चाहे कुछ दुकानें खुलने लगी हैं और कुछ लोग काम पर भी जाने लगे हैं, लेकिन अगर बहुत जरूरी ना हो, तो बेवजह बाहर के काम नहीं निकालें और यथासंभव घर में मौजूद चीजों से ही जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करें। बागवानी के शौकीनों के लिए कुछ ऐसे होममेड फर्टिलाइजर्स बताए जा रहे हैं, जो आपके पौधों को स्वस्थ रखेंगे-
दो-तीन दिन तक प्याज की ऊपरी परत यानी बिलकुल सूखे पतले छिलकों को जमा करते जाएं। एक कप छिलका जमा होने पर इसे एक कंटेनर में डाल कर उसमें एक लीटर पानी मिला लें। कंटेनर का ढक्कन बंद करके एक दिन के लिए छोड़ दें। दूसरे दिन ढक्कन खोलें। पानी का रंग गुलाब के शरबत की तरह लाल हो जाएगा। इसे छन्नी से अच्छी तरह छान लें। इसको थोड़ा-थोड़ा करके अपने पौधों में डालें। यह 6से 7 गमलों के लिए पर्याप्त है। ध्यान रहें प्याज में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों को फायदा पहुंचाते हैं।
खाना बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले चावल को कुछ देर तक पानी में भिगो कर रख दें। पंद्रह मिनट के बाद हल्के हाथों से रगड़ कर साफ कर लें। इस पानी को अपने गमलों में डालें। अगर इस पानी का अधिक फायदा लेना चाहते हैं, तो इसे एक बोतल में 3-4 दिनों तक बंद करके रख दें। यह फर्मेंट हो जाएगा। अब इसमें दस गुना पानी मिला दें यानी एक कप फर्मेंटेड राइस वॉटर को 10 कप पानी में घोल लें। पानी मिलाए बिना यूज करने से प्लांट में फंगस लग सकती है। इसे हर तरह के प्लांट्स में डाला जा सकता है। महीने में 2 बार डालें।
केला भारतीय घरों का कॉमन फ्रूट है। यह पोटैशियम, कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर होता है। केले के छिलके में भी बहुत गुण होते हैं। तीन-चार केले के छिलकों को 1-1 इंच के टुकड़ों में काट लें। अब एक से डेढ़ लीटर पानी में डाल दें। तीन दिन तक ढक कर रखें। इसे अच्छी तरह छान लें। इस पानी को गमलों में सीधे डाल सकते हैं।
जिस दिन खिचड़ी बना रहे हों, दाल-चावल को साथ धो लें और इस पानी को पौधों में डालें।
आलू को छील कर पानी में डाल दें। इस पानी को 6-7 घंटे के बाद पौधों में डालें। पौधों को पर्याप्त पोटैशियम मिलेगा।