अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महिलाएं सीख लें ये दो योगासन, जो ना सिर्फ उन्हें फिट रखेंगे, बल्कि पीरियड्स और थायरॉइड की परेशानी से भी राहत दिलवाएंगे, इन्हें करना बहुत आसान तो है, लेकिन किसी एक्सपर्ट की राय से करें, तो बेहतर होगा।
नौकासन (बोट पोज)

कैसे करना है: पीठ के बल फर्श पर लेट कर शुरुआत करें। अपने हाथों को अपनी तरफ और अपने पैरों को एक साथ मिला कर रखें। अब बिना झुके अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इसके अलावा, अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को फर्श से उठाएं और अपनी बांहों को अपने पैरों की ओर फैलाएं। लगभग 3 मिनट तक इस स्थिति में रहें और फिर मूल स्थिति में लौट आएं।
कौन ना करें: यदि आपको निम्न रक्तचाप, गंभीर सिर दर्द, माइग्रेन है या यदि आप हाल के दिनों में रीढ़ की हड्डी के विकारों से पीड़ित हैं, तो इस योग मुद्रा का अभ्यास ना करें। अस्थमा पीडि़त और हृदय रोगी भी इस मुद्रा से बचें।
लाभ: पेट, हिप की मसल्स, रीढ़ मजबूत। किडनी, थायरॉइड, प्रोटेस्ट ग्लैंड सक्रिय
मार्जरी आसन (कैट पोज)

कैसे करना है: सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल टेबल-टॉप स्थिति में या वज्रासन की स्थिति में आ कर शुरू करें। सुनिश्चित करें कि आपकी रीढ़ फर्श के समानांतर स्थिति में रहे। दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर टिकाएं। श्वास लें और अपने पेट को फर्श की ओर नीचे धकेलें। अपनी टेलबोन और गरदन को छत की ओर उठाएं। यह गाय मुद्रा है। एक सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर अपनी रीढ़ को छत की ओर उठा कर कैट पोज में आ जाएं। अपनी टेलबोन को सिकोड़ें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती पर रखें। कुछ सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहें। यह आसन 10 बार करें।
कौन ना करें: कमजोर या बहुत मजबूत कलाई और कंधे वाले व्यक्ति इस मुद्रा से बच सकते हैं, और मार्जार्यासन के आसान वर्जन में जा सकते हैं। मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय कंधों में किसी भी प्रकार की चोट को गंभीरता से लेना चाहिए।
लाभ: रीढ़ की हडि्डयां मजबूत व लचीली, अच्छी नींद, मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स में राहत