ADVERTISEMENT

फूड क्रेविंग की कई वजहें होती हैं जैसे भावनात्मक तनाव, पेट व हारमोन की गड़बड़ी और मौसम में बदलाव होना। डाइजेस्टिव सिस्टम में गड़बड़ी का कारण खाने में बहुत रिफाइंड चीजों का प्रयोग करना है जैसे मैदा, सफेद ब्रेड, सूजी, सफेद चीनी वगैरह। इससे पेट में अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके कारण खाने की इच्छा बढ़ जाती है। ओव्यूलेशन पीरियड, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज के आसपास हारमोन्स में बदलाव भी क्रेविंग को बढ़ावा देते हैं।

क्रेविंग का मनोविज्ञान

ADVERTISEMENT

नमकीन या मीठे, दोनों तरह की क्रेविंग होती है। क्रेविंग के पीछे अलग-अलग मनोविज्ञान है। वैदिक डाइट की फाउंडर डॉ. शिखा शर्मा के मुताबिक, ‘‘मीठा खाने वाले लोगों को कुछ छिन जाने या नुकसान होने का डर रहता है। यह डर रिश्ते को खोने या रुपयों के नुकसान होने का हो सकता है। जिन लोगों को नमकीन की क्रेविंग होती है, उन्हें हाथ से चीजें छूट जाने का अफसोस रहता है। दोनों ही स्थितियों में मन में डर हावी रखता है। मीठे या नमकीन की क्रेविंग होती हो, तो फ्रूट और रोस्टेड नमकीन जैसे हेल्दी रिप्लेसमेंट ढूंढ़ें।’’

क्रेविंग और डाइट

ADVERTISEMENT

कभी भी डाइट कंट्रोल से क्रेविंग कम नहीं होती है। ना ही कंट्रोल से मोटापा कम होता है। डाइट में रिप्लेसमेंट ढूंढे़ं, तो अच्छा है। अगर आपको मीठे की क्रेविंग होती है, तो प्योर मीठा खाने की जगह दही में कटे फल, बीज, अखरोट, ब्लू या कैनबेरी डाल कर खाएं। खजूर या अंजीर खाएं। चूंकि क्रेविंग कम समय के लिए होती है, इसीलिए उस खास समय में खुद को बिजी कर लें, तो क्रेविंग चली जाती है। हेल्दी चीज से रिप्लेसमेंट और ध्यान किसी दूसरी ओर ले जाना ही इसका सॉल्यूशन है।

भुनी हुई मूंगफली और भुने हुए चने का पैकेट बना कर पर्स में रखें। अगर ब्रेकफास्ट खाना भूल जाएं, तो इसे खा सकते हैं। इसमें आयरन और प्रोटीन का अच्छा कॉम्बिनेशन है। अगर किसी को इसे खाने से गैस की परेशानी हाेती है, तो अदरक को नमक के साथ भून कर दिन में दो बार खाएं।

ADVERTISEMENT

मन लगा कर खाना

अगर आपके घर में चिप्स, लड्डू, कोल्ड ड्रिंक रखा है, तो कोई भी इसे खाने-पीने से खुद को रोक नहीं पाएगा। अपने घर में ऐसी चीजें रखेंगे, तो क्रेविंग होगी। महिलाओं के साथ ऐसा भी होता है कि वे अपने पेट को डस्टबिन बना देती हैं। इसीलिए भी उनका वजन बढ़ जाता है। खाने की वही चीजें अपने आसपास रखें, जो शरीर के लिए नुकसानदायी ना हों, वरना ना रखें। मेहमानों के लिए मीठा या नमकीन उतना ही मंगाएं, जितना उस समय खप जाए।

एक्सरसाइज का असर

कई बार स्ट्रेस दूर नहीं होने पर कहीं ना कहीं शरीर में असंतुलन दिखायी देने लगता है। लोग ओवरईटिंग करने लगते हैं या अगड़म-शगड़म खाने लगते हैं। जरूरी है
इस स्ट्रेस को एक्सरसाइज करके दूर करें। वॉक, जॉगिंग, योगा, जुंबा, डांस जैसी एक्टिविटी अपना सकते हैं।

चाय-कॉफी की तलब को कैसे रोकें

चाय-कॉफी की आदत भी शरीर को नुकसान पहुंचाती है। प्रोटीन शेक के 2-4 पाउच पर्स में रखें। इन्हें गरम पानी में मिला कर पी सकती हैं। साबुत अनाज जैसे जौ, बाजरा, रागी को अपनाएं। इससे क्रेविंग कंट्रोल में रहेगी।

ADVERTISEMENT