यह मानी हुई बात है कि पाचन से जुड़ी समस्या के लिए इसबगोल इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह कई तरह से खाया जाने लगा है, क्या आप जानते हैं? जी हां, अब इसबगोल की उपयोगिता को देखते हुए अमेरिका में भी इसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाने लगा है। इतना ही नहीं, ब्रेड, केक और पिज्जा तक में इसबगोल का इस्तेमाल इसमें मौजूद हाई फाइबर होने की वजह से किया जाने लगा है। पिछले पांच साल में 250 से ज्यादा इसबगोल युक्त वेलनेस प्रोडक्ट लॉन्च हुए हैं। ग्लूटेन फ्री होने और हाई फाइबर होने की वजह से यह कई तरह से लाभदायक है। ग्लूटेन फ्री बेकर्स केक और ब्रेड में ही नहीं, बल्कि सॉस को गाढ़ा करने के लिए भी इसका प्रयोग कर रहे हैं। मार्केट रिसर्च कंपनी मिंटेल के आंकड़ों के मुताबिक यह अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद बन गया है।
आहार विशेषज्ञ शिखा शर्मा के मुताबिक इसबगोल हाई फाइबर का सस्ता विकल्प है। इससे डाइजेशन ठीक रहता है। शुगर और थायरॉइड कंट्रोल रखने में भी मदद मिलती है। रात को सोने से पहले गरम दूध में हल्दी और इसबगोल की भूसी मिला कर खा सकते हैं। इतना ही नहीं, गरमियों में फ्रेश फ्रूट और वेजिटेबल जूस में कुछ मात्रा में इसबगोल मिलाया जा सकता है।
यह शरीर को हाइड्रेट रखता है, इसीलिए इसके सेवन से त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इसे रूखा खाने से बचें, पर्याप्त पानी/नीबू पानी/ दूध / सामान्य छाछ या अल्कलाइन वॉटर में मिला कर पी सकते हैं। शाम या रात काे पीना ठीक रहता है।
पेट में सूजन, गैस, अपच, कब्ज जैसी परेशानी में डॉक्टरी सलाह पर इसबगोल खाना फायदेमंद रहता है। इतना ही नहीं, आहार विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।
समर ड्रिंक में चिया सीड/ फलूदा सीड के साथ थोड़ा सा शहद, पुदीने का रस, नीबू या संतरे, तरबूज का रस और इसबगोल मिला कर पानी डाल कर सॉफ्ट ड्रिंक तैयार किया जा सकता है। इसमें चाहें तो बर्फ के कुछ क्यूब्स भी मिला सकते हैं।