Monday 23 November 2020 04:08 PM IST : By Dr. Shachi Mathur Balahara

मेरी बेटी कोरोना को ले कर बहुत डरी हुई है। वह किसी को बालकनी तक जाने नहीं देती, न्यूजपेपर को भी हाथ नहीं लगाने देती।

प्रश्नः मेरी बेटी 24 साल की स्टूडेंट है। वह हम सबके लिए बहुत परेशान रहती है। बालकनी तक जाने नहीं देती, न्यूजपेपर को हाथ नहीं लगाने देती। मेड आती है, तो सबको मास्क लगा कर रखने के लिए कहती है। बार-बार खिड़की-दरवाजे के हैंडल पोंछती है। उसके मन का यह डर कैसे दूर हो सकता है?                                   कंगना सिंह, दिल्ली

उत्तरः कोरोना ने आज सबको डरा दिया है। हर व्यक्ति असमंजस में है। आप उसे वही करने दें, जो वह चाहती है। उससे प्यार से सावधानियों के बारे में बात करें। उसे समझाएं कि आज सभी लोग कोरोना को ले कर परेशान हैं, डरे हुए हैं, लेकिन अगर हम इसे ले कर ज्यादा सोचेंगे, तो चाहे कोरोना का इन्फेक्शन बेशक ना हो, पर हम मानसिक रोगी जरूर हो जाएंगे। आप उसे दूसरे कामों में बिजी रखें, ताकि साफ-सफाई का जुनून और पैरानॉइड बिहेवियर कम हो जाए। उसे कोरोना के बारे में सोचने का मौका ही ना दें, घर के कामों में व्यस्त रखें। अगर उसका यह जुनून खत्म ना हो, तो उसे किसी योग्य मनोचिकित्सक से दिखा लें। कुछ रिलैक्सेशन तकनीक जैसे मेडिटेशन से उसे अपना मन शांत रखने में मदद मिलेगी।

प्रश्नः मैं एक स्कूल में टीचर हूं। मेरे स्कूल की प्रिंसिपल बहुत सख्त हैं, पर कान की बहुत कच्ची हैं। हमारे बीच की एक-दो टीचर ऐसी हैं, जिनका काम ही चुगली करके अपना काम निकालना है। इधर हमारी सगी बनी रहती हैं, उधर प्रिंसिपल के कान भरती रहती हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखने के उपाय बताएं?                         संजना, जयपुर

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उत्तरः बदला लेना या सबक सिखाना ही एकमात्र तरीका नहीं होता है। आप लोगों को वह करने दीजिए, जो वे कर रहे हैं। अपने हर काम का रेकॉर्ड रखिए। सबूत से बड़ा सच कोई नहीं होता। जो खुराफात करते हैं, उनका कोई इलाज नहीं होता। आप हर रोज किए गए काम की रिपोर्ट बनाइए। आजकल कोविड-19 के चलते वर्क फ्राॅम होम चल रहा है। आप अपने सेशंस और एक्टिविटीज का रेकॉर्ड प्रतिदिन प्रिंसिपल को भेजें, उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप काम को ले कर सीरियस हैं, जिम्मेदार हैं। अगर कोई टीचर आप पर और आपके काम पर उंगली उठाए या गलत बात बोले, तो प्रिंसिपल को अपनी बात बताएं। सच हारता नहीं, पर सबूत के बिना कोई विश्वास नहीं करता। कोई टीचर चुगली करती है, तो आप कुछ नहीं कर सकतीं। जब कुछ गलत हो जाएगा तब उन्हें अपने आप सबक मिल जाएगा। तब तक आप अपने काम को एंजाॅय करते रहिए और काम के प्रति निष्ठावान बने रहिए।

प्रश्नः मेरी सास हमेशा मेरी देवरानी का पक्ष लेती हैं। यह बात हमें बहुत बुरी लगती है, लेकिन कुछ कह नहीं सकती। कैसे अपने मन को समझाऊं?                                 श्रेया, दिल्ली

उत्तरः आप अपनी सास की भावनाओं को पूरी तरह से समझती हैं। आप अपनी ओर से बिना किसी अपेक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करते रहें। सबके प्रति सकारात्मक व्यवहार रखें। इससे आपके मन को शांति मिलेगी और समय के साथ आपकी सास की आपके प्रति भावनाएं भी धीरे-धीरे बदल जाएंगी। इंसान केवल अपने व्यवहार की जिम्मेदारी ले सकता है, किसी और की नहीं। अगर यह सामाजिक सत्य आप समझ लेंगी, तो खुद भी सुखी व संतुलित रहेंगी।