Wednesday 22 December 2021 11:48 AM IST : By Saumya

महिलाओं को ज्यादा क्यों सताता है माइग्रेन, क्या है इसका घरेलु इलाज

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आए दिन बर्दाश्त से बाहर तेज सिर दर्द हो, तो इसे सामान्य सिर दर्द मान कर अनदेखा ना करें। यह माइग्रेन का दर्द हो सकता है। महिलाओं को बार-बार होने वाला तेज सिर दर्द पुरुषों की तुलना में 2-3 गुना अधिक होता है। इस दर्द की शुरुआत आमतौर पर लड़कियों में किशोरावस्था में होती है। मेनोपॉज की स्टेज तक पहुंचने पर माइग्रेन के अटैक कम हो जाते हैं और पहले की तरह तेज दर्द भी नहीं होता। यह दर्द लगभग 2 से 72 घंटे तक बना रह सकता है। इसमें सिर का एक हिस्सा दर्द की चपेट में आता है, इसलिए इसे आधे सिर का दर्द या अधकपारी भी कहते हैं।

माइग्रेन के टाइप

फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड व प्रोफेसर डॉ. माधुरी बिहारी बताती हैं कि माइग्रेन के अटैक दो तरह के होते हैं- माइग्रेन विदाउट औरा व माइग्रेन विद औरा। माइग्रेन विदाउट औरा में अचानक बहुत तेज दर्द होता है। दूसरी तरह के माइग्रेन में शुरुआत औरा से होती है। इसमें आंखों के सामने टेढ़ी-मेड़ी लकीरें बनने लगती हैं और काले धब्बे दिखायी देते हैं या कुछ मिनट के लिए अंधेरा छा जाता है। सिर के एक हिस्से में दर्द होता है और लगता है कि सिर पर हथौड़ा चल रहा हो। कई बार यह दर्द एक तरफ से दूसरी तरफ जाता महसूस होता है। उल्टियां आने के साथ-साथ रोशनी व आवाज से परेशानी महसूस होती है। आंखों में तेज दर्द होता है। आंखों के नीचे काले घेरे हो सकते हैं। 

क्यों होता है यह दर्द 

डॉक्टरों का कहना है कि यह न्यूरोलॉिजकल समस्या है। ट्राइगेमिनल नर्व में न्यूरोकेिमकल बदलाव की वजह से माइग्रेन होता है। इसमें ब्रेन के केमिकल्स खासतौर से सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है, इस वजह से न्यूरोपेप्टाइड का स्राव दिमाग के बाहरी हिस्से में पहुंच कर माइग्रेन पैदा करता है। ऐसा माना जाता है कि दिमाग के कुछ हिस्सों में मौजूद ब्लड वेसल्स में गड़बड़ी के कारण पहले औरा और फिर माइग्रेन होता है। हर 5 में से 1 महिला और 15 में से 1 पुरुष इसकी चपेट में आता है। 

मुख्य कारण

जिनकी फैमिली में माइग्रेन की हिस्ट्री रही हो, उनके इसकी चपेट में आने की अधिक आशंका होती है। 

पीरियड्स, मेनोपॉज, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में हारमोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से माइग्रेन का दर्द हो सकता है। यही वजह है कि महिलाएं इसकी चपेट में ज्यादा आती हैं।

वातवरण में बदलाव जैसे अचानक गरम से ठंडी जगह या फिर ठंडे से गरम मौसम में जाना, तेज रोशनी या धूप में आंखें चुंधियाना।

पुराना पनीर, ज्यादा नमकवाली चीजें, किसी तरह के प्रोसेस्ड या डिब्बाबंद खाने में मिलाया जाने वाला रंग, चॉकलेट जैसी मीठी चीजें खाना या फिर स्मोकिंग या ड्रिंकिंग करना। 

पेंट या परफ्यूम की तेज गंध। 

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सोने और जागने के रुटीन में गड़बड़ व तनाव।

कौन सी जांच कराएं 

माइग्रेन विश्वभर की बीमािरयों में से सातवें नंबर की ऐसी बीमारी है, जिसमें दर्द की वजह से व्यक्ति काम करने के लायक नहीं रहता। इसे किसी पेनकिलर मेडिसन से ठीक नहीं किया जा सकता। 

दर्द होने पर न्यूरोलॉिजस्ट से मिलें। एमआरआई व अन्य टेस्ट से माइग्रेन का पता लगाया जा सकता है। हालांकि इसका इलाज नहीं है, पर इसे डाइबिटीज और थाइरॉयड की तरह मैनेज किया जा सकता है। 

घरेलू उपाय

रोज 10 से 12 बादाम खाएं। यह माइग्रेन का बेहतरीन इलाज है।

अदरक के टुकड़े खाएं। इससे मिचली की समस्या में आराम मिलेगा। 

रोज सुबह-शाम एक गिलास अंगूर का रस पिए। 

बंदगोभी को पीस कर इस पेस्ट को एक सूती कपड़े में ठीक ढंग से बिछा कर माथे में बांधें। पेस्ट सूखने लगे, तो नया पेस्ट बना कर बांधें। इससे दर्द मे आराम मिलेगा। 

माथे पर नीबू के छिलकों का पेस्ट बना कर बांधें, फायदा होगा।

पिपरमेंट के तेल से सिर दर्द वाले हिस्से की मालिश करें।

गाय के घी की 2-4 बूंदें सुबह-शाम नाक में डालें, माइग्रेन में आराम मिलेगा। 

नाक से कुछ दिनों तक लगातार भाप लेने से भी फायदा होता है।

सिर, माथे और गरदन पर तौलिए में बर्फ रख कर सिंकाई करें।

गाजर और पालक के रस को मिला कर पिएं।

माइग्रेन और सामान्य सिर दर्द 

डॉ. माधुरी बिहारी बताती हैं कि माइग्रेन और सामान्य सिर दर्द, दोनों अलग-अलग हैं। सामान्य सिर दर्द में सिर के दोनों हिस्सों में आंखों के आसपास दर्द होता है, जबकि माइग्रेन में सिर के पिछले हिस्से में या फिर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। इसमें उल्टियां बहुत आती हैं। यह जरूरी नहीं है कि सिर में होने वाला दर्द माइग्रेन हो।