कभी-कभी तेल से शरीर की मालिश करने और हफ्ते में 1-2 बार नियमित रूप से मालिश करने में काफी फर्क है। स्वस्थ रहने के लिए जीवनशैली पर गौर करने की जरूरत है। जिस तरह सही खाना, पर्याप्त पानी पीना और समय पर सोना-उठना शरीर को लंबी उम्र तक रोग मुक्त रखने का रहस्य है, ठीक उसी तरह आयुर्वेद में कई बीमारियों से बचाव के लिए शरीर पर तेल की मालिश के लिए सलाह दी जाती है। हर्बल ऑइल मसाज के लिए अच्छा माना जाता है, जो प्राकृतिक तरीके से शरीर को हर तरह से लाभ पहुंचाता है।
कौन सा तेल इस्तेमाल करें
बादाम का तेलः इस तेल में अच्छे फैटी फैसिड होते हैं। यह त्वचा को मुलायम बनाता है, टिशू को रिपेअर करता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है। यह तेल एक तरह से त्वचा के लिए एंटी एजिंग का भी काम करता है।
जोजोबा ऑइलः जोजोबा ऑइल में विटामिन ई और विटामिन बी होता है। शरीर में दर्द या सूजन हो, तो इस तेल की मालिश कर सकते हैं।
ऑलिव ऑइलः ऑलिव ऑइल में एंटी ऑक्सीडेंट्स काफी मात्रा में होते हैं। यह फ्री रेडिकल्स से त्वचा पर होनेवाले बुरे असर को रोकता है। जोड़ों के दर्द और अकड़न से भी राहत देता है।
तिल का तेलः तिल का तेल अपने एंटी बैक्टीरियल गुणों की वजह से त्वचा को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा नारियल का तेल व एप्रिकॉट ऑइल भी तन की मालिश के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
मालिश के लाभ
रिलैक्स मांसपेशियांः नियमित मालिश से कार्टिसोल के स्तर में कमी आती है, जिससे मूड अच्छा रहता है। मन व शरीर को सुकून मिलता है और व्यक्ति स्ट्रेस फ्री महसूस करता है। मालिश एक तरह से थेरैपी का काम करती है, जो ना केवल मानसिक तनाव और दर्द को कम करती है, बल्कि जोड़ों के दर्द को भी दूर करती है। मालिश से मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। यह मांसपेशियों की टोनिंग करती है और फ्लेक्सिबिलिटी को भी बेहतर बनाती है। खराब पोस्चर भी धीरे-धीरे मालिश से ठीक होने लगता है।
ब्लड प्रेशर पर कंट्रोलः अगर हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है, तो नियमित मालिश से यह परेशानी कंट्रोल हो सकती है। इतना ही नहीं, यह कार्डिएक हेल्थ में सुधार लाने में मदद करती है।
शरीर की इम्यूनिटीः शोधों के मुताबिक रेगुलर मसाज से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार रहता है। सही मायने में मालिश से पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।
बॉडी रिजुविनेशनः रिजुविनेटिंग मसाज ऑइल बॉडी पर सबसे अच्छा असर करता है। यह तन व मन को ठंडा और शांत करता है। स्फूर्ति महसूस होती है। आप चाहें, तो बराबर मात्रा में ऑलिव ऑइल, जोजोबा ऑइल, बादाम ऑइल, सनफ्लावर ऑइल व ईवनिंग प्रिमरोज ऑइल मिक्स करके रखें और इससे
मसाज करें।
दूर करे डिप्रेशनः शरीर में तकरीबन 30 प्रेशर पॉइंट होते हैं, जो पैरों और हाथों से पूरे शरीर के साथ कनेक्ट होते हैं। इसके अलावा 7 रिफ्लेक्स सेंटर होते हैं, जो गरदन, सिर, पैंक्रियाज, किडनी, लिवर और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से ताल्लुक रखते हैं। मालिश के बाद बॉडी में अच्छे हारमोन्स रिलीज होते हैं, जो दिमाग काे शांत और डिप्रेशन काे दूर करने में मदद करते हैं।
डेड स्किन और गंदगी करे दूरः जब बदन में तेल की मालिश होती है, तो डेड स्किन दूर होती है। खासतौर पर नाभि, कान के पीछे के भाग, घुटने, कोहनी की त्वचा की ना सिर्फ टैनिंग दूर होती है, बल्कि त्वचा का रंग भी निखरता है।
नसें रहती हैं स्वस्थः जब हल्के प्रेशर के साथ बदन की मालिश होती है, तब मांसपेशियों पर दवाब पड़ता है, जिससे नसें रिलैक्स होती हैं और यह ज्यादा अच्छी तरह से काम करती हैं। मस्तिष्क काम पर ज्यादा फोकस कर पाता है।
हार्ट हेल्थ होती है इंप्रूवः सीधी हथेली की अंजुली में तेल रख कर दिल के बीचोंबीच में रखें और धीरे-धीरे फैलाते हुए मालिश करें। इससे हार्ट का फंक्शन अच्छा होगा और तन में स्फूर्ति महसूस होगी।
सही डाइजेशनः पेट की मालिश होने पर नाभि की सक्रियता बढ़ती है। पेट के निचले भाग की मालिश से पीरियड पेन में राहत मिलती है। मालिश से बड़ी आंत, लिवर, पैंक्रियाज, प्लीहा (तिल्ली) सभी सही काम करते हैं, जिससे आंतों में गैस्ट्रिक जूस पर्याप्त मात्रा में निकलता है और लिवर सही काम करता है।
साइनस और जुकाम से राहतः माथे पर, आंखों के आसपास मालिश करने पर सिर दर्द और कमजोर नजर पर अच्छा असर होता है। मालिश करने के बाद स्टीम जरूर लें। इससे जुकाम और सिर दर्द से राहत मिलेगी। सिर की नियमित तेल मालिश से बालों की जड़ों को अच्छा पोषण मिलता है और वे चमकीले व मुलायम रहते हैं।
मालिश कब और कैसे करें
अगर पहली बार मालिश करने जा रही हैं, तो मसाज प्रेशर पर ध्यान दें। मीडियम प्रेशर सही रहता है। मसाज कम से कम महीने में 2 बार कराएं। अगर 3 बार कराते हैं, तो बहुत अच्छा होगा। नहाने से पहले कम से कम 1 घंटा पहले बदन पर तेल की मालिश करें। मालिश हमेशा गुनगुने तेल से करें। अपनी अंजुली में तेल डालें और इससे पूरे बदन पर हल्के प्रेशर के साथ मालिश करें। मालिश के बाद नहाने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।