगा। अगर उसका नाम 4 नंबर पर है, तो ग्रहण लग जाएगा, क्याेंकि वह राहु का नंबर है और ऐसा आदमी जेल पहुंच जाएगा। इस तरह के कॉम्बिनेशन में उसके नाम की स्पेलिंग या नाम बदलने से फायदा होता है। दूसरी बात, अलग-अलग नंबर अलग-अलग ग्रहों के हैं जैसे 1 नंबर सूर्य का है, 2 नंबर चंद्रमा का है, 3 नंबर बृहस्पति का है, 4 नंबर राहु का है, 5 नंबर बुध का है, 6 नंबर शुक्र का है, 7 नंबर केतु का है, 8 नंबर शनि का है और 9 नंबर मंगल का है। न्यूमेरोलॉजिस्ट इन नंबरों के आधार पर गणना करते हैं। 

हमारे देश में ज्योतिष की गणना नीमच को केंद्र मान कर की जाती है। पंचांग वगैरह इसी जगह के आधार पर बनाया जाते हैं। पंडित संजय शर्मा कहते हैं कि नाम बदलने में हम ज्यादातर अंग्रेजी के अक्षरों में हेरफेर कर सकते हैं, हिंदी में नहीं कर सकते, क्योंकि इससे उच्चारण गलत हो जाएगा। अंग्रेजी में डबल ए लगाने से नाम का प्रभाव तो बदल जाएगा, लेकिन उच्चारण में फर्क नहीं पड़ेगा। यह देखना जरूरी है कि कौन सा नंबर आपकी लाइफ में मिसिंग है। अगर आपका नंबर 2 है, तो एक्टिंग, आर्ट, ग्लैमर फील्ड में जाते हैं। लेकिन अगर आपकी लाइफ में 2 नंबर नहीं है, तो शादी में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में मिसिंग नंबर को कनेक्ट करना पड़ता है। एक ग्राफ बनाया जाता है और नाम में बदलाव ला कर हम उसके जीवन में 6 नंबर ले आते हैं। चूंकि 6 नंबर शुक्र का नंबर है, तो वह जीवन में लग्जरी ले आता है। इस तरह पूरी इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करके, नाम को बदल कर या नाम की स्पेलिंग में थोड़ा-बहुत परिवर्तन ला कर व्यक्ति की पूरी लाइफ बदली जा सकती है। 

मेरे पास बहुत से ऐसे लोग आए हैं, जिन्होंने अपने नाम में करेक्शन कराया है। मूवर्स एंड पैकर्स के अनुराग शर्मा, चार्टर्ड अकांउटेंट शुभम अग्रवाल, एमडीएच के राजीव गुलाटी जैसे अनेक लोगों ने नाम बदलवाए और सफल हुए। किस्मत कनेक्शन फिल्म में पहले शाहरुख खान को लिया जाना था, लेकिन न्यूमेरोलॉजी के आधार पर राहिला मिर्जा ने शाहिद कपूर को लिया। इस तरह अनेक लोगों ने नाम बदल कर अपनी लाइफ को सही दिशा दी। 

न्यूमेरोलॉजी के हिसाब से

न्यूमेरोलॉजी में व्यक्ति का सारा भूत-भविष्य अंकों के आधार पर निकाला जाता है। इस पद्धति में नाम की गणना करते समय विशेषज्ञ कहते हैं कि आपका नाम अाैर डेस्टिनी नंबर समान होना चाहिए, तभी सफलता मिलती है। हर अक्षर के लिए डेस्टिनी नंबर निर्धारित है, जिसके आधार पर नाम में परिवर्तन कर सकते हैं। हालांकि किसी किस्म की भूल-चूक से बचने के लिए हमेशा किसी अच्छे न्यूमेरोलॉजिस्ट की सलाह पर ही अपने नाम में करेक्शन कराना सही रहता है। 

