Tuesday 28 May 2024 11:50 AM IST : By Preeta Mathur

डेढ़ लाख में बिकता है यह जापानी आम, जानिए और कितनी वेराइटी हैं आमों की

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भारत का राष्ट्रीय फल आम अपनी मिठास, रसीले स्वाद और स्वास्थ्य से जुड़े कई गुणों के कारण विश्व में फलों का राजा माना जाता है। भारत में आमों की लगभग 1500 प्रजातियां हैं, जिनका स्वाद, आकार, रंग, महक और बनावट एक-दूसरे से अलग है। हिंदू धर्म में आम को घर और लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इसीलिए गृह प्रवेश, शादी, विवाह, बंदनवार और पूजा-पाठ में आम के पत्ते और लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। यह नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को दूर रखता है और सौभाग्य व समृद्धि लाता है। प्राचीन भारत में आम को रसोला या साहाकार नाम से जाना जाता था। प्रसाद में पके फलों से आम शीरा और कच्चे आम से शकरम्बा बनाया जाता था।

आमों के राजा-रानी

दुनिया का सबसे महंगा बिकने वाला आम जापान का मियाजाकी आम है। एक किलो आम 11/2 से 21/2 लाख रुपए तक बिकता है। यह आम आजकल ओडिशा के कालाहांडी जिले में और पश्चिम बंगाल में उगाया जा रहा है। भारत का सबसे महंगा बिकने वाला आम है अल्फांसो/हाफूस। सबसे बढ़िया अल्फांसो महाराष्ट्र के रत्नागिरी क्षेत्र का माना जाता है। एक दर्जन हाफूस की कीमत 1500 से ले कर 2500 रुपए तक की होती है। इस आम का गूदा केसरी रंग का होता है और स्वाद व महक लाजवाब होती है। अगर यह आम आमों का राजा माना जाता है, तो गुजरात के गिर केसर को आमों की रानी माना जाता है। केसर आम का छिलका हरे रंग का होता है और ऊपर पीले रंग के धब्बे होते हैं। यह आम भी अपनी अनोखी सुगंध, स्वाद और केसरी रंग के लिए प्रसिद्ध है। अल्फांसो और केसरी आम की बनावट मक्खनी होती है। गिर केसर गुजरात में गिर नगर की तलहटी में उगाया जाता है।

सिंदूरी, बैंगनपल्ली और तोतापरी

यों तो आम गरमियों में मिलता है परंतु सिंदूरी आम केरल में दिसंबर में मिलना शुरू हो जाता है। यह आम लंबे आकार, लाल-हरे रंग के छिलके वाला और स्वाद में अधिक मीठा होता है, इसीलिए इस आम को हनी मैंगो भी कहते हैं। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में यह मार्च से मई में मिलता है। अधिक मीठा होने के कारण मिल्क शेक, स्मूदी, जूस और मीठा बनाने में इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है।

बैंगनपल्ली आम अंडे के आकार का 14 सेंटीमीटर लंबा होता है। यह आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में उगाया जाता है। बैंगनपल्ली को सफेदा भी कहते हैं। दक्षिण भारत का प्रसिद्ध आम है तोतापरी। पकने पर यह देखने में हरा होता है और तोते की चोंच जैसा दिखता है। यह थोड़ा खट्टा आम होता है। दक्षिण भारत में कच्चे आम से कढ़ी, कोंकण मैंगो करी, रसम राइस, खट्टी दाल पप्पू, सलाद इत्यादि बनाए जाते हैं। सलाद के लिए कच्चे आम (कटे हुए), खीरा, टमाटर, प्याज और कसे ताजे नारियल को एक सलाद बोल में निकाल लें। एक पैन में तेल गरम करें। सरसों, कटी हरी मिर्च, करीपत्ता चटकाएं और सलाद के ऊपर डाल दें। ऊपर भुनी मूंगफली, तिल या काजू बुरक दें।

बंगाल का हिमसागर आम

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पश्चिम बंगाल का सबसे प्रसिद्ध आम हिमसागर माना जाता है। इसके अलावा लक्ष्मणभोग, मालदा, गोपाल भोग, आम्रपाली इत्यादि आम भी उगाए जाते हैं। बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई आम सत्व और संदेश भी आम से बनाए जाते हैं। आम सत्व के लिए आम का गूदा, चीनी और दूध को पकाया जाता है, ऊपर से कटे आम, पिस्ता और काजू बुरक देते हैं। हिमसागर आम का छिलका हरा होता है और इसके ऊपर पीली लाल बिंदियां होती हैं। यह रसीला, मीठा और बिना रेशे का आम केसरी रंग का होता है। इससे मिल्कशेक, चीजकेक, कुल्फी, जूस, स्मूदी और आम पापड़ बनाया जाता है। विश्वभर में पके आम से अनेक मीठी चीजें और पुडिंग बनाए जाते हैं जैसे- आइसक्रीम कुल्फी, सूफ्ले, चीज केक, फिरनी, केक इत्यादि। कैरी से कई तरह के अचार, चटनियां, जैम, जेली, मार्मलेड, सलाद बनाए जाते हैं। अमिया के सेवन से गरमियों में लू से बचाव हो सकता है।

लखनऊ का चौसा, बिहार का मालदा

लखनऊ की तहसील मलीहाबाद प्रसिद्ध है अपने आमों के लिए। यहां चौसा, लंगड़ा, फजली, सफेदा और दशहरी बड़ी तादाद में उगाए जाते हैं। हर आम की बनावट, महक, मिठास और स्वाद अलग है। चौसा और लंगड़ा आम बिहार में भी चाव से खाया जाता है। बिहार का सबसे बेहतरीन आम है दूधिया मालदा, जो अपनी मिठास और अनोखी महक के लिए पसंद किया जाता है। इसका छिलका और गुठली पतली होती है। गरमियों में आम का ठंडा सूप आजकल बहुत लोकप्रिय है। स्पेन देश का ठंडा सूप भिन्न-भिन्न फलों और सब्जियों से बनाया जाता है।