Wednesday 03 March 2021 10:41 AM IST : By Nishtha Gandhi

छोटे शहर की इस लड़की ने जो कर दिखाया, वह कोई सोच भी नहीं सकता था

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हरिद्वार जैसे एक छोटे से शहर की लड़की से बेहतर भला यह और कौन समझेगा कि एक युवती के लिए लॉन्जरी खरीदना कितनी बड़ी परेशानी का सबब है। दुकानदार से अपनी पसंद की ब्रा दिखाने के लिए कहना ही बहुत बड़ी बात है, तो ऐसे में भैया कुछ और चॉइस है क्या, कहने के बारे में तो सोचा ही नहीं जा सकता।

बचपन से स्पोर्ट्स की शौकीन रही नेहा ने अपनी सहेलियों को राइट ब्रा ना होने की वजह से परेशान होते देखा और उनके दर्द को महसूस किया था। इस कारण कई लड़कियां गेम्स खेलना छोड़ देती थीं।

पढ़ाई पूरी करने के बाद इंडिया टुडे ग्रुप में मार्केटिंग डिपार्टमेंट की हेड बन तो गयी, पर कुछ समय बाद मन के कोने में सोयी महत्वाकांक्षा ने फिर करवट ली और जन्म हुआ नेहा के ऑनलाइन लॉन्जरी स्टोर क्लोविया का। इस ऑनलाइन स्टोर का मकसद विशेष तौर पर युवतियों को सही इनरवेअर के चुनाव के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना भी था।

नेहा का कहना है, ‘‘हमारे देश में अधिकांश युवतियां अपने बस्ट साइज से अनजान होती हैं। अगर परफेक्ट फिटिंग वाली ब्रा पहनी जाए, तो आप एक साइज छोटी ड्रेस में फिट आ सकती हैं। सही साइज और एक खूबसूरत इनरवेअर कॉन्फिडेंस बढ़ाता है और दिनभर आपको अच्छा महसूस कराता है। मूड लिफ्ट भी करता है।’’

नौकरी में जहां आपको एक तय समय देना होता है, वहीं अपने बिजनेस में दिन-रात एक करके मेहनत करनी होती है। नेहा के लिए भी यह राह आसान नहीं थी। जब अपना ऑनलाइन स्टोर खोलने के सपने को साकार करने का समय नजदीक आया, तो पता चला कि वह मां बननेवाली हैं। ऐसे में परिवार का सहयोग बहुत बड़ा सहारा बना। उनके बेटे और ऑनलाइन स्टोर का जन्म एक ही साथ हुआ और अब दोनों ही अपने पैरों पर खड़े हैं। बेटे के 2 साल के होने तक बिजनेस इतना बढ़ चुका था कि नेहा के पति भी उन्हें जॉइन करने का मन बनाने लगे थे।

जब कई बड़े-बड़े ब्रांड्स ऑनलाइन मौजूद हों, तो ऐसे में एक नए ब्रांड के लिए अपनी जगह बनाना कितना मुश्किलों भरा रहा? ‘‘यह सफर थोड़ा मुश्किल तो था,’’ नेहा का कहना है, ‘‘पर हम चलते रहे। हमने सिर्फ लॉन्जरी ही नहीं बेची, बल्कि अपने कस्टमर्स की समस्या हल करने, उन्हें जागरूक बनाने पर भी फोकस किया। इस वेबसाइट पर कस्टमर्स की मदद के लिए कई इंटरनेशनल एक्सपर्ट मौजूद हैं, ताकि सही लॉन्जरी का चुनाव करने में मदद मिल सके। हमारे कस्टमर केअर एग्जीक्यूटिव्स खुद फोन करके अपने कस्टमर्स का फीडबैक लेते हैं, जिसके आधार पर हम अपने प्रोडक्ट में सुधार करते रहते हैं।’’

वे कौन-कौन सी चीजें थीं, जिन्होंने उनकी वेबसाइट को पॉपुलर बनाया है? जवाब में नेहा कहती है, ‘‘हम हर महीने 200-250 डिजाइन लॉन्च करते हैं, जिन्हें कस्टमर्स द्वारा हाथोंहाथ लिया जाता है। यह हमारी विशेषता है। इसके अलावा मुझे लगता है कि हमारी रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी भी हमारी महिला कस्टमर्स पसंद कर रही हैं। हमारे पिकअप/डिलीवरी बॉय कभी भी पैकेट खोल कर चेक नहीं करते, ताकि कोई भी महिला इस वजह से असहज महसूस ना करे।’’

जीवन में सफल होना कोई रॉकेट साइंस नहीं, इसका सीधा-सादा फॉर्मूला है। अपनी क्षमताओं पर भरोसा करें, उन्हें पहचानें और लक्ष्य हासिल करने के लिए भरपूर मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित तौर पर आपके कदम चूूमेगी। नेहा कांत ने जीवन में इसी फलसफे को अपनाया और अपने सपने सच कर दिखाए।