अक्षर और उनसे जुड़े डेस्टिनी नंबर

अक्षर                              डेस्टिनी नंबर

A, I, J, Q, Y                       1

B, K, R                              2

C, G, L, S                          3

D, M, T                             4

E, H, N, X                         5

U, V, W                            6

O, Z                                 7

F, P                                  8 


ऊपर दिखाए टेबल के आधार पर आप अपना डेस्टिनी नंबर पता कर सकते हैं। अगर आपका नाम RAJESH KUMAR है, तो आपका डेस्टिनी नंबर 2+1+1+5+3+5+2+6+4+1+2= 32 = 3+2 = 5 होगा। इसके बाद न्यूमेरोलॉजी में मेन प्लैनेट नंबर और लाइफ पाथ नंबर व्यक्ति के जन्म की तारीख के आधार पर निकाला जाता है।

मूलांक यानी मेन प्लैनेट नंबर: आपके जन्म की तारीख के अंकों को जोड़ने के बाद जो अंक आता है, वही आपका मुख्य ग्रह अंक है। यह अंक आपके जीवन को संचालित करनेवाले मुख्य ग्रह को बताता है। अगर आपके जन्म की तारीख 25 है, तो आपका मेन प्लैनेट नंबर होगा 2+5 = 7। 7 बृहस्पति का अंक है यानी आपके जीवन को संचालित करनेवाला ग्रह बृहस्पति है।

भाग्यांक यानी लाइफ पाथ नंबर: इस अंक को जानने के लिए आपको अपने जन्म की तारीख, महीना और साल सभी के अंकों को जोड़ना होगा। अगर आपका जन्म 15.09.2001 को हुआ है, तो आपका लाइफ पाथ 15+0+9+2+0+0+1= 27 = 2+7 = 9 होगा। 9 अंक मंगल ग्रह का है। 

न्यूमेरोलॉजिस्ट आपके जन्म की तिथि और नाम के आधार पर लो शाओ ग्रिड बनाते हैं। इसमें देखा जाता है कि कौन सा नंबर मिसिंग है। उस मिसिंग नंबर को जोड़ने के लिए आपके नाम में कोई अक्षर जोड़ा या कम किया जाता है। न्यूमेरोलॉजी में माना जाता है कि आप चाहें,तो अपना डेस्टिनी नंबर बदल सकते हैं। आपके नाम के साथ पॉजिटिव एनर्जी कायम रहे, इसके लिए नाम में करेक्शन कराने का सुझाव दिया जाता है। नाम बदल कर आप अपने कैरिअर, प्रेम, सेहत और रिश्तों में नयी ऊर्जा भर सकते हैं। 

एस्ट्रोलॉजी क्या कहती है

ज्योतिष में नाम की गणना करते समय हमारे सितारे, ग्रह और आकाशगंगा की स्थितियों को ध्यान में रखा जाता है। जब व्यक्ति का जन्म होता है, तो उस पर इन आकाशीय पिंडों का सीधा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ये सभी पृथ्वी की गतिविधियों पर नियंत्रण रखते हैं। चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब है और इसीलिए इसका प्रभाव हम पर सबसे ज्यादा पड़ता है। इसीलिए वैदिक ज्योतिष के आधार पर नाम रखते समय मून साइन का ध्यान रखा जाता है। 

राशि के अनुसार नाम क्यों: सितारे, ब्रह्मांड और पृथ्वी एक-दूसरे से गहराई से जुडे़ हुए हैं और ये आपस में सामंजस्य बैठाते हुए काम करते हैं। जब इनकी चाल बदलती है, तो कण-कण पर इसका प्रभाव पड़ता है। 

सीधे शब्दों में कहें, तो हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह हैं और 27 नक्षत्र या राशियां हैं, क्योंकि हर ग्रह के 3-3 सितारे हैं। व्यक्ति का जन्म उस समय मौजूद राशि के साथ होता है और हर राशि एक विशेष ग्रहीय चिह्न से जुड़ा होती है। प्रत्येक ग्रहीय चिह्न का एक अक्षर होता है, जो सितारे और ग्रह की सीध में जुड़ा होता है।