उत्तर भारत में नवरात्रि के व्रत की बहुत मान्यता है। नवरात्रि के व्रत तो घर परिवार में कई लोग रखते हैं। लेकिन व्रत और उपवास की जिम्मेदारी आमतौर पर महिलाएं ही निभाती आई हैं। हालांकि व्रत रखने वाले लोग सबसे पहले ये सोचते हैं कि वो क्या खा सकते हैं। बाज़ार में मिलने वाली तरह तरह की लुभावनी थाली ने नवरात्रि के व्रत को त्यौहार बना दिया है और मजेदार खाना खाने का एक ऐसा मौका भी बना दिया है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। जबकि व्रत का अर्थ ही होता है संयम और अनुशासन। व्रत के दौरान अगर तरह तरह के पकवान आपको लुभा रहे हैं तो इसका सीधा सा अर्थ ये है कि आपकी स्वाद इंद्रियां और मन आपके वश में नहीं है। व्रत संस्कृत मूल का एक शब्द है। जिसके जैसे दूसरे शब्द हैं "प्रतिज्ञा, संकल्प, और भक्ति। लेकिन ये कहना जितना आसान है, व्यावहारिक तौर पर करना थोड़ा मुश्किल है।
कई कामकाजी महिलाएं भी व्रत रखती हैं जिन्हें अपने लिए अलग से कुछ बनाने का समय नहीं मिल पाता – ऐसे में रेडीमेड व्रत की थाली आसान विकल्प के तौर पर नजर आती है। लेकिन ये थाली व्रत में कम और संयमित खाने के नियम के बिल्कुल उलट भरी-पूरी होती है। साथ ही जो महिलाएं व्रत के साथ साथ डिटॉक्स और वजन कम करना चाहती हैं उन्हें तो व्रत की उत्सव जैसी थाली से दूर ही रहना चाहिए।
ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा क्या खाया जाए जो व्रत के नियमों के हिसाब से हो, डिटॉक्स भी करे और डायटिंग भी हो जाए। इस बारे में हमने न्यूट्रिशनिस्ट आरुषि शर्मा से बात की – जिन्होंने ऐसे कई तरीके सुझाए जो 9 दिन के व्रत में खाते पीते हुए आपका 9 किलो तक वजन कम करवा सकते हैं। सुनने में भले ही मुश्किल लगे लेकिन सही अनुशासन से यह संभव है।
हालांकि आरुषि के मुताबिक 9 दिन में 9 किलो से बेहतर है कि 4 से 5 किलो वजन कम करने के लक्ष्य पर काम किया जाए क्योंकि 9 दिन में इससे ज्यादा वजन घटाने से कई नुकसान हो सकते हैं – लेकिन अगर किसी को तेजी से वजन कम करना ही है तो उसके लिए नवरात्रि का नौ दिन का अनुशासित समय सुनहरा अवसर हो सकता है। नवरात्रि को आजकल “फेस्टिवल ऑफ डिटॉक्स” भी कहा जाने लगा है।
ऐसे तैयार करें अपने दिन भर की थाली
नवरात्रि की डाइट इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि इसमें अनाज, मांसाहार और मसालेदार भोजन से परहेज किया जाता है। लोग आलू, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, शकरकंद, दही, दूध और फलों का सेवन करते हैं। ये आहार पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती है और अतिरिक्त चर्बी भी पिघलने लगती है।
अगर आपको वजन कम करना है तो सबसे पहले थाली का साइज छोटा करें। यानी आप अपने लिए जो भी बनाएं, उसकी मात्रा पर सबसे पहले लगाम लगाएं। इसके अलावा व्रत में उन चीज़ों का चुनाव करें जिससे वजन घटने वाले फायदे भी मिलें और ऐसी चीजों का इस्तेमाल न्यूनतम कर दें जो वजन बढ़ा सकती हैं।
अगर हम नौ दिनों की डाइट को तीन हिस्सों में बांटकर देखें तो पहले तीन दिन डिटॉक्स की प्रक्रिया शुरू होती है। सुबह गुनगुना पानी, नींबू और शहद का सेवन, दिन में फल और दही तथा रात को हल्की सब्जियां लेने से शरीर तेजी से अतिरिक्त पानी और टॉक्सिन्स बाहर निकालता है। यही वो वक्त होता है जब वजन सबसे तेजी से घटता है। शुरुआत के दो-तीन दिन थकान लग सकती है लेकिन चार दिन होते होते शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाने लगता है। इन दिनों कुट्टू के आटे की रोटी या चीला, सामक के चावल या चीला, दही, मखाने और लौकी जैसी हल्की सब्ज़ियों को शामिल करने से न सिर्फ पेट भरा रहता है बल्कि शरीर चर्बी तोड़ना भी शुरू कर देता है। आख़िरी तीन दिन यानी सातवें से नौवें दिन यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है। इस समय आप डिटॉक्स वॉटर पिएं जिसमें आप खीरा या नींबू मिला सकते हैं , सिंघाड़े का हल्का नाश्ता, फल और सब्ज़ियों का सेवन करने से शरीर हल्का और एनर्जेटिक महसूस करता है और वजन घटाने की गति तेज हो जाती है।
