करवाचौथ का व्रत लगभग सभी महिलाएं करती हैं। कुछ परंपरा के लिए और कुछ महिलाएं शौक के लिए करती हैं। हर त्योहार पर महिलाएं सोलह शृंगार करके पूजा-पाठ करती हैं या बायना निकालती हैं। सनातन हिंदू परंपरा में पर्व, त्योहार और पूजा-पाठ का बहुत महत्व है, लेकिन यह कोरा अंधविश्वास नहीं है, बल्कि हर रीति-रिवाज के पीछे कोई ना कोई कारण भी जरूर होता है। इस बारे में बता रहे हैं पंडित डॉ. प्रभाकर मिश्र-
क्यों फेरते हैं बायना
बायना निकालने का काफी महत्व माना जाता है। हरतालिका, करवाचौथ, अहोई जैसे सभी त्योहारों पर महिलाएं बायना निकाल कर पूजा करती हैं। इस में आमतौर पर महिलाएं अनाज, फल, फूल, चावल, मठरी, मिठाई जैसी चीजों को पूजा में शामिल करती हैं। कहीं पर थाली घुमायी जाती है तो कुछ महिलाएं हाथ में पानी, अनाज आदि ले कर कुछ मंत्र पढ़ कर थाली के चारों तरफ हाथ घुमाती हैं। यह दरअसल, एक तरीका है, अपने चारों तरफ की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का। आमतौर पर इसे किसी बुजुर्ग को दिया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि बुजुर्गों के पास हमसे ज्यादा अनुभव व ऊर्जा होती है, जिन पर नेगेटिव ऊर्जा का असर नहीं होता। आपके द्वारा मनसी हुई थाली की चीजें खा कर एक तरह से वे आपको पॉजिटिव रहने और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पंडित डॉ. प्रभाकर मिश्र का कहना है, ‘‘पहले जमाने में या आज भी कुछ लोगों में बायना शूद्र को भी दिया जाता है। यह समाज के इस वर्ग के लोगों के भरण-पोषण का इंतजाम करने का एक तरीका है। दरअसल, हमारे समाज को वर्ण व्यवस्था के आधार पर बांटा गया था, लेकिन मूल रूप से इस व्यवस्था का उद्देश्य समाज में छूआछूत फैलाना नहीं था। भगवान के चरणों में चढ़ाया जाने वाला फूल माली से मंगवाया जाता है, ऐसे ही कुछ और भी नियम बनाए गए, जिनके आधार पर हर वर्ग का कार्य तय किया गया। इसी तरह जब आप बायना निकालती हैं तो उसे किसी शूद्र को देने से उसके भरण-पोषण का इंतजाम होता है।’’
क्या रखें बायने में
हर त्योहार के बायने में कुछ अलग-अलग चीजें रखी जाती हैं। ये चीजें हर राज्य और हर जाति के लोगों में भी अलग होती हैं। करवाचौथ के बायने में कुछ फल, सूखे मेवे, फीकी व मीठी मठरियां, सास के लिए कपड़े, शृंगार का सामान और कुछ रुपए रखे जाते हैं। इनकी मात्रा आप अपने सामर्थ्य के हिसाब से कम और ज्यादा कर सकती हैं। कुछ महिलाएं गेहूं और चावल भी बायने में रखती हैं। अगर सास ना हों तो यह बायना जेठानी, ननद आदि को भी दिया जा सकता है। बायने की चीजों का इस्तेमाल सिर्फ वही कर सकते हैं, जिन्हें बायना दिया गया हो।