Monday 30 May 2022 03:34 PM IST : By Indira Rathore

कैसे रखें वक्त अपने हाथ में

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क्या करें, टाइम ही नहीं मिलता, हमारी बातचीत में यह एक रटा-रटाया वाक्य अकसर बोला-सुना जाता है। टाइम मैनेजमेंट के गुर हमें बचपन से ही सिखाए जाने लगते हैं। स्कूल में 45 मिनट का पीरियड, 3 घंटे का एग्जाम, दफ्तर में 9 से 5 की टाइमिंग, हर चीज घड़ी के मुताबिक चलती है, हर कार्य का निश्चित समय होता है। समय को साधना मुश्किल है, लेकिन कुछ टेक्नीक्स हैं, जिनसे टाइम मैनेजमेंट संभव हो सकता है। 

ध्यान किधर है: ध्यान भटकाने को इन दिनों बहुत सी चीजें हैं। काम के बीच में वॉट्सएप या सोशल साइट्स के नोटिफिकेशंस, ईमेल्स चेक करना, कोई फोन कॉल करना या अटेंड करना...। ये तमाम ध्यान भटकाऊ संसाधन ना तो किसी एक कार्य पर फोकस करने देंगे, ना ही उस कार्य को सही तरीके से अंजाम देने में कामयाब होने देंगे। अगर कोई जरूरी काम कर रहे हैं, तो कम से कम आधे घंटे अपने फोन को वहां रखें, जहां से उसे उठाना आसान ना हो। 

एक बार में एक काम: एक साथ बहुत से काम हाथ में लेने का मतलब है एक भी काम ठीक से ना हो पाना। अधिक जरूरी, जरूरी, कम जरूरी और गैरजरूरी चीजों की टू डू लिस्ट तैयार करें। देखें कि कौन सा काम सबसे जरूरी है, पहले उसी को पूरा करने की कोशिश करें। 

समय का सही निवेश: बेस्टसेलर राइटर टोनी रॉबिन्स अपनी किताब द अल्टीमेट गाइड टू टाइम मैनेजमेंट में कहते हैं, समय को उसी तरह खर्च करें, जैसे पैसे खर्च करते हैं। व्यक्ति हमेशा पैसे बचाने के बारे में सोचता है। समय भी अमूल्य है, जिसे सोच-समझ कर खर्च करना चाहिए। अपने वक्त का पूरा उपयोग करें। जैसे किसी को पढ़ना बहुत पसंद है, लेकिन समय की कमी है, तो कम्यूटिंग टाइम में पढ़ना शुरू करें या ऑडियो बुक्स के जमाने में ड्राइव करते हुए अच्छी किताबें सुनें। इससे अपनी रुचि को बनाए रखने में मदद मिलेगी। 

इतना बिजी होना अच्छा नहीं: बिल गेट्स ने कहीं कहा था, माना कि आप बहुत व्यस्त हैं, जिम्मेदारियों से घिरे हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि आपके कैलेंडर की हर तारीख किसी ना किसी काम या अपॉइंटमेंट के लिए निश्चित हो। कुछ दिन फ्री रखें, ताकि अचानक सामने अाने वाली स्थितियों पर ध्यान दे सकें। अधिक व्यस्तता का मतलब अच्छा काम नहीं होता। एकाग्रता से किया गया काम कम समय में पूरा हो सकता है, तो लापरवाही से उसी काम में बहुत देरी भी हो सकती है। वक्त को पैसे से नहीं खरीदा जा सकता, इसलिए उस पर अपना नियंत्रण रखना ही एकमात्र उपाय है। 

खुद का आकलन जरूरी: क्या आप अपनी वर्क पर्सनेलिटी का आकलन करते हैं? कामकाज की आपकी आदतें, रुटीन या तरीके क्या हैं। अपने काम का आकलन करते रहना जरूरी है। अगर इसमें कुछ गलत नजर आ रहा है, तो उसे बदलने की कोशिश करते रहें। हर सुबह खुद को याद दिलाएं कि दिन का कौन सा हिस्सा कहां और किस काम में उपयोग करना है। बीते दिन या हफ्ते के बारे में भी सोचें, मनन करें कि उसमें आपने अपने कामकाज को किस तरह अंजाम तक पहुंचाया। इससे खुद को व्यवस्थित रखने में सहूलियत होगी और अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

टाइम ब्लॉकिंग मेथड: उद्योगपति एलन मस्क ने टाइम ब्लॉकिंग या टाइम बॉक्सिंग मेथड के जरिये बताया है कि कैसे अपने समय का सदुपयोग किया जा सकता है-

1. एक पेपर या नोटबुक लें और इसे दो कॉलम्स में बांटें। एक कॉलम में दिनभर के अपने टास्क लिखें और दूसरे में उनमें लगाए जाने वाले टाइम को लिखें। 

2. अगर कोई कार्य ऐसा है, जो बहुत गंभीर या समय खपाने वाला है तो उसे एक बार में करने के बजाय छोटे-छोटे हिस्सों में करें। लगाए जाने वाले वक्त का आकलन पूरी समझदारी व व्यावहारिकता से करें। 

3. कई बार कार्य में किसी तरह का व्यवधान आ जाता है, इससे परेशान ना हों, दोबारा उसका प्लान बनाएं। इसके लिए खुद को अपराधबोध में ना डालें, अन्यथा बाकी के कामों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।

4. शाम को एक-दो मिनट अपने प्लान पर नजर जरूर डालें और देखें कि कितने कार्य समय पर पूरे हुए, कितने कार्यों में व्यवधान आया या उनमें देरी हुई और उसका कारण क्या रहा। 

5. इस टाइम बॉक्सिंग या ब्लॉकिंग में अपरिहार्य स्थितियों के लिए भी गुंजाइश अवश्य रखें। ये डे प्लानिंग सिर्फ इसलिए होनी चाहिए कि अनुशासन के साथ कार्य कर सकें। इसमें किसी तरह का दबाव ना महसूस करें, वरना टाइम मैनेजमेंट प्लानिंग ही स्ट्रेस देने लगेगी।