Thursday 24 September 2020 10:05 PM IST : By Urmila Bhatnagar

घरेलु चीजों से करें िशशु की देखभाल

िशशु की देखभाल के िलए बाजार में िमलनेवाले प्रोडक्ट्स की जगह अाजमाए हुए पुराने तरीके अाज भी उपयोगी हैं।

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नवजात िशशु की देखभाल करना अासान नहीं है। पहली बार मां बनने जा रही हैं अौर संयुक्त परिवार भी नहीं है, तो िकसी बड़े-बुजुर्ग महिला के साथ ना होने से समझ ही नहीं अाता िक िशशु की देखभाल के िलए िकन बुनियादी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। बाजार में बच्चों की देखभाल के िलए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स अा गए हैं, उन्हें इस्तेमाल में लाने के बजाय प्राकृतिक तरीके अपना कर बच्चों की सही तरीके से देखभाल की जा सकती है।
नैपी या डायपर ः अब मॉडर्न मांएं नैपी की जगह डायपर का इस्तेमाल करने लगी हैं। इसे पहनाने के बाद उसे जल्दी-जल्दी बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। इसे लंबे समय तक पहनाए जाने से िशशु की कोमल त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। इससे िशशु के निजी अंगों तक हवा नहीं पहुंच पाती, िजससे रैशेज के साथ इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। जबकि कॉटन से बनी नैपी के इस्तेमाल से हवा अारपार हो कर गुजरती है। साथ ही इसे धो कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है। लेिकन िशशु के इसे खराब कर देने पर उसे फौरन बदलना पड़ता है।
पुराने जमाने में ज्यादातर घर पर रखे िघसे पुराने कपड़े से नैपी बनायी जाती थी। कपड़े के िघसे होने की वजह से नैपी रैशेज नहीं होते थे। यह सब बनाने के िलए समय ना हो, तो कॉटन की नैपी पहनाएं।
गाय का दूध ः जन्म के कुछ महीनों तक िशशु को ब्रेस्ट फीड कराना ही सबसे अच्छा होता है। इसके बाद मांएं बच्चे को फॉर्मूला दूध देने लगती हैं, जो बच्चे की सेहत के िलए ठीक नहीं है। उसे गाय का दूध पीने के िलए दें। यह अासानी से पच जाता है अौर बच्चे का पेट हल्का रहता है।
होममेड फूड ः िशशु के 5-6 महीने का होने पर ब्रेस्ट फीड के अलावा उसे ऊपरी चीजें िखलाने की जरूरत होती है। रेडीमेड सप्लीमेंट्स में बहुत सारे प्रिजर्वेटिव्स अौर ऐसी चीजें होती हैं, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बेहतर होगा, इन चीजों के बजाय उसे ताजा सब्जियां अौर फल मैश करके िदए जाएं। इसके अलावा सूजी व साबूदाने की खीर भी िखला सकती हैं। इससे बच्चे की सेहत सही रहेगी।
मसाज अॉइल ः िशशु की मसाज के िलए बाजार में तरह-तरह के ब्रांडेड तेल िमलते हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के बजाय शुद्ध नािरयल का तेल िनकलवा कर उससे िशशु की मसाज करें। प्राकृतिक गुणों से भरपूर इस अॉइल के इस्तेमाल से शिशु की त्वचा खुल जाती है।
बॉडी लोशन ः देसी घी को बॉडी लोशन की जगह इस्तेमाल करें । थोड़ा सा देसी घी नािभ में डालने से कई तरह की बीमािरयों से बचाव िकया जा सकता है।
शैंपू ः बाजार में तरह-तरह के बेबी टीयर फ्री शैंपू भी िमलते हैं। इनके अलावा बच्चे के बालों में दही को 3-4 िमनट तक लगा कर रखें। यह एक अच्छा क्लींजर हैं। शिशु को िदन में एक बार नहलाना काफी है। शिशु को नहलाते समय बेसन, अाटे अौर दही से बने उबटन का इस्तेमाल करें।
नेचुरल टीदर ः दांत अाने पर कई बार बच्चे कमजोर अौर बीमार पड़ जाते हैं। बाजार में कई तरह के टीदर िमलते हैं, जो दांत िनकलने पर बच्चे को िदए जाते हैं। रबड़ से बने ये टीदर सेहत के िलहाज से सही नहीं होते। रबड़ के टीदर में कीटाणु पनपने का खतरा रहता है। ऐसे में बच्चे को टीदर की जगह गाजर के लंबे टुकड़े काट कर देना सही रहता है।   
जहां तक हो सके घर की चीजों को इस्तेमाल में लाएं। घर में िशशु के िलए चीजें तैयार करने में समय लग सकता है, पर ये हर िलहाज से सुरक्षित मानी जाती हैं।  

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