पिछले 6 महीनों में भारतीयों ने पांच हजार करोड़ रुपए कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स पर खर्च किए हैं। बात सिर्फ लिपस्टिक व काजल तक ही सीमित नहीं है, अब...
जिसके खयाल से भी होंठों पर मुस्कान आ जाए, जिसके सामने बोलने को शब्द तलाशने ना पड़ें, जिसके साथ जीवन का हर क्षण उल्लास से भर जाए, जिसे देख उदासी...
क्रिएटिविटी इंसान को ना सिर्फ जीवन के हर मोड़ पर संतुलित बनाए रखने में मददगार होती है, बल्कि ऐसे लोग कई बार दुनिया में बड़े काम भी कर जाते हैं।...
अध्ययन बताते हैं कि महिलाएं घरेलू कार्यों में 7 घंटे से भी अधिक समय खपाती हैं, जबकि पुरुष घर में केवल दो घंटे काम करते हैं। आधी से ज्यादा शहरी...
क्या करें, समय है कहां हमारे पास...ऐसे जुमले हम अकसर बोलते रहते हैं। ना जाने कितना वक्त गैरजरूरी कामों में गुजारते हैं और जरूरी मसलों पर घड़ी...
निर्भया कांड के 10 साल बाद क्या हमारे शहरों-गांवों-कस्बों की हालत कुछ सुधरी? महिला सुरक्षा सवालों पर कहां खड़े हैं आज हम? 2013 में गठित जस्टिस...
कुछ दुख भुलाए नहीं भूलते। अनचाही स्थितियां कभी ना कभी पीड़ा देती ही हैं। लेकिन व्यक्ति को भूलने का वरदान मिला है। दुख चाहे जितना बड़ा हो, उससे...
आज जब लड़कियां खेल के मैदानों से ले कर साइंस, इंजीनियरिंग और बोर्डरूम तक अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, तब क्या हमारे समाज में वह...
वर्क फ्रॉम होम ने स्त्रियों की पब्लिक लाइफ को बुरी तरह प्रभावित किया है। उनकी दुनिया घर की चारदीवारी में सिमटती जा रही है। घर में रहकर काम करने...