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मेनोपॉज किसी भी महिला के जीवन में ऐसा दौर है, जब हारमोन्स में सबसे ज्यादा असंतुलन होता है, जिससे उन्हें कई बार हॉट फ्लैशेज, मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, बेवजह की उदासी और खालीपन का सामना करना पड़ता है। सही और संतुलित खानपान, फल और सब्जियों का सेवन मेनोपॉज को ना सिर्फ आसान बनाते हैं, बल्कि वजन भी कंट्रोल में रखते हैं। योग गुरु भी मेनाेपॉज को सहज बनाने के लिए आसानी से किए जानेवाले आसन को रेगुलर करने की सलाह देते हैं। योग थेरैपिस्ट डॉ. नेहा जैनर कहती हैं कि महिलाओं को सुप्त बद्ध कोणासन, हलासन, सर्वांगासन, पद्म हस्तासन, धनुरासन, त्रिकोनासन, मलासन के अलावा रूटीन में वक्रासन, बालासन, भुजंगासन और ओम का उच्चारण नियमित रूप से जरूर करना चाहिए।

वक्रासन

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मैट पर पांव फैला कर सांस को अंदर की ओर खींचते हुए एकदम सीधा बैठें।बाएं पैर को मोड़ें। दाएं घुटने के ऊपर से बाएं पैर को जमीन पर रखें।सांस को छोड़ते हुए धड़ को जितना संभव हो उतना मोड़ें। अब जिस ओर बैठे हैं, गरदन को उसकी विपरीत दिशा में मोड़ें।बाएं हाथ को जमीन पर टिका लें और सामान्य रूप से सांस लें।60 सेकेंड के लिए इसी मुद्रा में रहें। इसी तरह दूसरी ओर से भी करें।

योग से मिलनेवाले लाभ:यह आसन मेनोपॉज के दौरान होनेवाली कई समस्याओं से राहत दिलाता है। साथ ही कमर की चरबी को भी कम करता है। एब्स को मजबूत बनाता है। बॉडी को डिटॉक्स करता है। शरीर की गरमी काे भी शांत करता है। साइटिका के दर्द को दूर करता है। डाइजेशन को भी मजबूत करता है।

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बालासन

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बालासन

फर्श पर वज्रासन में पैरों को अंदर की ओर मोड़ कर बैठ जाएं। अब सांस रोकते हुए दोनों हाथों को जितना संभव हो सके, आगे ले जाएं।

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60 सेकेंड तक इसी मुद्रा में रखें। फिर सांस छोड़ते हुए वापस आएं और सीधे बैठें। ऐसे 1-3 बार करें। अगर आपकी कोई मेडिकल कंडीशन है, तो बिना डॉक्टरी सलाह के इसे ना करें।

योग से मिलनेवाले लाभ: यह आसन कूल्हों, जांघों और टखनों में मजबूती लाता है। दिमाग को शांत रखता है। तनाव और डिप्रेशन को दूर करता है। यह गरदन व पीठ के दर्द से छुटकारा दिलाता है। बालासन पूरे शरीर को आराम देता है।

भुजंगासन

Portrait of gorgeous young woman practicing yoga indoor. Beautiful girl practice cobra asana in class.Calmness and relax, female happiness.Horizontal, blurred background
भुजंगासन

पेट के बल फर्श पर लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को कंधों के बराबर ले कर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श पर रखें।अब अपने शरीर का वजन हथेलियों पर डालें।सांस भीतर खींचें और अपने सिर को उठा कर पीठ की ओर पीछे खींचें। फिर धीरे-धीरे अपनी पहले की अवस्था में आएं। ऐसा 3 बार करें।

योग से मिलनेवाले लाभ:यह आसन मेनोपॉज के दौरान होनवाले तनाव और थकान को दूर करता है। हृदय स्वस्थ होता है। मांसपेशियां कसती हैं।

ओम और प्राणायाम

पद्मासन की अवस्था में फर्श पर बैठ जाएं। सांस अंदर की ओर खींचें और कुछ देर रोकें। अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए ओम का उच्चारण करें।ऐसा तीन बार करें।

Woman Yoga - relax in nature
पद्मासन

ओम से मिलनेवाले लाभ:ओम योग से एकाग्रता और याददाश्त में वृद्धि होती है। मेनोपॉज के दौरान होनेवाले तनाव और अनिद्रा जैसी परेशानी दूर होती हैं।अनुलोम-विलोम प्राणायाम दिमाग को शांत और मस्तिष्क को सक्रिय रखने में मदद करता है।कपालभाति प्राणायाम को करने से मोटापा, मधुमेह और कब्ज दूर होता है। यह चेहरे की आभा को भी बढ़ाता है।भस्त्रिका प्राणायाम करने से थायरॉइड कंट्रोल में रहता है, लेकिन इसे रेगुलर करना होगा।

मेनोपॉज सेक्स का दि एंड नहीं

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, सीके बिरला अस्पताल, गुरुग्राम डॉ. अरुणा कालरा के मुताबिक ‘‘संसर्ग सुख के अलावा दूसरे पहलुओं पर भी गौर करें। व्यायाम, जीवनशैली, खानपान में भी बदलाव लाएं और सोच बदलें।’’ रेगुलर सेक्स जरूरी नहीं। साथ रहने, हंसने, खेलने और स्पर्श से भी सुख मिलता है।मेनोपोज में सेक्स डिजायर कम हो जाती है, क्योंकि शरीर में इस्ट्रोजन हारमोन्स की कमी से वेजाइनल ड्राईनेस, जेनाइटाल में कम ब्लड सर्कुलेशन होता है। इस दौरान आनुवंशिक बीमारियां भी उभरने लगती हैं जैसे दिल की बीमारी, डाइबिटीज या हाइपरटेंशन, ऑस्टियोपोरोसिस, पीठ या कमर का दर्द। इन वजहों से भी सेक्स में इन्वॉल्व होने का मन नहीं होता। इस्ट्रोजन की कमी होने की वजह से बॉडी शेप में दिक्कत होने लगती है, पेट बढ़ जाता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। सेक्सुअल कॉन्फिडेंस कम हो जाता है। डॉ. अरुणा कालरा के मुताबिक इस समय अपनी सोच और जीवनशैली में बदलाव कर मेनोपॉज के दौर काे सहज बनाया जा सकता है। पति-पत्नी एक-दूसरे की सहमति के साथ सेक्सुअल लाइफ को एक्टिव रख सकते हैं। मेनोपॉज के दौरान पेप स्मीयर, मेमोग्राम, अल्ट्रासाउंड जैसे सारे टेस्ट कराने के बाद अगर नतीजे सब ठीक आते हैं, तो डॉक्टरी राय के मुताबिक इस्ट्रोजन क्रीम या इस्ट्रोजन पैच का इस्तेमाल करें, जिससे वेजाइनल लुब्रिकेशन की परेशानी दूर होगी। जब आपको मेनोपॉज के लक्षण महसूस होने लगें, जैसे डिप्रेशन, मूड में बदलाव, अनियमित माहवारी, बदन दर्द, तो डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टरी सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट, विटामिन ई, ईवनिंग प्रिमरोज ऑइल लें। वेट और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करें। मांसपेशियों में कसावट आएगी, ये मेनोपॉज के स्टेज को स्मूद बनाएंगे और सेक्स की ओर रुझान बना रहेगा।

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