योग का जुड़ाव सिर्फ तन को खूबसूरत बनाने और मन को एकाग्र व शांत रखने से नहीं है, बल्कि यह सेक्स जीवन को भी सुखी बनाने व तृप्ति देने में कामयाब है। बापू नेचर क्योर हॉस्पिटल व योगाश्रम में योग इंस्ट्रक्टर बासंती सेक्स लाइफ बेहतर बनाने वाले योग आसन बता रही हैं।
पदमासन से मिलेगी ताकत: इस आसन से मांसपेशियों, घुटनों, ब्लैडर और पेट को मजबूती मिलती है। इससे शरीर को ताकत मिलती है, उत्तेजना का संचार होता है। इससे चरम सुख का टाइम बढ़ता है।
हलासन करे ग्लैंड्स को एक्टिव: जिनको अपनी सेक्स लाइफ बेहतर बनानी है, वे स्त्री-पुरुष को अपनी सेक्स एनर्जी को बढ़ाने के लिए इस आसन काे करें। इससे सेक्स ग्लैंड्स एक्टिव होते हैं। इस आसन को करने से इंपोटेंसी की समस्या भी धीरे-धीरे दूर होती है और कपल बेहतर सेक्स संबंधों का अनंद उठा पाते हैं।
तितली आसन से जगती है रुचि: इससे सेक्स में खत्म हुई रुचि फिर से पैदा होती है। पेल्विक में लचीलापन आता है। सेक्स संबंधों का चरम सुख मिलता है।
उष्ट्रासन रक्तसंचार बढ़ाए: इस आसन से पेल्विस व जननांगों में रक्त संचार अच्छी तरह होता है। सेक्स के दौरान एनर्जी का संचार होता है। सेक्स आनंद बढ़ता है।
कुंडलिनी योग से यौनेच्छा मजबूत: अच्छे सेक्स के लिए कुंडलिनी योग की अहम भूमिका है। यह आसन सेक्स इच्छा को मजबूत करता है और सेक्स परफार्मेंस के दौरान होनेवाली नर्वसनेस को खत्म करके सेक्स को आरामदायक बनाता है।
भुजंगासन बढ़ाए सेक्स क्षमता: इसके नियमित अभ्यास से शरीर में कोर्टिसोल हारमोन कम होता है और टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ जाता है। इससे एड्रिनल ग्लैंड के सिकुड़ने से शरीर की सेंसिटिविटी व सेक्स क्षमता बढ़ती है।
सेतुबंध आसन से बॉडी टोन्ड: यह आसन करने से स्पाइनल कॉर्ड को अपनी जगह पर बने रहने में मदद मिलती है। यह पेट के सभी अंगों में खिंचाव व मजबूती लाता है। सेक्स के दौरान जिनको देर तक टिके रहने में परेशानी होती है, वे इस आसन की मदद से इसमें सुधार ला सकते हैं। इससे पेल्विस में रक्तसंचार तेज होता है। थाईज में ताकत आने के साथ उनको टोन करता है।
सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी के अनुसार भ्रामरी प्राणायाम व अांखें बंद करके ओम का उच्चारण करने से घबराहट कम होने के साथ सेक्सुअल नर्व्स में विस्तार आता है, जबकि वज्रासन सेक्स क्रिया के डिस्फंक्शन को सुधारता है।
प्रेगनेंट महिलाअों में बेबी होने के बाद वज्रोली व अश्विन मुद्रा पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। मेनोपॉज या एंड्रोपॉज की उम्र से गुजर रहे स्त्री-पुरुष सूर्य नमस्कार करें। योग निश्चित रूप से सेक्स जिंदगी में सुधार ला सकता है और मेनोपॉज के बाद भी इसमें कोई दिक्कत नहीं आती।
आसानी से किए जाने वाले सेक्स योगासन
हलासन: मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने हाथों को शरीर से सटाएं। हथेलियां जमीन की ओर रखें।
सांस भीतर की ओर खींचते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं। टांगों को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों से कमर को सहारा दें। टांगें कमर से90 डिग्री पर रहें। दबाव पेट की मांसपेशियों पर रहे।
टांगों को सिर की तरफ झुकाते जाएं और सिर के ऊपर से ले जा कर पैरों के अंगूठे से जमीन छुएं।
अब हाथों को कमर से हटा कर जमीन पर सीधा करें। हथेली नीचे की ओर रहेगी। सांसों पर ध्यान केंद्रित करें व सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे जमीन पर ले आएं।
सेतुबंध आसन: पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को लिपटने के अंदाज में सीने पर बांध लें। अब पैरों को घुटनों से मोड़ कर हिप्स को जितना हो सके, फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं। पैरों को टिकाए रखें। कुछ देर सांस रोक कर उसी अवस्था में कुछ देर रहें।
सांस छोड़ते हुए हिप्स वापस जमीन पर ले जाएं। पैरों को सीधा करते हुए आराम की स्थिति में आ जाएं। कुछ सेकेंड रुक कर दोबारा करें।
भुजंगासन: पेट के बल लेट जाएं। दोनों हथेलियों को थाइज के पास जमीन की ओर रखें। टखने एक-दूसरे को छूते रहें। दोनों हाथ कंधे के बराबर लाएं। शरीर का वजन हथेलियों पर डालें, सांस अंदर खींचें व सिर व धड़ को पेट तक ऊपर की ओर ले जाएं।
अपनी छाती को आगे की ओर खींचें। सिर को सांप के फन की तरह खींच कर रखें। कंधे कान से दूर ही रहें। हिप्स, थाईज व पैरों से जमीन की ओर दबाव बढ़ाएं। इस आसन में 1-2 मिनट तक रहें, फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं। हाथों को साइड पर ले आएं। सिर को जमीन पर रखें। हाथों को सिर के नीचे रखें।