कई बार आपने देखा होगा महंगे से महंगा इंडोर प्लांट या आउटडोर प्लांट प्लांटर में हरा-भरा और घना नहीं हो पाता। कॉफी ग्रेन्यूल्स, गोबर की खाद, अंडे के छिलके, केले के छिलके, किचन का वेस्ट और घास की कतरनों में पौधों की ग्रोथ के लिए जरूरी नाइट्रोजन व न्यूट्रिशन होता है। इनका इस्तेमाल बतौर खाद करना चाहिए।
होममेड रूटीन खाद
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम पौधे के लिए जरूरी है। अगर मार्केट से कोई खाद खरीद रहे हैं, तो उसमें ये 3 चीजें होनी बहुत जरूरी है। ये तीनों चीजें पौधों को हरा-भरा और स्वस्थ बनाए रखती हैं। किचन गार्डन एक्सपर्ट सीमा के मुताबिक, ‘‘पौधे जब और स्वस्थ और हरे-भरे होते हैं, तो पूरा परिवेश पॉजिटिव हो जाता है। इसके लिए खाद, पानी और धूप की मात्रा पर ध्यान देने की जरूरत होती है।’’
- अंडों के छिलकों से पौधों को कैल्शियम मिलता है। केले के छिलकों और चाय की पत्तियाें / कॉफी से नाइट्रोजन मिलता है।
- इप्सम सॉल्ट फर्टिलाइजर के तौर पर पौधों के लिए काफी असरदार है। ऐसे प्लांट्स, जिन्हें मैंगनीज और सल्फर की कमी है, उनमें यह सॉल्ट ना डालें। सॉल्ट की मात्रा का खयाल रखें।
- केले के छिलकों को पानी भरे जग में डाल कर कर 3-4 दिन तक रखें। छिलके निकाल कर फेंट लें और इस पानी को पौधों में डालें।
- कॉफी भी कभीकभार पानी में घोल कर पौधों में डालें।
- दाल, चावल, सब्जियों और फलों के छिलकों को आधी बाल्टी पानी में 2 दिन तक रखें। छिलके निकाल कर फेंक दें। इस पानी में औधी बाल्टी पानी और मिलाएं। तैयार पानी को पौधों की जड़ों में डालें।
- साल में 2-3 बार कंपोस्ट खाद दे सकते हैं।
सक्यूलेंट प्लांट के लिए खाद
- वैसे सक्यूलेंट प्लांट को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती। पर फिर भी बसंत और गरमी में थोड़ा फर्टिलाइजर दे सकते हैं। ग्रेन्युनेलेटेड फर्टिलाइजर को जेड, एलोवेरा, सक्यूलेंट जैसे पौधों में डाल सकते हैं। वैसे इनके लिए चायपत्ती का पानी और जिस पानी में मछली धोयी है, वह भी असरदार है।
- सक्यूलेंट प्लांट में पानी और खाद दोनों कम दिए जाते हैं। समय-समय पर इन्हें धूप दिखाना जरूरी है।