Saturday 23 October 2021 03:42 PM IST : By Nishtha Gandhi

करवाचौथ के लिए स्पेशल मेंहदी डिजाइन

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क्या आप जानती हैं कि हाथों में सजने के साथ-साथ हिना का इस्तेमाल गुफाअों पर चित्रकारी करने के लिए भी होता आया है। यकीन नहीं आता ना, लेकिन अजंता की गुफाएं इसका प्रमाण हैं। वहां की गुफाअों में हिना का इस्तेमाल करके बहुत सुंदर पेंटिंग की गयी है। 

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इसे सिल्क, ऊन, चमड़ा और ढोल आदि रंगने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। यही नहीं, मिडिल ईस्ट में मेंहदी के फूलों से इत्र बनाया जाता था।

मेंहदी के गुड इफेक्ट्स 

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेंहदी पति-पत्नी की अनबन दूर करने में मददगार है, शायद इसीलिए हर त्योहार में विवाहित स्त्रियां इसे हाथ-पैरों में लगाती हैं।

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नॉर्थ अफ्रीका के कुछ देशों में तो अभी भी लोग मेंहदी के पेड़ की पतली टहनियों से टूथपिक बना कर इस्तेमाल करते हैं। इससे दांत और मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं। 

मेंहदी के पेड़ की छाल और मेंहदी के बीज यूनानी दवाअों में इस्तेमाल होते हैं। इसके तेल से स्किन की बीमारियां, सिर दर्द, गंजापन,घमौरियां जैसी दिक्कतें दूर होती हैं। रैशेज, छालों में भी इसकी पिसी पत्तियां फायदेमंद हैं।

हिना रचाने के टिप्स

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मेंहदी लगवाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धो लें और उसके बाद कोई लोशन या क्रीम ना लगाएं। इससे मेंहदी का रंग स्किन में अच्छी तरह से एब्जॉर्ब होगा।

मेंहदी के तेल के बजाय हाथों में यूकेलिप्टस ऑइल यानी नीलगिरी का तेल लगाएं। इससे मेंहदी गहरी रचेगी। 

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मेंहदी को हमेशा अपने आप सूखने दें। जल्दबाजी में इसे हैंड ड्रायर या ब्लो ड्रायर से ना सुखाएं।

अगर मेंहदी का रंग अच्छा ना आया हो, तो तवे पर 20-25 लौंग डाल कर हाथों को उस पर सेंकें। कम समय में अच्छा रंग आएगा। 

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मेंहदी सूख कर जल्दी ना झड़ने लगे, इसके लिए नीबू के रस में चीनी मिला कर घोल बनाएं। हल्के हाथों से इसे रुई से हल्की गीली मेंहदी पर लगाएं।

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समय कम हो और मेंहदी काे फौरन गाढ़ा रचाना हो, तो हाथों में विक्स मल लें। इससे मेंहदी फौरन रच जाती है। अगर कोई फंक्शन या त्योहार हो, तो मेनिक्योर, वैक्सिंग जैसे ब्यूटी ट्रीटमेंट्स पहले करवा लें। मेंहदी लगवा कर ये ट्रीटमेंट्स ना करवाएं।

कुछ घरेलू उपचार

मेंहदी के पत्तों को पीस कर पानी में भिगो लें और सुबह छान कर खाली पेट िपएं। पेट दर्द और माइग्रेन में आराम मिलता है। इससे खून भी साफ होता है।

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मुंह में छाले होेने पर 50 ग्राम मेंहदी को 2 गिलास पानी में भिगो लें और इस पानी से कुल्ले करें। इससे दांत और मसूढ़े के रोग नहीं होते हैं। 

पैरों में जलन, दर्द या थकान होने पर पत्तों को पीस कर पैरों में लगाएं। पानी से पैरों की उंगलियों के गलने की समस्या हो, तो एक भाग मेंहदी और आधी मात्रा में हल्दी मिला कर दिन में 2 बार लगाएं।