Monday 05 July 2021 11:51 AM IST : By Dr. Prakash Kothari

मेरे हसबैंड हार्ट पेशेंट हैं, क्या इसका असर हमारी सेक्स लाइफ पर पड़ेगा।

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प्रश्न: मेरी उम्र 50 साल है और मेरे हसबैंड 56 साल के हैं। हम सुखपूर्वक जिंदगी जी रहे हैं। सेक्सुअल लाइफ भी खूब एंजॉय कर रहे हैं। हसबैंड को हार्ट प्रॉब्लम है, लेकिन हम रेगुलर संबंध बनाते हैं और देर तक इसमें संलग्न रहते हैं। कहीं इससे कोई परेशानी तो नहीं होगी?

उत्तर: बढ़ती उम्र में भी व्यक्ति की ख्वाहिश बरकरार रहती है। प्राइवेट पार्ट में तनाव भी आता है, पर जरा देर से। मसलन, आप पहले जिस स्पीड से चल सकते थे, उतनी स्पीड से अब नहीं चल सकते, लेकिन चल कर जरूर जा सकेंगे। उसी तरह इरेक्शन आने में थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन आप बेफिक्र रहेंगे, तो आएगा जरूर। पुरुषों में यह क्रीड़ा करने का दम मरते दम तक बरकरार रहता है। हां, अगर आपके पति फोरप्ले और प्ले में अधिक समय गुजारते हैं, तो उससे कोई शारीरिक नुकसान नहीं होता। बढ़ती उम्र में भी चरम सीमा का आनंद पहले जैसा ही रहता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, सेक्स क्रिया की फ्रीक्वेंसी कम हो जाती है। इसकी वजह मेल हारमोन टेस्टोस्टेरॉन में आयी कमी होती है। इस कमी को कुदरती तरीके से दूर करने के लिए आपके पति हफ्ते में 2 बार लंच टाइम में 2 कटोरी काली उड़द दाल लहसुन और हींग का तड़का लगा कर लें। रात को सोते वक्त एक चम्मच मेथीदाना पानी के साथ निगल जाएं। मेथीदाना और उड़द की दाल के सेवन से टेस्टोस्टेरॉन`             हारमोन में काफी इजाफा होता है। स्त्रियों को भी यह लेना चाहिए, क्योंकि ब्रेस्ट, निपल और प्राइवेट पार्ट की संवेदनशीलता पुरुष हारमोन पर निर्भर करती है। मेथीदाना से इस्ट्रोजन हारमोन की भी पूर्ति होती है। दूसरी चीज, व्यक्ति को हमेशा वॉक करनी चाहिए। इससे खून का बहाव ब्रेन और प्राइवेट पार्ट में बढ़ता है। मानसिक शांति भी मिलती है। सूरत के मशहूर वैद्यराज पापालाल वैद्य और उनके अनुयायी मुंबई निवासी शिवकुमार मेहता हमेशा कहते आए थे कि ‘जिसके पांव चले, उसके प्राइवेट पार्ट भी चले।’

प्रश्न: मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं और मैं अपने पति के साथ अच्छी तरह वैवाहिक जीवन का आनंद उठा रही थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मेरा रुझान अपनी एक फ्रेंड की ओर होने लगा है। पति के बजाय उसका साथ मुझे पसंद आता है। क्या यह लेस्बियन बनने की शुरुआत है?

उत्तर: कई लोगों में ऐसा जरूर होता है कि कुछ समय के बाद उनका आकर्षण अपोजिट सेक्स की ओर  होने लगता है। इसका कारण मॉडर्न साइंस तो नहीं बता सकता, लेकिन छठी सदी में वराह मिहिर ने कहा था कि व्यक्ति का सेक्सुअल अट्रैक्शन उसके पैदा होने के समय ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि अर्वाचीन वैज्ञानिक इसका प्रमाण नहीं दे सकते, वे कहते हैं कि यह जेनेटिक है। उन्हें पता नहीं कि एक व्यक्ति जिसका आकर्षण पहले विजातीय था, अचानक सजातीय क्यों हो गया।  आप लेस्बियन हैं या नहीं, इसे जानने के लिए ये 3 सवाल खुद से पूछें- रात को सोते समय इरोटिक सपने पुरुष के आते हैं या स्त्री के? मस्टरबेशन करते समय कल्पना में पुरुष होता है या स्त्री? सेक्सुअल संबंधों में स्त्री के साथ ही आनंद आता है या पुरुष के साथ भी? यदि तीनों सवाल का जवाब स्त्री हो, तो आपका झुकाव लेस्बियन की ओर जा रहा है।               

प्रश्न: सेक्स को लम्बे समय तक करने का क्या तरीका है ?

उत्तर: सहवास करते समय जब लगे कि क्लाइमेक्स आने ही वाला है, इजेकुलेशन होनेवाला है, तो आप रुक जाएं। कोई मूवमेंट ना करें और दो बार लंबी सांस लें फिर दोबारा मूवमेंट शुरू करें। ऐसा 3-4 बार करने से आप सहवास के समय में बढ़ोतरी कर सकेंगे। इसके साथ आप जब भी यूरिन पास करें, तो रुक-रुक कर करने की आदत डालें। दरअसल, ब्रेन को पता ही नहीं होता कि वह यूरिन को रोक रहा है या सीमेन को। इस तरह कुछ दिनों में यूरिन पर कंट्रोल आ जाएगा, उसी तरह इजेकुलेशन भी आपके कंट्रोल में होगा। यह यूनानी नुस्खा है। इससे रिजल्ट जरा देर से मिलेगा, लेकिन है कारगर।