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रेंट एग्रीमेंट कहने को एक छोटा सा कानूनी कागज है, पर इसकी  जरूरत तब समझ में आती है, जब किराएदार मकान छोड़ने को तैयार नहीं होता या मकान मालिक समय से पहले मकान खाली करने का दबाव बनाने लगता है। आइए, रेंट एग्रीमेंट के बारे में सही जानकारी हासिल करें।
➤ रेंट एग्रीमेंट के अनुसार, मकान के मालिक या उससे अटॉर्नी प्राप्त व्यक्ति को मकान मालिक माना जाएगा।
➤ एग्रीमेंट को बनवाने से किराए में अचानक मकान मालिक द्वारा किराए में बढ़ोतरी करने की गलत मांग या समय से पूर्व घर छोड़ने की धमकियों पर लगाम लगायी जा सकती है।
➤ रेंट एग्रीमेंट हमेशा 11 महीने का ही बनता है।
➤ अगर घर या फ्लैट इससे ज्यादा समय के लिए किराए पर लिया जा रहा हो, तब 11 महीने बाद एग्रीमेंट का रीन्यूवल कराया जाता है।  इसे 11 महीने का बनवाने के पीछे बड़ा कारण बार-बार रजिस्ट्रेशन कराने के झंझट से बचना है।
➤ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के अनुच्छेद डी की उप धारा 1 के अनुसार, कोई भी वह संपत्ति जो लीज पर दी गयी हो, उसकी रजिस्ट्री अनिवार्य है।
➤ यदि कोई 11 महीने से ज्यादा समय का रेंट एग्रीमेंट करना चाहता है, तो उसके अलग प्रावधान हैं। इसमें रजिस्ट्रेशन या स्टैंप ड्यूटी का शुल्क कम-ज्यादा हो सकता है।
➤ अब इसमें कुछ शर्तें जोड़ी गयी हैं, मसलन यदि 11 महीने से ज्यादा का एग्रीमेंट बनता है, तो मकान मालिक हर साल 5 से 7 फीसदी की किराए में बढ़ोतरी कर सकता है। एग्रीमेंट में यह शर्त होने पर किराएदार को इसका पालन करना होगा ।
➤ दोनों पक्ष रेंट एग्रीमेंट को आपसी सहमति से निरस्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें 3 महीने का अग्रिम नोटिस देना आवश्यक है। मकान खाली करने से पहले किराएदार को 3 महीने पहले मकान मालिक को बताना होगा, वहीं मकान मालिक के लिए भी घर खाली कराने से 3 महीने पहले इसका नोटिस देना आवश्यक है।
➤ किराएदार और मकान मालिक के बीच विवाद को निबटाने में रेंट एग्रीमेंट से ज्यादा कारगर कुछ नहीं होता है।
➤ नए नियमों के अनुसार अब किराए पर रहनेवालों के भी पासपोर्ट बन सकेंगे। पासपोर्ट बनवाने पर स्थायी पता ना होने पर दिक्कतें अाती रही हैं, पर अब ऐसी परेशानियों का सामना नहीं करना होगा।
➤ विदेश मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। पहले नियम यह था कि रेंट एग्रीमेंट कम से कम 1 साल पुराना होना चाहिए। ऐसा ना होने पर पासपोर्ट नहीं बन पाता था।
➤ नए नियम के अनुसार रेंट एग्रीमेंट नया भी हो सकता है, लेकिन सब रजिस्ट्रार के कार्यालय से बनाया गया होना चाहिए।
➤ रेंट एग्रीमेंट पर मकान मालिक और किराएदार दोनों के साइन होते हैं। साइन होने के 10 दिन के अंदर मकान मालिक किराएदार को उसकी एक कॉपी मुहैया कराएगा।
➤ किराएदार से 3 महीने का किराया सिक्योरिटी अमाउंट के रूप में जमा कराया जाता है। वे चाहें, तो आपसी सहमति से एक महीने का किराया भी सिक्योरिटी अमाउंट के रूप में डिपॉजिट करा सकते हैं। मकान छोड़ने पर किराएदार चाहे, तो 3 महीने का किराया ना दे, वरना मकान मालिक को सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस करना होगा। 
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