एक अच्छी सिल्क की साड़ी तो लगभग हर महिला के वॉर्डरोब में होती ही है। वैसे भी आजकल सिल्क खूब फैशन में है। मार्केट में हर रेंज और हर किस्म की सिल्क की साडि़यां और सूट मिल रहे हैं। यह फैब्रिक दिखने में बहुत सुंदर, लेकिन हद से ज्यादा नाजुक होता है। इसलिए इसे ज्यादा रखरखाव की जरूरत होती है। सिल्क की साड़ी अगर बहुत पुरानी हो, तो कई बार कपड़ा गल भी जाता है या फिर इसमें कीड़ा लग जाता है। सिल्क के रखरखाव के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- हर 6 महीने में सिल्क के कपड़े को कुछ देर के लिए धूप में रखें। इससे इनमें कीड़ा नहीं लगेगा और बदबू भी दूर होगी।
- सिल्क की जरी की क्रीज में क्रैक पड़ने का डर रहता है। इसके अलावा अकसर कपड़ा उस जगह से फटता है, जहां पर तह का निशान होता है। कुछ समय बाद इनकी तह को अदल-बदल करके रखें। इससे एक जगह पर निशान नहीं पड़ेंगे और साड़ी फटेगी नहीं।
- जरी का काम काला पड़ कर खराब ना हो, इसके लिए इन्हें कॉटन या मलमल के पुराने सॉफ्ट कपड़े में लपेट कर रखें। आजकल साड़ी रखने के लिए बैग्स भी आते हैं, आप सिल्क की हेवी साड़ी को इनमें भी रख सकती हैं।
- साड़ी को ड्राईक्लीन करा कर रख रही हैं, तो उस पर से प्लास्टिक का कवर हटा दें। लंबे समय तक इसमें रखने से जरी खराब होगी।
- जिस बैग में सिल्क की साड़ी या अन्य कपड़े रखे हों, उनमें नैप्थीलिन बॉल्स या कोई और मॉथ रिपेलेंट ना डालें। इनमें सिलिका जैल के पाउच रख सकती हैं।
- जरूरत से ज्यादा गरम प्रेस से सिल्क और जरी का काम खराब हो सकता है। प्रेस करते समय इस पर कॉटन का कपड़ा या रुमाल रखें।
- सिल्क के कपड़ों को लंबी तह करके ही रखना चाहिए। इन्हें ना तो हैंगर पर टांगें और ना ही तोड़-मरोड़ कर रखें। एेसा करने से कपड़े के धागे खिंचते हैं और शेप खराब होती है।
- इस कपड़े पर दाग लग जाए, तो हड़बड़ी में साबुन से ना धोएं। लिपस्टिक और सब्जी के निशान हों, तो उस पर हल्के हाथों से टेल्कम पाउडर लगा कर रगड़ें, फिर ड्राईक्लीन करवा लें।