Monday 01 July 2024 02:02 PM IST : By Gopal Sinha

आईपीसी बना बीएनएस जानिए क्या है आज से लागू हुआ देश का अपना कानून

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अंग्रेजों का राज गए वर्षों बीत गए, लेकिन उनके बनाए कानून कल तक अपने देश में लागू थे। आज यानी 1 जुलाई 2024 से देश में 3 नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जो इंडियन पीनल कोड, कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे।इनके नाम हैं भारतीय न्याय संहिता, भारतीय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। आईपीसी में 511 धाराएं थीं, नए बीएनएस में 358 धाराएं होंगी।धाराओंं के नंबर भी बदले गए हैं।सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं, नए कानून में 531 धाराएं होंगी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के नाम से जाना जाएगा। इसमें पहले 167प्रावधान थे, जो अब 170 किए गए हैं।

क्या-क्या बदल गया

बलात्कार जैसा अपराध पहले धारा 375 और 376 के अंतर्गत आता था, नए कानून में इसके लिए धारा 63 है। सामूहिक बलात्कार की धारा अब 70 होगी। दफा 302 जो पहले हत्या के मामले में लगता था, अब उसके लिए धारा 101 है। आज से लागू भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों के लिए प्रावधान किए गए हैं। 41 अपराधों में सजा को अधिक सख्त किया गया है और 82 अपराधों में जुर्माने की रकम को बढ़ाया गया है। मॉब लिंचिंग जैसे अपराध के लिए नयी धारा जोड़ी गयी है।

नए प्रावधानों पर एक नजर

  • आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के अंदर कोर्ट को निर्णय सुनाना होगा। सभी राज्य सरकारें गवाहों के लिए सुरक्षा योजनाएं बनाएंगी।

  • नए कानून में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए नया चैप्टर शामिल किया गया है। अब बच्चे को बेचना या खरीदना जघन्य अपराध की श्रेणी में आएगा।

  • नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कैद या मृत्यु दंड का प्रावधान है। बलात्कार की पीड़िता की मृत्यु या अपंगता के मामले में अपराधी को मृत्यु दंड की सजा दी जाएगी।।

  • कोई महिला के साथ शादी का झूठा वादा करे या उसे गुमराह करके छोड़ दे तो इस अपराध के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है।

  • नए कानून के तहत सभी अस्पताल अपराध की शिकार सभी महिलाओं व बच्चों का मुफ्त उपचार करेंगे। किसी महिला के खिलाफ कोई अपराध होने पर पीड़िता को 90 दिनों के अंदर अपने मामले पर नियमित रूप से अपडेट पाने का अधिकार होगा।

  • अपराध करने वाले और पीड़ित, दोनों को अपराध से जुड़े सभी दस्तावेज जैसे एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, बयान आदि की कॉपी 14 दिनों के अंदर प्राप्त करने का अधिकार होगा।

  • अब ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए पीड़ित के बयान यथासंभव महिला मजिस्ट्रेट द्वारा ही दर्ज किए जाएंगे।

  • पहले से हत्या के मामले सजा पाया अपराधी दूसरी हत्या का दोषी पाया जाएगा तो उसे मृत्यु दंड या उम्रकैद की सजा होगी।

  • नए कानून में डिजिटल साक्ष्यों को ले कर नए प्रावधान किए गए हैं।