Thursday 14 April 2022 04:38 PM IST : By Ruby Mohanty

महिलाओं के लिए स्टार्टअप नारियो ग्रुप शुरू करने वाली अनामिका पांडे

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नारियो ग्रुप को अनामिका पांडे चला रही हैं। इसमें महिलाएं अपने बनाए बेस्ट मसाले और रुचि के मुताबिक जुड़ती हैं। इनके द्वारा तैयार मसालों की महक, कॉफी और चाय की चुस्कियों से आप अंदाजा लगा सकती हैं कि स्टार्टअप कितना रोचक होगा।

मिलिए अनामिका पांडे से, जो इंजीनियर हैं। वारंगल से इंजीनियनिंग करने के बाद एमबीए के लिए वह शिकागो चली गयीं। लेकिन विदेश में मन नहीं लगा और देश की मिट्टी से जुड़ने का मन बनाया। भारत वापस आ कर एक बड़े ऑनलाइन ग्रॉसरी एप की वे एक सबस्क्रिप्शन हेड बनीं। यहां काम करते हुए एक आइडिया आया कि ज्यादातर ग्राहक क्या खरीदना पसंद करते हैं और उनकी जरूरत क्या है? लोग कितना नेचुरल चीजें पसंद करते हैं। अनामिका कहती हैं, ‘‘मेरी मम्मी पिछले 30 सालों से लखनवी मसाले बनाती हैं और परिवार में सभी को देती हैं। बिरयानी और कबाब का मसाला भी बनाती हैं। 2019 दिसंबर में जब मैं अपने घर में अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करने आयी थी, तो मैंने अपनी मां को यों ही पूछा, ‘‘मां, तुम इतने अच्छे मसाले बनाती हो, खुद इसका बिजनेस लॉन्च क्यों नहीं करती हो?’’ मेरे पूछने पर वे तपाक से बोलीं, ‘‘लोग क्या कहेंगे भला कि देखिए अब ये मसाले बेचेंगी।’’ मुझे अच्छा नहीं लगा, पर मैंने अपने परिवार की महिलाओं से बात करनी शुरू की। ये सभी पढ़ी-लिखी थीं, पर वे अपने टैलेंट के मुताबिक कुछ नहीं कर पा रही थीं।’’

कैसे हुई शुरुआत 

जो घर में इस तरह के काम जानती हैं, ऐसी सभी महिलाओं को उनके फूड प्रोडक्ट के साथ इन्वाइट किया और गोरखपुर के मेयर को बुलाया। बहुत सफलता मिली। जिन महिलाओं ने सैंपल दिए थे, उसके पीछे लिखा था कि अगर आपको ऑर्डर करना है, वे इस नंबर पर कॉन्टेक्ट करें। कोविड में सब कुछ बंद हो गया था। लोग घरों में थे, अपनी फैमिली के साथ डालगोना कॉफी और बेकिंग एंजॉय कर रहे थे। मैंने फेसबुक ग्रुप क्रिएट किया, जिसमें उन्हीं लेडीज को जोड़ा, जो वर्कशॉप में आयी थीं। मैंने देखा, महिलाएं उस ग्रुप में कुछ स्पेशल पका कर अपलोड कर रही हैं। कुछ लेडीज कैप्शन अच्छा लिख रही थीं। कुछ लेडीज प्रोफेशनल कैमरे से फोटो खींच रही थीं। मैंने गौर किया कि इन लेडीज को 3 कैटगरी में बांट सकते हैं। पहला, जो खाने को ले कर काफी पैशन रखती हैं। जिनकी रुचि कुकिंग में ही है,उसके अलावा वे कुछ नहीं कर सकती हैं। दूसरा, वे महिलाएं जो कंटेंट क्रिएटर हैं। ये बहुत अच्छे कंटेंट बनाती हैं। उन्हें लिखना और फोटो खींचना अच्छा लगता है। तीसरी कैटगरी की महिलाएं वे हैं, जो बिजनेस में काफी रुचि रखती हैं। कस्टमर को समझना, उसकी डिमांड पूरी करना उनकी जिम्मेदारी है। यहां का मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन वही संभालती हैं। 

कितनी कमाई 

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अनामिका के मुताबिक 2020 दिसंबर में उन्होंने एक प्रोजेक्ट शुरू किया। नारियो को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। जो महिलाएं जुड़ीं, उन्हें शुरू में 2500-3000 रुपए मिले। अब वे 8000 रुपए तक कमाती हैं। इन महिलाओं की कुल मिला कर 25000 रुपए तक भी कमाई होती है। जनवरी 2021 में हमने नारियो ग्रुप को लॉन्च किया। अभी नारियो ग्रुप भारत के 10 शहरों में 74 पार्टनर्स के साथ मिल कर काम कर रहा है। इनकी गोरखपुर, इंदौर और लखनऊ में रिटेल शॉप है। ऑनलाइन शॉपिंग साइट में भी यह उपलब्ध है। इस ब्रांड का लक्ष्य यह है कि अगर किसी को मालूम है कि खाने में अच्छी चीज क्या जानी चाहिए, और वह अच्छी चीजें बना सकती है, तो वह खुद की रेसिपी लॉन्च कर सकती है। यह उनका प्रोडक्ट होगा, उनकी आइडेंटिटी होगी। ग्रुप में उनके काम को पहचान मिलेगी। दरअसल, इसके काम का मुख्य ध्येय औरतों को आगे बढ़ाना है। नारियो ग्रुप के नेचुरल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हैं- चाय मसाला व लिक्विड काॅफी जैसे ड्रिंक्स और ब्रेकफास्ट सीरियल और ग्रॉसरी जैसे आटा, नमक आदि।