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इंदिरापुरम (गाजियाबाद) के 15 वर्षीय टीनएजर आरव सेठ ना सिर्फ प्रकृति और पर्यावरण को बचाने की अलख जगा रहे हैं, बल्कि महिलाओं और बच्चों के लिए भी बहुत से सराहनीय कार्य कर रहे हैं। एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली में पढ़ने वाले आरव बहुत कम उम्र से इस मुहिम में डटे हुए हैं।

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क्लाइमेट चेंज की जानकारी

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आरव बताते हैं, महज 9-10 साल का था, जब क्लाइमेट चेंज पर एक प्रोग्राम देखा, वहां से मेरी दिलचस्पी इसमें जागी। मुझे लगा कि मैं बहुत बड़े काम तो नहीं कर सकता, लेकिन पेड़ तो लगा सकता हूं। मैंने कई ग्रुप्स जॉइन किए, पेरेंट्स ने मुझे इसमें मदद की। मैंने पर्यावरण और वृक्षारोपण को लेकर तमाम जानकारियां हासिल कीं। फिर दो-तीन साल पहले कोरोना के दौर में ही मैंने एक संस्था वी राइज टुगेदर फाउंडेशन की स्थापना की। हमारा 15-23 लोगों का ग्रुप है। कुछ लोग अॉनग्राउंड काम में मदद करते हैं, कुछ सोशल मीडिया पर काम करते हैं। हम लोग हर हफ्ते पेड़ लगाते हैं, नदियों की सफाई करते हैं, पार्कों व सार्वजनिक स्थलों से कूड़ा हटाते हैं।

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मेन्स्ट्रुअल हाइजीन पर काम

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आरव का दूसरा प्रोजेक्ट है-शी हाइजीन, जिसमें उनकी संस्था गरीब लड़कियों के बीच सैनिटरी पैड्स का वितरण करती है। उन्हें मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के बारे में जानकारी देती है। अब तक 65 हजार सैनिटरी पैड्स का वितरण किया जा चुका है। हेल्पिंग हैंड्स प्रोजेक्ट के तहत गरीब बच्चों को किताबें, कपड़े व जूते भी बांटे जाते हैं। अभी तक 15 हजार से ज्यादा पुस्तकें बांटी गई हैं। इस कार्य में आरव को दोस्तों, पेरेंट्स, स्कूल और समाज का पूरा सपोर्ट मिलता है। हर संडे आरव और उनके साथियों का ग्रुप इस काम में जुटता है।

मिलती है मदद लोगों की

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आरव कहते हैं, उनके सभी कार्य लोगों की मदद से पूरे होते हैं। कुछ लोग शारीरिक रूप से साथ देते हैं, कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर साथ देते हैं और कुछ आर्थिक मदद देते हैं। हम लोग बहुत तरह के जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। मेन्स्ट्रुअल हाइजीन पर कई तरह के अवयेरनेस कैंप्स और सेशन करते हैं। इसमें बहुत सी स्त्री रोग विशेषज्ञों का साथ मिलता है। आरव अपने परिवार के सारे खास दिनों, जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या मदर्स डे पर भी वृक्षारोपण करके एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देते हैं कि प्रकृति को सहेजेंगे तो अपनी, अपने परिवार और समाज की खुशियों को भी सहेजेंगे।

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