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दीवाली में मीठा खरीदते और खाते समय किन बातों काे नजरअंदाज ना करें? जानिए एक्सपर्ट की सलाह-

आजकल फेस्टिवल में मिठाइयों की जगह चॉकलेट और ड्राई फ्रूट्स देने का चलन है। बच्चे घर की मिठाइयां ही नहीं खाना चाहते, उन्हें बाहर की मिठाइयां और चॉकलेट कोटेड मिठाइयां अच्छी लगती हैं। ऐसे में क्या करें? दिल्ली की डॉ. पूनम माटिया, सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट सलाह दे रही हैं कि आप दीवाली में क्या खाएं और क्या खरीदें, जो आपके और आपके पूरे परिवार के लिए फायदेमंद हो।

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चॉकलेट कोटेट ड्राई फ्रूट्स

चॉकलेट कोटेड ड्राई फ्रूट्स के लाभ कम और नुकसान ज्यादा दिखायी देते हैं। हालांकि इसमें तरह-तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं जैसे मैग्नीनिशयम, कैल्शियम, जिंक, लेकिन शुगर कंटेंट ज्यादा मात्रा में होता है, जिससे खाने पर कैलोरी बढ़ने का खतरा बना रहता है। इस तरह की स्नैकिंग से ओवरईटिंग हो जाती है। रात को इस तरह की स्नैकिंग से बचें। पैक्ड चॉकलेट में प्रिजर्वेटिव, वेजिटेबल फैट और आर्टिफिशियल फ्लेवर होते हैं। इसकी जगह आप सामान्य ड्राई फ्रूट को थोड़ा सा देसी घी, नमक और काली मिर्च के फ्लेवर के साथ कड़ाही में भून सकती हैं और बहुत हुआ ताे बच्चों के लिए डार्क चॉकलेट कोटेड ड्राई फ्रूट्स ले सकती हैं।

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शुगर फ्री मिठाइयों का सच

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक 6 तरीके के स्वीटनर मिठाई में डाल सकते हैं। पहले सैकरीन डाला जाता था। आप एस्पार्टम और सैकरीन जैसे शुगर फ्री ऑप्शन को छोड़ कर स्टीविया का इस्तेमाल कर सकते हैं। आजकल मौंक फ्रूट स्वीटनर प्रयोग करते हैं। अगर आप अच्छी जगह से मिठाइयां खरीदते हैं तो उसके लेवल में इसका उल्लेख होता है। आप लेवल देख कर खरीदें। मधुमेह के रोगी फीकी खीर में स्टीविया पाउडर बुरक कर खा सकते हैं।

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बाजार व घर की मिठाइयां

वैसे दीवाली के अवसर पर घर में ही छेने की मिठाई बनाएं। दुकानों की मिठाइयां खरीदनी है तो बगैर चाशनी वाली और सूखी मिठाइयां खरीदें। काजू कतली, बादाम की बरफी, चने के बरफी जैसे ऑप्शन हैं।मिल्क बेस और चाशनीवाली मिठाइयां अवॉयड करें। ड्राई मिठाइयां खरीदें। घर में तरह-तरह के ड्राई फ्रूट लड्डू बनाएं।

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