Friday 01 March 2024 12:36 PM IST : By Nishtha Gandhi

सेहत के लिए कितनी सही हैं हेल्थ गमीज

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मीठी-मीठी, रंगबिरंगी कैंडीज अब सिर्फ टॉफी की दुकान पर ही नहीं, केमिस्ट की शॉप पर भी मिल जाएंगी। इन्हें हेल्थ गमीज कहा जाता है। बाल झड़ रहे हों, स्किन की समस्या हो, नाखून टूट रहे हों या फिर शरीर में विटामिन की कमी हो, हेल्थ गमीज आजकल युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रही हैं। विटामिन की आम गोलियों और कैप्सूल्स के मुकाबले इन कैंडीज को खाना आसान होता है और ये खाने में टेस्टी भी होती हैं, इसलिए भी इन्हें ज्यादा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि आज हर तरह की गमीज से बाजार भरा पड़ा है। हर एज ग्रुप के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग, बच्चों के लिए अलग, युवकों के लिए अलग, ना जाने कितनी ही तरह की हेल्थ, स्किन, नेल्स व हेअर गमीज कंपनियां ग्राहकों को परोस रही हैं, जो आसानी से केमिस्ट शॉप पर या ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हालांकि यह जानना भी जरूरी है कि क्या वाकई ये गमीज आपको भरपूर पोषण दे रही हैं, जितना आप सोच रहे हैं।

फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल के वरिष्ठ डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अनिल के. वी. मिंज के अनुसार, ‘‘इन गमीज से आपको आम विटामिन की गोलियों व कैप्सूल्स के मुकाबले में कम पोषण मिलता है। लेकिन चूंकि ये खाने में अच्छी लगती हैं, इसलिए लोग इन्हें खाना पसंद करते हैं। जब भी आप कोई विटामिन सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो उन्हें लगातार नहीं खाना चाहिए। क्योंकि कुछ विटामिंस हमारे शरीर में इकट्ठे भी हो जाते हैं। आप चाहे कोई भी विटामिन लेना शुरू करना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। वैसे तो कोशिश यही करनी चाहिए कि हम अपनी डाइट को बैलेंस्ड रखें, जिससे हमें इन विटामिंस को लेने की जरूरत ही ना पड़े।’’

कितनी सेफ हैं ये गमीज

आमतौर पर बालों व नाखूनों की ग्रोथ के लिए जो गमीज ली जाती हैं, वे सेफ होती हैं। इनमें कोलेजन, जिंक, बी व सी जैसे विटामिंस और बायोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये सारी चीजें हमारी बॉडी में नाखूनों व बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी मानी जाती हैं, पर दिक्कत तब होती है, जब इनकी लत लग जाती है। एक निश्चित समय पर जब इन्हें खाना बंद नहीं किया जाता या फिर टॉफी की तरह इन्हें हम खाने लगते हैं, तो शरीर में ये तत्व जमा होने लगते हैं और थायरॉइड, डायरिया, ब्लोटिंग जैसी और भी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

टॉफी की तरह मीठी करने के लिए इनमें चीनी मिलायी जाती है, जो डाइबिटीज का रिस्क पैदा कर सकती हैं।

बच्चों व टीनएजर्स को इसकी लत लग जाए, तो ये उनके दांतों में कैविटी पैदा करती हैं। इनमें मौजूद आर्टिफिशियल कलर्स और फ्लेवर्स बॉडी में हारमोनल इंबैलेंस बढ़ाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि एेसे बहुत से लोग उनके पास इलाज के लिए आते हैं, जो पहले से ही बिना किसी डॉक्टरी सलाह के ये गमीज शौकिया तौर पर खा रहे होते हैं। यह आदत गलत है। आप जो भी हेल्थ सप्लीमेंट लेना शुरू करें, उसके लिए पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।

खरीदने से पहले लेबल चेक करें

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चाहे गमीज हों या कोई और प्रोडक्ट, उन्हें खरीदने से पहले लेबल जरूर चेक कर लेना चाहिए। इसमें क्या-क्या इंग्रीडिएंट्स शामिल हैं, उन्हें चेक करें। प्रोटीन के लिए सोया, डेयरी प्रोडक्ट्स, ग्लूटेन या नट्स जैसी चीजों से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा इसकी कितनी मात्रा रोज लेनी है, यह जानकारी भी जरूर चेक करें। इसमें बायोटीन, विटामिंस, मिनरल्स की कितनी मात्रा है, यह लेबल पर लिखा होना चाहिए।