Wednesday 24 April 2024 05:10 PM IST : By Ruby Mohanty

क्या सचमुच जग से जुगनू गायब हो गए हैं!

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अब तक मेरे पास है, तेरी हर सौगात ।

जुगनू तेरी याद के, चमके सारी रात।।

जी हां, प्रेम और विरह भाव के दोहे क्या गजल, क्या कविता और कहानियां। मन को खुश कर देनेवाले ये टिमटिमाते कीट अकसर कवियों की रचनाओं को रोशन करते हैं, तो कभी मोहब्बत के गीतों में लहराते हैं। जुगनू सिर्फ शब्द ही नहीं है, बल्कि खासतौर पर हल्के गरम और नमीवाले इलाके में टिमटिमानेवाले ये छोटे-छोटे कीट-पतंगे अपनी दूधिया मीठी रोशनी के लिए जाने जाते हैं। ये बिना हानि पहुंचाने वाले कीट हैं, जिसका नाम सुन कर शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जिसके चेहरे पर मुस्कान ना आती हो। हालांकि पॉल्यूशन और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण ये अब विलुप्त होते जा रहे हैं, पर जंगलों, पहाड़ी इलाकों और कम आबादीवाले इलाकों में आज भी मौजूद हैं। सूरज के ढलते ही पहले कुछ दिखायी देने लगते हैं, फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ने लगती है। कवि नरेश शांडिल्य एक दोहे में जुगनू की गर्वोक्ति व्यक्त करते हैं -

जगनू बोला चांद से, उलझ न यूं बेकार।
मैंने अपनी रोशनी, पाई नहीं उधार।।

जुगनू यानी फायरफ्लाई जितने दिन भी धरती पर रहते हैं, अपनी रोशनी के गुमान में रहते हैं। इन जुगनुओं की रोशनी ही उनकी सुरक्षा कवच होती है, जिसके माध्यम से ये एक किस्म का टॉक्सिन रिलीज करते हैं, जिससे पक्षी इन्हें नहीं खा पाते।

जुगनू सर्वभक्षी (ओमनीवोर्स) होते हैं। ज्यादातर पौधों पर आकर्षित होते हैं। तकरीबन 2000 प्रजाति के जुगनू धरती पर मौजूद हैं। बिजनौर, उत्तर प्रदेश के पर्यावरणविद डॉ. मदन गोपाल कार्तिक के मुताबिक, ‘‘जुगनू ज्यादातर एशिया और अमेरिका में पाए जाते हैं। इन जुगनुओं का हमसफर को ढूंढ़ने का तरीका बहुत रोचक पर सहज होता है। नर जुगनू अपनी साथी को पूरे जग में ढूंढ़ने के लिए अपनी रोशनी का प्रयोग करते हैं। जुगनुओं के पेट के नीचे एक खास ऑर्गन होते हैं, जो ऑक्सीजन लेते हैं। उनके इस स्पेशल सेल्स में ऑक्सीजन और लूसीफेरिन नाम का पदार्थ होता है, जिसकी वजह से रोशनी पैदा होती है। प्रत्येक जुगनू की रोशनी का खास पैटर्न होता है। जब नर जुगून मादा जुगनू को खोजता है तो वह हर 6 सेकेंड के बाद अपनी रोशनी जलाता-बुझाता है। जब वह अपनी ही जाति की मादा जुगनू के आसपास पहुंच जाता है, तो उसकी साथी भी अपनी रोशनी से उसे जवाब देती है। अमूमन मादा जुगनू नहीं उड़ पाती।’’

वैज्ञानिक पर्यावरण से इस मनमोहक जीव की कई प्रजातियों के विलुप्त होने से चिंतित हैं। आप भी चाहते हैं कि नयी पीढ़ी भी जुगनू को देखे, उनसे खेले, तो पर्यावरण को सुधारने में अपना सहयोग दें।

खास बातें

- जुगनुओं की बड़ी संख्या एक साथ अपनी रोशनी जलाती-बुझाती भी है, जो उनके एकजुट होने का संकेत है।

- जुगनुओं के अंडे भी रोशनी पैदा करते हैं।

- जुगनू की रोशनी कभी पीली, कभी हरी और कभी लाल होती है।

- जुगनुओं की उम्र 1-2 हफ्ते से ले कर 2 महीने तक हो सकती है।