Saturday 12 November 2022 02:16 PM IST : By Gopal Sinha

कार खरीदने से पहले इन 6 बातों का ध्यान रखें

car-buying-tips

अपनी कार का सपना पूरा करना बैंकों की स्कीमों की बदौलत इतना भी मुश्किल नहीं। दीवाली या किसी शुभ मौके पर आप नयी या यूज्ड कार खरीदने से पहले कुछ बातें जान लें।

कब है बेस्ट टाइमः अपने यहां कार खरीदने का सबसे अच्छा समय अक्तूबर से दिसंबर के बीच होता है, क्योंकि इन दिनों कार डीलर्स अपना स्टॉक क्लीयर करना चाहते हैं और इसके लिए कस्टमर्स के लिए बेहतरीन ऑफर्स भी ले कर आते हैं। वे अपनी एनुअल सेल बढ़ाने के लिए बढि़या डिस्काउंट के साथ-साथ तरह-तरह के आकर्षक पैकेजेज पेश करते हैं।

कौन सी कार खरीदेंः कार खरीदने का सपना देखना और बात है और उसे सच करना दूसरी बात। कार खरीदने से पहले आपको अपना बजट, फैमिली साइज, इस्तेमाल करने की फ्रीक्वेंसी वगैरह पर जरूर सोचना चाहिए। कार डाउन पेमेंट पर लेनी है या ईएमआई पर, यह अपनी बचत और इनकम के मुताबिक तय कर लें। एक मोटे अनुमान के आधार पर अगर आपकी एनुअल सैलरी 10 लाख रुपए है, तो आपको 5 लाख की कार खरीदनी चाहिए। हैचबैक या सीडान कार 4 लोगों की फैमिली के लिए फिट है। अगर आप कभीकभार कार चलाएंगे, तो बेहतर है पेट्रोल वाली कार लें। रोज चलना है, तो कंपनी फिटेड सीएनजी वाली, डीजल या इलेक्ट्रिक वर्जन कार बेहतर रहेगी। अगर आप लॉन्ग ड्राइव पर जाने के शौकीन हैं, तो एसयूवी कार आपके लिए फिट होगी।पेट्रोल इंजन वाले कार के मुकाबले सीएनजी, डीजल या इलेक्ट्रिक कार महंगी पड़ती है, लेकिन इन पर रोज के फ्यूल का खर्च काफी कम पड़ता है। इलेक्ट्रिक कारें अभी काफी महंगी हैं, इसीलिए इनकी खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए और वातावरण को पॉल्यूशन फ्री रखने के लिए अलग-अलग राज्यों में इन वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है।कार एक ऐसी चीज है, जिसकी कीमत समय के साथ घटती जाती है और कुछ दिनों के बाद उसे बदलने की जरूरत होती है। कार को कभी भी इन्वेस्टमेंट के तौर नहीं खरीदना चाहिए। ऐसे में वैसी कार को प्राथमिकता दें, जिसकी रीसेल वेल्यू अच्छी हो।

कार नयी या पुरानीः अगर बजट इजाजत दे, तो नयी कार खरीदना बेहतर होगा। इसकी मेंटेनेंस कम होगी, कंफर्ट ज्यादा होगा और वॉरंटी भी मिलेगी। वहीं अगर आप पैसे बचाना चाहते हैं, तो यूज्ड कार का ऑप्शन भी बुरा नहीं है। आजकल कई एजेंसीज यूज्ड कार को नया रूप दे कर, उसे फिट करके वॉरंटी के साथ बेचती हैं। आजकल सरकारी नियमों के अनुसार पेट्रोल वर्जन 15 सालों में और डीजल कारें 10 साल में इस्तेमाल के योग्य नहीं रह जातीं, यूज्ड कार खरीदते समय उसकी लाइफ भी देख लें। ऐसा ना हो कि साल-दो साल में कार बेकार हो जाए।

सेफ्टी फीचर्स जरूरीः कार में एबीएस एंटी लॉकिंग ब्रेक सिस्टम, एअरबैग्स जरूर होने चाहिए। चाहे नयी कार खरीदें या पुरानी, इन सेफ्टी फीचर्स से कभी समझौता ना करें। आजकल मार्केट में लॉन्च करने से पहले कार मैन्यूफेक्चरर्स को अपने प्रोडक्ट का क्रैश टेस्ट भी करके देखते हैं। आपको इंटरनेट पर सर्च करने पर पता चल जाएगा कि किस कार में कितना दम है। कार खरीदने से पहले एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर कर लें, ताकि उसके फीचर्स के बारे में पता लग सके।

कार इंश्योरेंस ना भूलेंः रोड पर चलने वाले हर वाहन का मोटर इंश्योरेंस होना अनिवार्य है। आज दर्जनों इंश्योरेंस कंपनियां आकर्षक दरों पर मोटर बीमा करती हैं। चाहे थोड़े पैसे अधिक लगें, बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेना ही बेहतर रहेगा। इंटरनेट पर सर्च करके बेस्ट इंश्योरेंस पॉलिसी का पता करें और लें। आप जो भी माेटर इंश्योरेंस पॉलिसी लें, वह कॉम्प्रीहेंसिव पलिसी हो यानी उसमें डैमेज या चोरी से सुरक्षा, पर्सनल एक्सीडेंट कवर, थर्ड पार्टी कवर, नो क्लेम बोनस आदि होने के साथ क्लेस प्रोसेस आसान हो।

फाइनेंस या डाउन पेमेंटः एकमुश्त पूरी रकम जमा करके कार खरीदना आसान नहीं, आखिर दूसरे जरूरी खर्चें भी इग्नोर नहीं किए जा सकते। ऐसे में कार को फाइनेंस कराएं। ज्यादातर डीलर्स ही अलग-अलग बैंकों या फाइनेंसिशल संस्थाओं से फाइनेंस मुहैया करा देंगे, या आप भी बैंक में चेक कर सकते हैं। फाइनेंस स्कीम के तहत भी आपको कार की कुल ऑन रोड कीमत का 20 प्रतिशत बतौर डाउन पेमेंट जमा कराना होगा, बाकी की रकम ईएमआई में जमा करानी होगी। आप अलग-अलग बैंकों के इंटरेस्ट रेट पता करें और जो सबसे कम हो, उसी से फाइनेंस कराएं। फाइनेंस स्कीम नयी और पुरानी दोनों तरह की कारों के लिए उपलब्ध है।