- चंडीगढ़ की निटिंग एक्सपर्ट प्रतिभा अग्रवाल का कहना है कि प्योर बची ऊन को स्टीम करें। सामान्य बची ऊन को सॉफ्ट वॉश से धो लें। इन्हीं ऊनों से आप निटिंग की शुरुआत करें।
- बाजार में बहुत सी ऊन मिलती हैं। ऐसे में दुविधा हो जाती है कि कौन सी ऊन खरीदना अच्छा होगा। जरूरत के मुताबिक अलग-अलग वेराइटी की ऊनों से स्वेटर तैयार करें।
- सॉफ्ट ऊन से बेबी स्वेटर बनाना सही रहता है। न्यू बॉर्न बेबी के लिए प्योर ऊन के स्वेटर ना ही बनाएं, तो अच्छा है। इससे बेबी को विंटर रैशेज की परेशानी हाेती है।
- फर वाली ऊन फैशन स्वेटर्स के लिए सही रहती है। इनमें रोएं उठने का खतरा रहता है, इसीलिए इससे डेली यूज के स्वेटर्स ना तैयार करें।
- जो ऊन पकड़ने में सॉफ्ट लग रही है, वह बुनने के बाद भी सॉफ्ट होगी, पर जो ऊन पकड़ने में थोड़ी कड़ी लगे, वह बुनने के बाद पहनने पर बॉडी में चुभेगी।
- मोटी ऊन शॉल, स्टोल या स्कर्ट बनाने के लिए ले सकते हैं।
- याक ऊन बहुत गरम होती है। उससे तैयार स्वेटर बहुत ठंड में प्रयोग में ला सकते हैं।
- आजकल ऊन के साथ सिमर थ्रेड भी होता है, जिससे फैशन, पुलोवर, स्कीवी और ब्लाउज तैयार कर सकती हैं।
- ज्यादातर 9 और 10 नंबर की सलाइयां ही सामान्य स्वेटर बुनने में इस्तेमाल की जाती हैं। 8 नंबर की सलाइयों से भी लूज और सॉफ्ट स्वेटर बुना जाता है।
- 11 नंबर की सलाइयों से बॉर्डर बुना जाता है, जिससे बॉर्डर कसा और अच्छा बनता है।
- क्रोशिया बुनना चाहती हैं, तो सबसे मोटी क्रोशिया का इस्तेमाल तभी करें, जब मोटी ऊन से शॉल तैयार करना हो। पतली क्रोशिया से क्रॉप टॉप, सूट या दुपट्टों के किनारों पर कंगूरे तैयार कर सकती हैं।
- स्वेटर सिलने के लिए खास सूई प्रयोग में लाएं, जिसकी नोक शार्प नहीं होती, ऊपर से राउंड होती है। इससे स्वेटर आसानी से सिल जाता है।
- अगर क्रोशिया बनाना चाहती हैं, तो पहले चेन बनाना सीखें। सिंगल चेन, डबल चेन बनाएं। पहले छोटे डिजाइन ट्राई करें।
- सामान्य सलाइयों से पहले मफलर बनाएं। सीधे और उल्टे फंदे का साधारण मफलर बनाने के बाद अंत में टैसल की जगह क्रोशिये से कंगूरे बनाएं। पहली बार स्वेटर बना रही हैं, तो स्वेटर में छोटे केबल ट्राई करें।
- 0-6 महीने तक के बच्चों के लिए जब स्वेटर बनाएं, उसका गला बनाने के लिए 11 नं. की सलाई का प्रयोग करें।