Thursday 23 November 2023 05:10 PM IST : By Nishtha Gandhi

जब स्कूल टीचर हो रूड

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स्कूल में बच्चे की टीचर रूड हो, तो बच्चे को स्कूल जाना कतई पसंद नहीं आएगा और वह मानसिक तनाव में भी आ सकता है। अगर आपका बच्चा आपसे यह शिकायत करता है कि स्कूल में कोई टीचर उसे नापसंद करते हैं, तो इस बात को हल्के में ना लें। स्कूल में टीचर का बर्ताव बच्चे के व्यक्तित्व पर भी बुरा असर डालता है। ऐसी स्थिति में उससे भी पूछें कि टीचर सिर्फ उसी के साथ बुरा बर्ताव करते हैं या फिर वे सब बच्चों के साथ वही व्यवहार करते हैं। बच्चे से इसकी वजह भी जानने की कोशिश करें। कई बार बच्चे अपनी गलती छिपा जाते हैं और टीचर को ही गलत साबित कर देते हैं। चूंकि वे जानते हैं कि आजकल स्कूलों में नियम बहुत सख्त हैं और अब टीचर्स को बच्चों पर हाथ उठाने की इजाजत नहीं है। इन्हीं नियमों का फायदा बच्चे भी उठाते हैं और झूठी शिकायत करके टीचर्स को फंसा देते हैं। टीचर पर कोई एक्शन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें-

- सबसे पहले यह मालूम करें कि बात में कितनी सचाई है। बच्चे से खुल कर बात करें। अगर वह आपको टीचर की कही कोई कड़वी बात बताता है, तो यह पूछें कि टीचर ने वह बात किस समय कही थी। बच्चे ने ऐसा क्या किया था कि टीचर को बुरा बर्ताव करने की नौबत आ गयी। पहली ही बार में शिकायत करने स्कूल ना पहुंच जाएं। अपने बच्चे को भी समझाएं कि वह बात को ज्यादा तूल ना दे। टीचर की थोड़ी-बहुत डांट तो सभी को पड़ती है।

- अगर आपको लगता है कि बात गंभीर है, तो टीचर ने कब क्या कहा, कब और कैसे गलत बर्ताव किया, इन सब घटनाओं की डायरी बनाएं, ताकि जब आप इस बात की शिकायत करें, तो आपके पास पर्याप्त वजह हों। लेकिन यह डायरी बच्चे को कतई ना दिखाएं।

- स्कूल प्रशासन से शिकायत करने से पहले आप टीचर से इस बारे में बात करें। उनसे सीधे शिकायत करने के बजाय अपनी बात इस तरह से रखें कि टीचर को बुरा ना लगे। आप चाहें, तो इस बात को क्लास टीचर के नोटिस में ला सकते हैं।

- अगर आपके बात करने से भी मामला नहीं सुलझता और टीचर के रवैए में सुधार नहीं होता, तो मामले की शिकायत प्रिंसिपल से करें। अपनी बात सधे हुए शब्दों में और बहुत संभल कर कहें। टीचर पर सीधे दोषारोपण ना करें, लेकिन प्रिंसिपल को वे सारी घटनाएं बता दें, जब टीचर ने बच्चे के साथ बदसुलूकी की। एक लिखित शिकायत भी अपने साथ जरूर ले जाएं और उसकी फोटोकॉपी पर तारीख के साथ स्कूल से रिसीविंग करवाएं। इससे स्कूल मैनेजमेंट पर आपकी शिकायत के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बनेगा।

- कई बार लिखित शिकायत होने पर टीचर अपना बर्ताव तो सुधार लेते हैं, लेकिन कुछ मामलों में वे अपनी भड़ास निकालने के लिए टेस्ट में कम मार्क्स देने, किसी प्रतियोगिता में मौका ना देने जैसे तरीके भी अपना सकते हैं। बच्चे को इस बात के लिए पहले से समझा दें कि वह इन छोटी-छोटी बातों से परेशान ना हो। हो सके, तो प्रिंसिपल को रिक्वेस्ट करके बच्चे का सेक्शन बदलवा दें।

- आजकल सभी पेरेंट्स मिल कर वॉट्सएप ग्रुप बना लेते हैं। अगर आप किसी टीचर के बर्ताव से परेशान हैं, तो इस बारे में ग्रुप में भी डिस्कस कर सकते हैं। इससे आपको यह पता चलेगा कि वह टीचर बाकी बच्चों के साथ भी रूड है या सिर्फ आपके ही बच्चे के साथ वैसा व्यवहार करता है। अगर ग्रुप के बाकी लोगों को भी यही शिकायत है, तो फिर सब लोग मिल कर इस बारे में लिखित शिकायत करें। बाकी टीचर्स के बारे में भी जानकारी हासिल करें। अगर बच्चे की बात में सचाई है, ताे बाकी पेरेंट्स के साथ मिल कर स्कूल में बात करने जाएं।

- कुछ लोगों का स्वभाव ही रूखा होता है, वे किसी से हंस कर बात नहीं कर पाते। इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण भी होते हैं। अगर वह टीचर बच्चे को कुछ हानि नहीं पहुंचा रहे, किसी तरह का पक्षपात नहीं कर रहे, तो फिर आप भी बच्चे को समझाएं कि वह इस मामले को ज्यादा तूल ना दे। जहां तक हो सके, टीचर से किसी भी तरह की सीधी बहस से बचें।