Wednesday 27 July 2022 04:32 PM IST : By Ruby Mohanty

मंदिरा बेदी - लाइफ में जश्न जरूरी है

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प्रश्नः क्या आपको कभी प्रेगनेंसी के बाद अपने बढ़े हुए वजन से डिप्रेशन हुआ? आपने अपने फिटनेस गोल को कैसे हासिल किया? 

उत्तरः मां बनने का अहसास बहुत अद्भुत है। मैंने एक बेबी अडॉप्ट की है और एक बच्चे की बायोलॉजिकल पेरेंट भी हूं। बेटी तारा और बेटे वीर की मां बनना एक सुखद अहसास है। लेकिन मां बनने के बाद पोस्ट प्रेगनेंसी ट्रॉमा से गुजरना भी बेहद उदासी भरा है। इससे आप खुदबखुद ही निकलते हैं, सिर्फ मन में आत्मविश्वास होना चाहिए। 41 दिन के बाद जब मैं अपने बेटे को अपने पति की गोद में रख कर घूमने गयी, तो बहुत अच्छा लगा। प्रेगनेंसी से पहले मुझे 26 इंच की जींस आती थी। मैंने तय कर लिया कि वीर के जन्म के बाद मैं अपनी पुरानी जींस में फिर से फिट आऊंगी। वीर का जन्म 17 जून 2011 को हुआ था और 17 दिसंबर 2011 से अपनी पुरानी जींस फिर से पहनने लगी थी। 

प्रश्नः कहते हैं वर्कआउट बहुत बोरिंग होता है, आप वर्कआउट के लिए खुद को कैसे उत्साहित करती हैं? क्या कोई भी स्त्री जिम जा सकती है? उसे किस बात का ध्यान रखना चाहिए? 

उत्तरः बस घर से निकलने की देरी है। अपने शूज के लेस बांधें, तभी से वर्कआउट को ले कर आपमें उत्साह आ जाएगा। दरअसल, वर्कआउट ही आपको स्वस्थ रखने और हारमोन्स को ठिकाने रखने में मदद करता है। पहले वॉक, स्टेमिना बनने के बाद पावर योग और जब खुद को पूरी तरह फिट समझें, तो जिम का रुख कर सकती हैं। सीधे जिम जाएंगी, तो मांसपेशियों में अकड़न और हडि्डयों में दर्द शुरू हो जाएगा। ईश्वर का शुक्रिया अदा करें कि आपको सही सलामत शरीर मिला है। इसे स्वस्थ और सुंदर रखना आपकी जिम्मेदारी है। 

किसी भी महिला के शरीर में मां बनने के बाद बहुत से बदलाव आते हैं। बहुत सी महिलाओं को किसी ना किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। हाइपरटेंशन, थायरॉइड, डिप्रेशन, पीठ के निचले हिस्से की समस्याएं बहुत आम हैं। मां और बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथामिकता दी जानी चाहिए। मां बनने के बाद फिर से पहले जैसी बॉडी और हेल्थ पाने के लिए फिटनेस के जरूरी वर्कआउट रूल को समझ लें। सबसे पहले वॉक से शुरू करें। धीरे-धीरे उसकी समय सीमा बढ़ाएं। अपने लिए सुबह-शाम का वक्त निकालें। सिर्फ वॉक भी बढि़या है, पर तेज वॉक करना जरूरी है। अगर आपको अपने लिए समय नहीं मिलता है, तो घर में सपोर्ट सिस्टम बनाएं। हाउस हेल्प रखें। घर के अन्य सदस्यों से काम लें। खुद ही घर के सारे काम करने की जिम्मेदारी ना ओढ़ें। 

प्रश्नः आज की युवा विवाहिताओं में इनफर्टिलिटी की परेशानी बहुत आम है। इससे नेचुरली कैसे उबरा जा सकता है? 

