मिले मुझे भी अगर कोई शाम फुरसत की...

कहां खो रहा है कमबख्त वक्त

कहां खो रहा है कमबख्त वक्त

क्या करें, समय है कहां हमारे पास...ऐसे जुमले हम अकसर बोलते रहते हैं। ना जाने कितना वक्त गैरजरूरी कामों में गुजारते हैं और जरूरी मसलों पर घड़ी...

निर्भया कांड के 10 साल बाद कहां खड़े हैं हम

निर्भया कांड के 10 साल बाद कहां खड़े हैं हम

निर्भया कांड के 10 साल बाद क्या हमारे शहरों-गांवों-कस्बों की हालत कुछ सुधरी? महिला सुरक्षा सवालों पर कहां खड़े हैं आज हम? 2013 में गठित जस्टिस...

अनचाहा हो जो उसे कैसे चाहें

अनचाहा हो जो उसे कैसे चाहें

कुछ दुख भुलाए नहीं भूलते। अनचाही स्थितियां कभी ना कभी पीड़ा देती ही हैं। लेकिन व्यक्ति को भूलने का वरदान मिला है। दुख चाहे जितना बड़ा हो, उससे...

क्यों ना ये आईने बदल डालें

क्यों ना ये आईने बदल डालें

आज जब लड़कियां खेल के मैदानों से ले कर साइंस, इंजीनियरिंग और बोर्डरूम तक अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, तब क्या हमारे समाज में वह...

और भी सुख हैं जमाने में काम के सिवा

और भी सुख हैं जमाने में काम के सिवा

वर्क फ्रॉम होम ने स्त्रियों की पब्लिक लाइफ को बुरी तरह प्रभावित किया है। उनकी दुनिया घर की चारदीवारी में सिमटती जा रही है। घर में रहकर काम करने...

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Kaam Ki Batein
मेरे हसबैंड हार्ट पेशेंट हैं, क्या इसका असर हमारी सेक्स लाइफ पर पड़ेगा।
Man Ki Uljhan
मैं कॉलेज में पढ़ती हूं। जब भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ होती हूं, मुझे मेरा एक्स...