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लड़कियों की एजुकेशन पर पेरेंट्स ध्यान दे, तो वे भी बेटों की तरह कुल का नाम रोशन कर सकती हैं- इरा सिंघल

Hyderabad:Ira Singhal  who got the First rank in the Civil Services Exams 2014 in Hyderabad on Saturday.PTI Photo(PTI7_4_2015_000141B)
Hyderabad:Ira Singhal who got the First rank in the Civil Services Exams 2014 in Hyderabad on Saturday.PTI Photo(PTI7_4_2015_000141B)


सिविल सेवा परीक्षा 2014 की परीक्षा में प्रथम स्थान पर अानेवाली दिल्ली की इरा सिंघल पहले भी 3 बार राजस्व सेवा के लिए चयनित हुई थीं। लेकिन शारीरिक अशक्कता के कारण उनकी नियुक्ति नहीं की गयी। वह रीढ़ से जुड़ी बीमारी स्कोलियोसिस से पीिड़त हैं। इसके कारण रीढ़ झुकी हुई है अौर बाजुअों को घुमा नहीं सकती हैं। बाद में उन्होंने कानूनी लड़ाई जीती। इंजीनियर पिता राजेंद्र सिंघल अौर बीमा सलाहकार मां अनीता सिंघल की बिटिया इरा सिंघल अाज प्रेरणा अौर साहस की अद्भूत मिसाल बन चुकी हैं। पेश है उनसे की गयी बातचीत –
अापकी कामयाबी में अापके मम्मी-पापा का क्या योगदान है? 
मैं तो काफी अालसी हूं। पेरेंट्स ने बचपन से अाज तक उत्साह बढ़ाया। पापा चाहते थे कि मैं अाईएएस की तैयारी करूं, जबकि मां मुझे खुश अौर स्वस्थ देखना चाहती थीं। पापा ने ही मेरी लाइफ अौर कैरिअर से जुड़ी चीजों की प्लानिंग की।
तैयारी के दौरान कभी निराशा का सामना हुअा, तो उससे कैसे निबटी। परीक्षार्थियों को ऐसे पलों से बाहर निकलने के लिए क्या सुझाव देंगी? 
देखिए, हताशा महसूस होने पर लोग हालात या दूसरों पर दोष मढ़ते हैं या फिर सिचुएशन पक्ष में नहीं थी, तो उसका हल ढूंढ़ने की कोशिश की। गलतियों को समझ कर उन्हें ना दोहराने की ठानी।
अापकी हॉबीज क्या है?
 ढेरों हॉबीज हैं। पढ़ना पसंद है। ट्रैवलिंग की शौकीन हूं। फुटबॉल मैच देखने के शौक के कारण मैंने एकेडमी में फुटबॉल क्लब में शुरू किया। सारे फ्रेंड्स साथ मैच देखते थे। थिएटर भी किया है। कॉलेज में थिएटर ग्रुप बनाया था। प्ले डाइरेक्ट किया अौर उसमें एक्ट भी किया। पापा को हमेशा लगता था कि मुझे सब सीखना चाहिए। मैंने पहला प्ले क्लास 3 या 5 में किया होगा। डांस की शौकीन थी। स्कूल में मुझे मेरे टीचर्स ने कभी भी डांस ग्रुप में नहीं रखा, पर वे स्टाफ रूम में बुला कर मेरा डांस देखते थे।
क्या कुकिंग में रुचि है?
पहला केक 8 साल की उम्र में कजिन्स के संग मिल कर बनाया था। ज्यादा बेकिंग सोडा पड़ने से वह बेकार बना था। मैं दाल मखनी, पनीर बटर मसाला, पास्ता अौर गार्लिक ब्रेड अच्छा बनाती हूं। 7-8 किस्म के अाचार भी डालती हूं।
शारीरिक रूप से अशक्तता के बावजूद इतना हौसला कहां से अाया? 
मैंने एक दिन के लिए भी यह नहीं सोचा कि मुझमें कोई कमी है। बचपन से अाज तक कजिन्स, अंकल्स, दादी ने कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि मेरे साथ कुछ समस्या है। मैं मानती हूं कि हालात का अाकलन व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है। कुछ ना कुछ समस्या तो हर किसी के साथ होती है।
अापकी पसंदीदा फिल्म कौन सी है? 
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे मेरी अॉल टाइम फेवरेट है। मुझे इसका एक-एक डायलॉग याद है। कंगना रानोट की क्वीन भी पसंद है।
किस पर्सनेलिटी ने अापको प्रभावित किया? 
मैं लॉरेटो कॉन्वेट में थी इसलिए मदर टेरेसा की निस्वार्थ सेवा से प्रभावित रही हूं। कई लोगों ने अच्छे काम किए हैं इसलिए हम उनको ऊंचे स्थान पर रखते हैं।उनसे हमें प्रेरणा मिलती है। भगवत गीता से भी मैं बहुत प्रभावित हूं। 
सिविल सेवा में नहीं जातीं, तो क्या करती? 

मुझे डॉक्टर बनना था। लेकिन पापा ने मुझे 11वीं में बायोलॉजी लेने नहीं दी। वे मजाक में कहते थे कि तुम्हें देख कर मरीज डर जाएगा। फिर दूसरी चीज जो मुझे करनी थी, अाईएएस थी।
मौका मिलने पर गर्ल्स के लिए क्या करेंगी? 
उनके बारे में दुनिया की सोच अौर दुनिया के बारे में उनकी सोच बदलने की कोशिश करूंगी। वे खुद को लड़कों से कमजोर समझती हैं। कठिन काम को अासानी से लड़कों को सौंप देती हैं, चाहे वो पति हो या भाई। उनको समझना होगा कि अपने बलबूते पर वे भी समस्या का हल निकाल सकती हूं। 

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