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गरमियों में चावल की कांजी भारत के कई राज्याें में पॉपुलर हैं। जैसे दक्षिण भारत में राइस कांजी, पूर्वी राज्यों में पांता भात, पोइता भात और पोखलो। अब तो लगभग मध्य और उत्तर भारत की सभी जगहों में गरमी पड़ रही है। अब इस तरह के चावल का लाभ आप भी उठा सकते हैं। यह ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसे बनाना भी आसान होता है।

क्या है लाभ

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गट हेल्थ के लिए उपयोगी : चावल की कांजी और पांता भात पाचन संबंधी परेशानी जैसे गैस और कब्ज की परेशानी को दूर करता है और पाचन क्रिया को ठीक रखता है।

प्रोबायोटिक पावर : पेट में अच्छे बैक्टीरिया की ग्रोथ होती है, जिसकी वजह है इसमें प्रोबॉयोटिक गुण ज्यादा होेते हैं। अगर इस राइस को रेगुलर अपनी डाइट में शामिल करें तो आपको अलग से कोई प्रोबायोटिक ड्रिंक और सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं होगी।

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डिटॉक्सीफिकेशन: कांजी या पांता भात के गुण की बात करें तो यह एक तरह का नेचुरल डिटॉक्सीफायर है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को क्लीअर करता है व टॉक्सिन को रिमूव करता है।

इम्युनिटी सिस्टम : राइस कांजी इम्युनिटी बढ़ाता है। पेट की ओवरऑल हेल्थ सही रखता है। बॉडी में किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं होता और शरीर बार-बार बीमार नहीं पड़ता। रेगुलर राइस कांजी पीने से पौष्टिक तत्व शरीर में असानी से जज्ब होंगे।

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वेट मैनेजमेंट : पांता भात मेटाबॉिल्ज्म को ठीक रखता है, जिससे वजन सही रहने में मदद मिलती है।

कैसे बनाएं पांता भात व राइस कांजी

पांता भात : सबसे पहले चावल काे पका लें। इसमें पानी डाल कर 12-16 घंटे के लिए फर्मेंट होने के लिए रख दें। इसमें दही डालें। इसे कई तरह की भाजी व भरते के साथ परोसें।

राइस कांजी: इसे बनाने के लिए चावल को पका कर पानी डाल कर 12-16 घंटे के लिए रखें और दही मिलाएं। इसमें नमक मिलाएं। एक बार इसे मिक्सी में चला लें और ऊपर से करीपत्ता, उड़द दाल, राई, जीरा, हींग का तड़का लगाएं।

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