Thursday 16 September 2021 12:52 PM IST : By Team Vanita

बरसात में घर की बगिया महकाएं फूलों से

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फूलों की खुशबू और रंगीनियों में घुली फिज़ा बताती है कि मानसून आ गया है। नयी दिल्ली के केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग के उद्यान उप महानिदेशक डॉ. प्रसून कुमार त्रिपाठी बता रहे हैं कुछ ऐसे पौधों के बारे में, जो मानसून में बगिया महका सकते हैं। 

पर्सलेन: छोटी-छोटी पत्तियोंवाले इस पौधे में ढेरों फूल आते हैं। इन्हें टहनी से लगाना आसान है और एक बार आपके घर में जगह बना लें,तो हमेशा के लिए आपके हो जाते हैं। इनके गिरे हुए बीजों से हर साल नए पौधे निकल आते हैं। 

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मॉस रोज: सफेद, गुलाबी, लाल, रानी, पीले रंग के फूलों से भरे मॉस रोज के कुछ पौधे लाएं। वर्टिकल हुक हैंगिंग प्लांटर में लगा कर बालकनी को इससे सजाएं। ध्यान रहे पॉम-पॉम की तरह दिखने वाले मॉस रोज प्लांट्स को 7 से 8 घंटे की धूप की जरूरत होती है। 

विन्का: ये सदाबहार के नाम से भी जाने जाते हैं। घने पत्तों के बीच से झांकते इसके गहरे रंग के फूलों से बगीचा खिल उठता है। इसे सूरज की तेज रोशनी पसंद आती है। बरसात में ऊपर से पानी देने की जरूरत नहीं। पौधे गल सकते हैं। 

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कॉसमॉस: वैसे तो यह सालभर फूलों से गुलजार रहने वाला पौधा है, लेकिन इसे लगाने के लिए यह मौसम सबसे सही है। इस पौधे के अलग-अलग रंगों के फूलों की कई प्रजातियां हैं। पर इसके हल्के बैंगनी रंग के फूल बहुत ही मोहक दिखते हैं। बारिश के महीने में लगाया जाए, तो पूरा बगीचा इसके फूलों से जल्दी भर जाएगा।

साल्विया: लाल साल्विया को स्कारलेट सेज या ब्लड सेज भी कहते हैं। बैंगनी, सफेद और गुलाबी रंग की इसकी वेराइटी भी बहुत पॉपुलर हैं। इसके पॉट की ड्रेनेज सही होनी चाहिए खासकर बरसात के मौसम में। इसे लगाने के लिए बलुही मिट्टी सबसे परफेक्ट मानी गयी है। 

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बालसम: यह ब्राइट कलर के फूलों का पौधा है। हिंदी में लोग इसे गुलमेंहदी के नाम से भी जानते हैं। यह बरसात में लगाने के लिए बिलकुल सही है। इसके फूल लाल, मजेंटा, बैंगनी, गुलाबी रंग के होते हैं। अच्छा होगा अगर आप भी अपने यहां हर रंग के बालसम लगाएं। इसमें बहुत सारे बीज होते हैं, जिसे आप दूसरे सीजन के लिए स्टोर कर सकते हैं।

इन्सेक्टिसाइड्स इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर राजेश अग्रवाल के अनुसार बरसात के मौसम में पौधों को रोगों से बचाने के लिए गमलों में पानी जमा नहीं होने दें। नियमित अंतराल पर नीम का तेल, खारा घोल, उबले हुए नीबू के छिलके का घोल या नीलगिरी के तेल का छिड़काव करें।