Friday 15 October 2021 03:49 PM IST : By Pooja Samant

मेरे खानपान का ध्यान रखती हैं टीना -अक्षय कुमार

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तकरीबन 35-40 वर्ष पहले बेलबॉटम ने मानो फैशन की दुनिया में एक लुभावनी क्रांति ला दी थी। अब बरसों बाद पूजा फिल्म्स बैनर तले निर्माता वाशु भगनानी एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बेलबॉटम ले कर आए हैं। महज 2 महीनों में निर्माता वाशु भगनानी ने इस फिल्म की पूरी शूटिंग पिछले वर्ष स्कॉटलैंड में पूरी कर दी। अक्षय कुमार फिल्म के मुख्य हीरो हैं। लारा दत्ता, हुमा कुरैशी, वाणी कपूर फिल्म के अन्य मुख्य कलाकार हैं। फिल्म के निर्देशक रणजीत तिवारी हैं। फिल्म बेलबॉटम से जुड़े कुछ सवालों के साथ कुछ अन्य मुद्दों पर अक्षय कुमार से बातचीत के प्रमुख अंश-

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प्रश्नः 2020 के सख्त लॉकडाउन के दिनों में बेलबॉटम फिल्म को स्कॉटलैंड में फिल्माया गया, यह सब कैसे संभव हो सका?

उत्तरः यह वाशु भगनानी की परफेक्ट प्लानिंग का ही नतीजा है, जो 2 महीनों में फिल्म बेलबॉटम पूरी हो गयी। बेलबॉटम बॉलीवुड की संभवतः अकेली ऐसी फिल्म होगी, जिसे स्कॉटलैंड की धरती पर पूरा किया। पूरी एहतियात बरतते हुए वाशु भगनानी ने यह रिस्क उठा कर सभी को प्रेरणा भी दी।

प्रश्नः आपकी फिल्मों की सफलता का रेशो भी गजब है , फिल्मों की कहानियां -विषय सम -सामायिक है इसका क्या है राज ?'

उत्तरः सफलता मिलने की कोई कुंजी नहीं न यह कोई रॉकेट साइंस है। यह ऊपर वाले का आशीर्वाद भी है। अब फिल्मों की कहानियों में लॉस्ट एंड फाउंड फॉर्मूला नहीं चलता। अब दर्शक बदल गए हैं, उन्हें समाज में जो चल रहा है उस से जुड़ी कहानियां व घटनाएं देखना पसंद है। फैंटेंसी से उनका जुड़ाव नहीं रहा। अब देश में आजादी मिलने के बाद भी जब टॉयलेट की समस्या के साथ खास कर महिलाओं को जुझना पड़ता है, इसी जटिल समस्या को कहानी में पिरोते हुए 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' फिल्म बनायी, जिसे देशवासियों ने सराहा। मिशन मंगल फिल्म की कहानी भी रेलेवेंट लगी, जो वक्त का तकाजा था। ऑडियंस को अब ग्रांटेड लेने का वक्त नहीं रहा। उन्हें कॉमेडी, सीरियस हर तरह की फिल्म चाहिए। मैं ऑडियंस को वेराइटी देना चाहता हूं।

प्रश्नः बेलबॉटम सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। अचानक ऐसी अनसंग हीरोजवाली कहानियों की बाढ़ अाने पर आप क्या सोचते हैं?

उत्तरः इस देश में ऐसे कई महान लोग हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना खुद की जान हथेली पर रख दी। देशभक्ति का जज्बा उनमें कूट-कूट कर भरा था। हर देशवासी का सीना चौड़ा कर देनेवाली ऐसी कहानियां अगर फिल्मों के माध्यम से पूरी दुनिया के दर्शकों में पहुंचें, तो इससे बढ़ कर अच्छी बात और क्या होगी? मेरी फिल्म एयरलिफ्ट 2016 में रिलीज हुई थी। उस समय भी कुवैत देश में फंसे 1,70,000 लोगों को रणजीत कटियाल ने एअरलिफ्ट कर सभी की जान बचायी थी। प्रेरणादायी फिल्में हमेशा बनती रहनी चाहिए।

प्रश्नः आपको इंडस्ट्री में 30 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन व्यस्ततम और फिटेस्ट हीरो में आपका कोई सानी नहीं है। अापमें ऐसा क्या खास है?

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उत्तरः पिछले 20 वर्षों से मेरी जिंदगी बहुत अनुशासित है। सुबह 4 बजे उठता हूं, वर्कआउट करता हूं। अल्कोहल, सिगरेट, चाय-कॉफी जैसी चीजों को खुद से दूर रखा है। मुझे पंजाबी खाना पसंद है, आलू-परांठे, गोभी-परांठे, मक्खन, पनीर कैलोरीज बढ़ाने वाली सभी चीजें खाता हूं, पर सीमित मात्रा में। मेरे खानपान पर पूरा ध्यान टीना (टि्ंवकल) रखती हैं। हर हाल में मैं रात 9 बजे तक सो जाता हूं। फिल्मी पार्टियों से दूर रहता हूं। इससे मेरा फिटनेस कायम रहता है और मेरा काम भी निर्धारित शेड्यूल में पूरा हो जाता है। उम्मीद करता हूं आने वाले और 15 वर्ष मैं यहां काम कर सकूंगा। 

प्रश्नः क्या आपको फुरसत के पल भी मिलते हैं? 

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उत्तरः 2017-2018-2019 में मेरी हर वर्ष 3 से 4 फिल्में रिलीज हुई हैं। मैं ज्यादा काम करता हूं इसीलिए बेहद बिजी रहता हूं, यह मुद्दा नहीं है। मेरी प्लानिंग ऐसी होती है कि हर फिल्म 2 महीने में पूरी कर लेता हूं। मैं हर वर्ष 2 मर्तबा अपने परिवार के साथ 15-20 दिन हॉलीडेज पर जाता हूं। कभी शूटिंग के दरमियान साथी कलाकारों के साथ हंसी-मजाक करता हूं। नफरत और नेगेटिविटी को कोसों दूर रखता हूं।