उत्तरः यह तो डॉक्टर से जुड़ा हुआ सवाल है। पर जहां तक मैं समझती हूं आज की विवाहित युवा स्त्री के समाने इनफर्टिलिटी सबसे बड़ा स्ट्रेस है। मेरी दो सहेलियां हैं। एक सहेली मां नहीं बन पा रही थी। उसने दो बच्चे अडॉप्ट किए हैं, पर अचानक उसे मालूम चला कि वह प्रेगनेंट है। दूसरी सहेली के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ कि सरोगेसी से मां बनने के बाद उसका खुद का भी बेबी हुआ। सच कहें, तो तनाव से फर्टिलिटी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। मां बनने के लिए दिमाग खुश हो, किसी तरह का पछतावा, निराशा और नकारात्मक सोच नहीं होनी चाहिए। 

प्रश्नः आप खुद हेल्थ आइकन हैं। आपका डाइट रुटीन क्या है? आप अपने बच्चों को फिटनेस के लिए कैसे प्रोत्साहित करती हैं?

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उत्तरः मैं इंटरमिटेंट फास्टिंग करती हूं। दिनभर में मैं ढाई मील लेती हूं। दिन का पहला खाना मैं 12 बजे दोपहर में लेती हूं। एक तरह से मेरा ब्रंच हो जाता है। मैं अंडे, फल और सब्जियां खाती हूं। रात को दो कटोरी फल, सूप, इसके अलावा रोटी-सब्जी। यह मेरी बॉडी को सूट करता है। पर जरूरी नहीं कि जो मुझे सूट करता है, वह आपको भी सूट करे। बेहतर होगा, इंटरमिटेंट फास्टिंग के गणित को पहले समझ लें। वजन को कंट्रोल में रखना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। डॉक्टरी सलाह पर ही इस तरह के वजन कम करने वाले मुश्किल प्रोग्राम की ओर जाएं। डॉक्टरी राय पर जरूरत पड़ने पर जिंक व कैल्शियम जैसे सप्लीमेंट भी लें, क्योंकि स्लिम रहने से कहीं जरूरी है हेल्दी रहना। मैं जिंक, विटामिन सी, बायोटिन, मल्टीविटामिन भी लेती हूं। इसके साथ-साथ महिलाओं में हडि्डयों की बीमारियां होने लगती हैं। ज्यादा से ज्यादा फ्रूट्स अपनी डाइट में शामिल करें। बच्चों को मैंने फिटनेस बैंड दिया है। उन्हें कम से कम 5000 स्टेप्स चलने का लक्ष्य दिया है। मैं खुद कम से कम 13000-14000 स्टेप चलने का लक्ष्य रखती हूं। वीर जब अपने स्टेप पूरा कर लेता है, खूब खुश होता है। बच्चों को ओबेसिटी से बचाने के लिए और उत्साहित करने के लिए आप भी अपने बच्चों को फिटनेस बैंड दे सकती हैं। 

प्रश्नः फिटनेस के अलावा फूड को ले कर किस बात पर ध्यान देने की जरूरत है? 

उत्तरः दरअसल, इंडियन डाइट काफी हेल्दी डाइट होती है। पर समस्या तब होती है, जब आप पेस्ट्री, पिज्जा जैसी चीजें खा कर अपनी रुटीन डाइट में एक्स्ट्रा कैलोरी जोड़ लेते हैं। यह मत सोचिए हम जिम जा रहे हैं या अन्य वर्कआउट करते हैं, तो हम कुछ भी खा सकते हैं। यह अपने शरीर के लिए बहुत खराब रवैया है। अगर आप सामान्य खाना खाएंगे, तो मोटापा नहीं होगा। हां, मात्रा का ध्यान रखें और रात को जल्दी खाना खाने की आदत डालें। 

प्रश्नः आप लेट नाइट फंक्शन में कैसे मैनेज करती हैं। नाइट पार्टी में खाना-पीना हो, तो कैसे स्ट्रिक्ट रहा जा सकता है? 

उत्तरः रविवार से बृहस्पतिवार तक मैं अपना डाइट रुटीन फॉलो करती हूं। लेकिन शुक्रवार और शनिवार को खाने में मैं खुद को थोड़ी ढील देती हूं। मेंटल हेल्थ के लिए लाइफ में जश्न भी जरूरी है, जिससे आप दिमागी तौर पर फ्रेश रहें। इन 2 दिनों में मैं अपना इंटरमिटेंट फास्ट 4 बजे तोड़ती हूं, तो लेट नाइट तक खाती हूं।