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भारत ने आखिरकार 52 साल बाद जीता महिला विश्व कप और भारत को चैंपियन बनाने वाली पहली महिला कप्तान बनीं हरमनप्रीत कौर। उनकी अगुआई में भारत ने शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हरा दिया। इस मैच में टॉस साउथ अफ्रीका ने जीता था और पहले भारत को बैटिंग करने को कहा। भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन बनाए और दूसरी टीम को जीतने के लिए 299 रनों का टारगेट दिया। जवाब में साउथ अफ्रीका ने 45.3 ओवर में 246 रन बनाए और पूरी टीम आउट हो गयी। महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में 25 साल बाद दुनिया को भारत के रूप में नया चैंपियन मिला। भारतीय टीम तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। एक बार 2005 में और दूसरी बार 2017 में, लेकिन दोनों ही बार चैंपियन बनने का ख्वाब पूरा नहीं हो सका था।

फाइनल में दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा का शानदार परफॉर्मेंस रहा। शेफाली ने जहां 78 गेंदों पर 58 रन बनाए वहीं दीप्ति ने 58 गेंदों पर 58 रन बनाए। इसी तरह स्मृति रंधावा ने 45 रन बनाए। कैप्टन हरमनप्रीत ने 20 रनों की पारी खेली। यह जीत भारत की लड़कियों के लिए यह मिसाल है, जो आगे कई वर्षों तक उन्हें प्रेरित करती रहेगी। डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुए इस फाइनल मैच में कैप्टन हरमनप्रीत ने आखिरी विकेट का कैच लपका। कैच लेते ही वह खुशी से दौड़ पड़ीं और साथ में उनकी पूरी टीम। सबकी आंखों में खुशी के आंसू थे। अर्धशतक लगाने और दो विकेट लेने वाली शेफाली वर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

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इस पहली आईसीसी महिला वनडे विश्व कप ट्रॉफी ने 1983 के मैन वर्ल्ड कप की यादें ताजा कर दीं, जब पुरुषों की टीम ने पहली बार विश्व कप जीता था। तालियों की गड़गड़ाहट और आतिशबाजी से ना सिर्फ स्टेडियम बल्कि हर शहर गूंज उठा। यह जीत एक नया अध्याय की शुरुआत है। हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम को यह जीत बहुत मुबारक हो! भारत ने साबित कर दिया है कि अब वह विश्व चैंपियन है। यह ट्रॉफी आने वाली महिलाओं की तमाम पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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