तेजी से वजन घटाने के लिए ना खाएं ये चीजें
अगर आप तेजी से वजन घटाना चाहते हैं तो चाय से परहेज करें – इसकी जगह नींबू वाली चाय लें – ग्री टी के पत्ते उबालकर उसमें नींबू निचोड़ दें। चाहें तो थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं।
दिन भर में नमक का सेवन एक बार कर सकें तो बहुत अच्छा डिटॉक्स हो सकता है। कुछ लोग पूरी तरह बिना नमक के व्रत रखते हैं – हालांकि डॉक्टर इसकी सलाह नहीं देते। बिना नमक का व्रत एक दिन के लिए तो किया जा सकता है – लगातार 8-9 दिन नमक ना खाने से शरीर में सोडियम की कमी होने लगती है जो दिमाग पर बुरा असर डालती है। नमक के बिना एनर्जी भी घटने लगती है और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इसीलिए दिन भर में एक बार नमक जरुर खाएं। कई लोग नवरात्रि के व्रत में सेंधा नमक इस्तेमाल करते हैं। इसे कम मात्रा में लिया जा सकता है।
ध्यान रखें – आलू, साबूदाना, तली हुई टिक्की और पूरी जैसी चीजों और मिठाई से परहेज करें। आपके 9 दिन के भोजन में चीनी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। फल और सब्जियों में मौजूद नेचुरल शुगर शरीर के लिए काफी होती है। वजन घटाना है और व्रत का भरपूर फायदा उठाना है तो दूध, चाय और दही में चीनी ना मिलाएं। मीठा खाने का मन करे तो किशमिश, मुनक्का या खजूर खा सकते हैं। इनसे एनर्जी भी मिलेगी।
हालांकि, नवरात्रि डाइट का मतलब भूखा रहना नहीं है। सही तरीका है अल्पाहार – यानी सीमित मात्रा में खाना, पर्याप्त पानी पीना और हल्का व्यायाम करना। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है इसलिए खूब पानी पीना जरूरी है। इन नौ दिनों में जरूरी है कि हम हल्का व्यायाम करें – योग, प्राणायाम और वॉक सबसे बेहतर हैं। पूरी नींद लेना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि शरीर को आराम मिलेगा तभी वह अतिरिक्त चर्बी घटाने की प्रक्रिया को तेज कर पाएगा। रात में शरीर एनर्जी को समेटता है और डिटॉक्स करने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। इसलिए समय पर सोएं और 8 घंटे की भरपूर नींद लेँ।
वजन घटाने के अलावा इस डाइट से कई अन्य फायदे भी मिलते हैं। त्वचा साफ और निखरी हुई दिखती है, पाचन सुधरता है और शरीर हल्का महसूस करने लगता है जिससे एनर्जी दोगुनी हो जाती है। फिर भी कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं। शुगर या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के कठोर व्रत नहीं करना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी व्रत से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के लिए हल्का सात्विक भोजन ही उचित है ताकि उन्हें कमजोरी न हो।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या नौ दिन में घटा वजन बाद में वापस बढ़ जाता है। इसका जवाब है – हां, अगर नवरात्रि के बाद फिर से वही पुराना रवैया अपना लिया तो वजन तेज़ी से बढ़ भी सकता है। ऐसी गलती ना करें और व्रत के बाद धीरे-धीरे सामान्य डाइट पर लौटें। फल और सब्ज़ियों की मात्रा डाइट में बनी रहे और सप्ताह में एक-दो दिन डिटॉक्स जरूर करें।