Saturday 27 March 2021 10:38 AM IST : By Ruby

होली में इस बार टेसू के फूलों से फ्रेश हर्बल रंग तैयार करें

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होली का त्योहार हो और टेसू का जिक्र ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है। टेसू अपने रंग और गुणों की वजह से होली के त्योहार में ही नहीं बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी काफी पॉपुलर है। आज भी उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड और बंगाल के कई इलाकों में टेसू के फूलों से होली का रंग तैयार किया जाता है। अगर घर के आसपास कहीं टेसू के फूल लगे हैं, इस बार होली में इसी फूल से रंग तैयार करें। केसरिया रंग बनाने के लिए टेसू के फूलों को खौलते पानी में डाल कर उबालें। इसे छान लें और किसी बोतल में भर लें। यह रंग ना सिर्फ हर्बल होने की वजह से स्किन के लिए सेफ है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इससे रंग खेलने के बाद चेहरे में चमक भी आती है।

पक्का रंग बनाने के लिए आप टेसू के फूलों छाया में सुखा लें। मिट्टी की हांडी में पानी भरें और सूखे फूलों को 3 दिन तक छोड़ दें। बीच-बीच में इसे लकड़ी के चम्मच से हिलाती रहें। रंग में जरा सा चूना भी मिलाएं। चूना मिलाने से रंग पक्का होता है।

टेसू के फूल के पानी से स्नान करने से लू नहीं लगती तथा गर्मी का अहसास नहीं होता। इसके पत्तों का उपयोग ग्रामीण दोना पत्तल बनाने के लिए किया जाता है।

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आयुर्वेद के अनुसार इस फूल से डाइबिटीज, आंख से संबंधित बीमारियों जैसे मोतियाबिंद, एनीमिया, गुर्दे की पथरी, यूरिनरी कॉम्पिलकेशन और यूरिनरी ट्रैक्ट में दर्द का इलाज करने में लाभ मिलता है। इस फूल को पलाश, ढाक, पलाह, फ्लेम ऑफ फॉरेस्ट जैसे नामों से भी जाना जाता है।