Monday 12 October 2020 03:07 PM IST : By Meena Pandey

सेक्स को ले कर पुरुष को सताते हैं कौन से डर

सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. के. आर. धर के अनुसार, पुरुष का अधीर, आशंकित व घबराया मन उसकी सेक्स परफॉर्मेंस में रुकावट बन जाता है। महिला साथी का पुरुष के साथ सहज होना इसलिए जरूरी है, ताकि पुरुष अपने डर उसे बता सके। वह अपनी परेशानी पत्नी से शेअर करे और दोनों ही सेक्स सहजता से परफॉर्म करने में एक-दूसरे की मदद करें।

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असफलता का भयः यह माना जाता है कि पुरुष महिलाअों की तुलना में ज्यादा सेक्स चाहते हैं, मगर उनके सेक्स से जुड़े कई डर भी हैं। ये डर इरेक्शन देर तक ना रहने और पत्नी के चरम तक पहुंचने का सुख ना दे पाने के हैं। चूंकि वे सेक्स के समय इन डरों से घिरे रहते हैं, इसलिए ना तो पत्नी को पूरा सुख दे पाते हैं और ना ही खुद सेक्स का आनंद महसूस कर पाते हैं। सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. के. आर. धर के अनुसार, स्त्री को पूरा सुख देने की मंशा पुरुषों के अहं से जुड़ी होती है, इसलिए वे इसे ले कर ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। वे सेक्स में असफल रहना बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह घबराहट और चिंता ही उनकी सेक्स परफॉर्मेंस में आड़े आती है। पुरुष को समझना होगा कि वे चिंतामुक्त हो कर ही अच्छा सेक्स परफॉर्म कर सकते हैं। जब तक खुद संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक साथी को भी संतुष्ट नहीं कर पाएंगे।

पोर्न सेक्स की जानकारी कमः अकसर पुरुष पोर्न फिल्में देखते हैं और उनको लगता है कि जो बात पत्नी को आनंद देती है, वे उनको करने में नाकाम हैं। वे पार्टनर के साथ ऐसा कुछ आजमाते भी हैं, पर पत्नी को बार-बार वैसी हरकतें पसंद नहीं आतीं, वह मना करती है या पति से दूर होने लगती है। तब पति को लगता है कि उनका पोर्न ज्ञान कम होने की वजह से ऐसा हो रहा है। जबकि ऐसी फिल्में ना देखना और ना आजमाना ही बेहतर है। पोर्न एडिक्ट होना वैसे भी अच्छी बात नहीं है।

जल्दी स्खलित होने की आशंकाः सेक्स संबंध बनाते समय जल्दी स्खलित होने का डर पुरुषों की सबसे बड़ी समस्या है, जो उसके सेक्स के आनंद को नष्ट कर देती है। अगर पुरुष स्खलन को उस समय एक मिनट कंट्रोल कर ले, तो उसकी सेक्स परफॉर्मेंस अच्छी रहती है। इसकी वजह गलत विज्ञापनों और ब्लू फिल्मों से प्रभावित होना है। वास्तव में यह समस्या नहीं, सेक्स परफॉर्मेंस के समय चिंता का नतीजा होती है। सेक्स के समय चिंतामुक्त रहें, रिश्ता सुंदर बनेगा।

पत्नी असंतुष्ट ना रह जाएः पति के पेनिस का साइज कुछ छोटा हो, तो उनको यह गलतफहमी हो जाती है कि वे पार्टनर को संतुष्ट करने में असमर्थ रहेंंगे, जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। उलटे ज्यादा बड़े साइज से पत्नी को चोट पहुंच सकती है। महिला को वेजाइना के लगभग 3-5 सेंटीमीटर के दायरे में ही चरम सुख प्राप्त हो जाता है। पति खुद कंफर्टेबल रहें और पार्टनर को सहज महसूस कराएं। फोरप्ले करें, दोनों जितना सहज रहेंगे, उतना ही संतोषदायक संबंध रहेगा। सेक्स संतुष्टि का साइज से कोई लेना-देना नहीं है।

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पार्टनर दूसरी अोर आकर्षित ना होः पुरुष को यह डर रहता है कि अगर वह साथी को संतुष्ट नहीं रख पाया, तो वह किसी दूसरे की अोर आकर्षित हो जाएगी, उससे संबंध कायम कर सकती है, उसको रिश्ते में धोखा मिल सकता है। सेक्स के जरिए पत्नी को काबू में रखने की सोच गलत है। पत्नी को शक व जलन की भावना से ना देखें। इससे रिश्ते में अनबन व उग्र व्यवहार से झगड़े की शुरुआत होती है।

प्रेगनेंसी ना हुई तोः शादी के बाद प्रेगनेंसी ना होने पर पति को नपुंसक होने का डर सताने लगता है। प्रेगनेंसी अंडा रिलीज होने के समय पर निर्भर करती है, पर बच्चा ना हो पाना कलंक जैसी बात मानी जाती है। नपुंसकता का डर पति की सेक्स परफॉर्मेंस में आड़े आता है। ऐसी चिंता में पड़ने से बेहतर है कि दोनों अपना फर्टिलिटी टेस्ट करा लें। ध्यान रहे, सेक्स परफॉर्मेंस का फर्टिलिटी से कोई संबंध नहीं है।